रणघोष अपडेट. देशभर
संसद में राहुल गांधी द्वारा अडानी समूह का नाम लेकर गंभीर आरोप लगाए जाने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पलटवार किया है। माना जा रहा था कि प्रधानमंत्री मोदी राहुल के उन सवालों का जवाब दे सकते हैं जो उन्होंने एक दिन पहले अडानी समूह और पीएम के बीच संबंध को लेकर उठाए थे। लेकिन पीएम मोदी ने अडानी का नाम भी नहीं लिया। लेकिन उन्होंने पिछले यूपीए सरकार के कार्यकाल का ज़िक्र कर कहा कि 2004-2014 को दशक को गँवा दिया गया क्योंकि यह ‘घोटालों का दशक’ था। उन्होंने उस दशक में ‘कॉमनवेल्थ घोटाला’, ‘कोयला घोटाला’ जैसे स्कैम का ज़िक्र किया। प्रधानमंत्री मोदी ने राहुल गांधी के भाषण का इशारों में ज़िक्र कर कहा कि ‘कुछ लोगों के भाषण के बाद पूरा ईकोसिस्टम, समर्थक… उछल रहे थे। और खुश होकर कहने लगे, ये हुई न बात! शायद नींद भी अच्छी आई होगी, शायद आज उठ भी नहीं पाए होंगे। ऐसे लोगों के लिए कहा गया है…अच्छे ढंग से कहा गया है…
ये कह-कह कर हम दिल को बहला रहे हैं,
वो अब चल चुके हैं,वो अब आ रहे हैं…।’
राहुल गांधी द्वारा एक दिन पहले आरोपों की झड़ी लगाए जाने के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने आज कहा कि 2004-2014 आजादी के इतिहास में सबसे ख़राब साल थे। उन्होंने कहा कि यूपीए के वे 10 साल कश्मीर से कन्याकुमारी भारत के हर कोने में आतंकवादी हमलों का सिलसिला चलता रहा, हर नागरिक असुरक्षित था। पीएम ने कहा कि 10 साल में कश्मीर से नॉर्थ ईस्ट तक हिंसा ही हिंसा फैला हुआ था। उन्होंने कहा, ‘आज जब देश की क्षमता का परिचय हो रहा है, 140 करोड़ देशवासियों का सामर्थ खिलकर सामने आ रहा है, ये अवसर तो उस समय भी था। लेकिन 2004-14 तक यूपीए ने वह अवसर गंवा दिया। आज यूपीए की पहचान बन गई हर मौके को मुसीबत में पलट देना।’ पीएम मोदी ने कहा कि 2010 में कॉमनवेल्थ गेम्स हुए भारत को दुनिया को सामने पेश करने का मौक़ा था लेकिन फिर मौक़ा मुसीबत में बदल गया क्योंकि कॉमनवेल्थ गेम्स घोटाले में पूरा देश बदनाम हुआ। उन्होंने कहा कि सदी के दूसरे दशक में हिंदुस्तान की चर्चा ब्लैक आउट के नाते हुए। प्रधानमंत्री बोले, ‘पूरे विश्व में ब्लैक आउट के दिन दुनिया में चर्चा के केंद्र में आ गए। कोयला घोटाला चर्चा में आ गया। 2008 के हमलों को कोई भूल नहीं सकता है, लेकिन आतंकवाद पर सीना तानकर आंख में आंख मिलाकर हमले करने का सामर्थ नहीं था। पूरे देश में लोगों का खून बहता रहा।’प्रधानमंत्री ने कहा, ‘राष्ट्रपति जी का भाषण हो रहा था तो कुछ लोग कन्नी भी काट गए। एक बड़े नेता महामहिम राष्ट्रपति जी का अपमान भी कर चुके हैं।’ उन्होंने आगे कहा, ‘जनजातीय समुदाय के प्रति नफरत भी दिखाई दी है और हमारे जनजातीय समाज के प्रति उनकी सोच क्या है, लेकिन जब इस प्रकार की बातें टीवी के सामने कही गईं तो भीतर पड़ा हुआ जो नफरत का भाव था, वो सच बाहर आ ही गया।’प्रधानमंत्री ने कहा, ‘जब राष्ट्रपति जी के भाषण पर चर्चा मैं सुन रहा था, तो मुझे लगा कि बहुत सी बातों को मौन रहकर स्वीकार किया गया है। यानी, राष्ट्रपति जी के भाषण के प्रति किसी को ऐतराज नहीं है।’उन्होंने आगे कहा कि राष्ट्रपति जी ने अपने भाषण में कहा था, जो भारत अपनी अधिकांश समस्याओं के लिए दूसरों पर निर्भर था, वो आज दुनिया की समस्याओं के समाधान का माध्यम बन रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा, ‘राष्ट्रपति जी ने यह भी कहा था… देश की एक बड़ी आबादी ने जिन सुविधाओं के लिए दशकों तक इंतजार किया, वे इन वर्षों में उसे मिलीं। देश सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार की समस्याओं से मुक्ति चाहता था, वो मुक्ति उसे अब मिल रही है।’मोदी ने कहा कि सदन में हंसी-मजाक, टीका-टिप्पणी, नोंक-झोंक होती रहती है, लेकिन हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि आज राष्ट्र के रूप में गौरवपूर्ण अवसर हमारे सामने खड़े हैं, गौरव के क्षण हम जी रहे हैं।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘सदन में भ्रष्टाचार की जाँच करने वाली एजेंसियों को बहुत कुछ कहा गया। विपक्ष के लोग इस विषय में सुर में सुर मिला रहे थे। मुझे लगता था कि देश की जनता देश के चुनाव के नतीजे ऐसे लोगों को ज़रूर एक मंच पर लाएगी लेकिन वो तो हुआ नहीं। लेकिन इन लोगों को ईडी का धन्यवाद करना चाहिए कि ईडी के कारण एक मंच पर आए हैं।’प्रधानमंत्री ने आगे कहा, ‘कुछ लोगों को यहाँ हार्वर्ड स्टडी का बड़ा जोर है। कांग्रेस ने कहा था कि भारत की बर्बादी हार्वर्ड में स्टडी होगी। बीते वर्षों में हार्वर्ड में एक बड़ी रोचक स्टडी हुई है। द राइज एंड डिक्लाइन इंडियाज कांग्रेस पार्टी। मुझे विश्वास है कि कांग्रेस की बर्बादी पर बड़े-बड़े विश्वविद्यालय में अध्ययन होना ही होना है।’
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