16 राज्यों में पकड़ा गया GST फ्रॉड, कबाड़ी का काम, फर्जी बिल और फेक कंपनी की आड़ में सरकार को 30 हजार करोड़ का चूना

जीएसटी यानी गुड सर्विस टैक्स को देश में लागू हुए करीब 6 साल हो चुके हैं. अब भी टैक्स चोरी को रोका नहीं जा पा रहा है. सरकार इसे रोकने के लिए सारे सिस्टम दुरुस्त कर रही है. फिर भी लोग फ्रॉड कर रहे हैं. यहां हर महीने किसी-न-किसी जगह से टैक्स चोरी के मामले सामने आते रहते हैं. टैक्स चोरी का ताजा मामला कानपुर का है जहां शातिरों ने करोड़ों का स्कैम किया. पिछले कुछ महीनों से जीएसटी कलेक्शन 1.50 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो रहा है. ऐसे में फ्रॉड को रोकना सरकार के लिए भी एक चुनौती बन गई है. चोर तरह-तरह के हथकंडे अपना कर ऐसे कार्य को अंजाम दे रहे हैं.

जानिए क्या है कानपुर का नया GST स्कैम
जीएसटी चोरी के स्कैम का ताजा मामला कानपुर का है, जहां पिछले हफ्ते GST और इनकम टैक्स की बड़ी चोरी का खुलासा हुआ. बता दें कि कबाड़ी का काम करने की आड़ में करोड़ों की टैक्स चोरी को अंजाम दिया जा रहा था. आरोपी स्क्रैप डीलर, बैटरी डीलर और अन्य व्यापारियों को फर्जी बिल सप्लाई करता था. इन फर्जी बिलों में वह जिन लोगों से सामान की खरीद दिखाता था, वह और कोई नहीं बल्कि रिक्शेवाले और कबाड़ उठाने वाले गरीब लोग थे. इसके बाद फर्जी आईटीसी क्लेम और जीएसटी में रिबेट भी लेते थे. आरोपी ने करीब 250 करोड़ से ज्यादा के ट्रांजैक्शन कर डाले और सरकार को 80 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान किया.

नोएडा में 5 साल से चल रहा था GST स्कैम
बता दें कि हाल ही में नोएडा में फर्जी फर्म तैयार कर GST हेरफेर करने का मामला सामने आया था. खुलासा हुआ कि गलत तरीके से GST नंबर तैयार कर बिना माल की डिलीवरी किए फर्जी बिल तैयार कर लेते थे. इसके बाद जीएसटी रिफंड लेकर सरकार के राजस्व को हजारों करोड़ का नुकसान पहुंचा रहे थे. ये फर्जी ग्रुप पिछले 5 सालों से इस तरह की फर्जी फर्म तैयार कर फ्रॉड कर रहा था.

16 राज्यों में चल रहा था जीएसटी स्कैम
बता दें कि केंद्र सरकार ने जीएसटी चोरी का पता लगाने के लिए 16 मई से 15 जून तक विशेष अभियान चलाया था. इस अभियान का उद्देश्य फर्जी बिल, फर्जी जीएसटी रजिस्ट्रेशन और गलत इनपुट टैक्स का लाभ लेने वालों का पता लगाना है. फ्रॉड जीएसटी खातों और फर्जी बिल जारी करने वाले संस्थानों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. इसमें आयकर विभाग, प्रवर्तन निदेशालय व कॉरपोरेट मामले मंत्रालय समेत अन्य एजेंसियां शामिल हैं. इस अभियान के तहत पहले सप्ताह में ही 10,000 फर्जी पंजीकरण का पता चला था. इस अभियान के तहत पता चला कि शातिरों ने सरकार को 30 हजार करोड़ रुपये का चूना लगाया है. यह फर्जीवाड़ा देश के 16 राज्यों में चल रहा था.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *