– क्या महाराष्ट्र के बाद किसी और राज्य में कोई बड़ा राजनीतिक उल्टफेर होने जा रहा है?
– क्या 2024 से पहले NDA का कुनबा और बड़ा होने जा रहा है?
– क्या विपक्षी एकता को लेकर जो दावे किए जा रहे थे? वो धरे के धरे रह जाएंगे?
महाराष्ट्र में एनसीपी में जो खींचतान शुरू हुई है उसका असर अब बाकी राज्यों में दिखने लगा है. चाचा शरद पवार को छोड़कर अजीत पवार एनडीए में चले गए है और इसको कही न कही विपक्षी एकता का साइड इफेक्ट माना जा रहा है. विपक्षी एका का आगे क्या होगा ये तो वक्त ही बताएगा पर अब बीजेपी नेताओं और एनडीए गठबंधन के नेताओं की बयानबाजी तेज हो गई है. हर नेता अपने-अपने दावे कर रहा है. पर सबसे ज्यादा दावे जेडीयू में टूट को लेकर हो रहे हैं. वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी और जयंत चौधरी को लेकर अटकलें लगाई जा रही है. अब देखना होगा कि भविष्य में कौन किसके साथ जाएगा?
बीजेपी के वरिष्ठ नेता और बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने दावा किया है कि आने वाले वक़्त में जेडीयू में भी फूट पड़ सकती है. सुशील मोदी का दावा है कि जेडीयू का कोई भी विधायक राहुल गांधी और तेजस्वी यादव को नेता मानने को तैयार नहीं है. सुशील मोदी का कहना है कि नीतीश कुमार नाक भी रगड़ेंगे तो बीजेपी उन्हें स्वीकार नहीं करने वाली है. उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार ने 17 साल में विधायकों को समय नहीं दिया और अब विधायक को समय दे रहे हैं. सुशील मोदी ने कहा है कि जेडीयू में भगदड़ की स्थिति है और पार्टी में टूट की स्थिति है. नीतीश कुमार घबराए हुए हैं और जदयू में उदासी है.
वहीं बिहार बीजेपी प्रदेश सम्राट चौधरी ने कहा कि बिहार के लोगों का नीतीश कुमार पर भरोसा खत्म हो गया है. बिहार में जिस तरह से नीतीश कुमार की लोकप्रियता समाप्त हुई है, जिस तरह से कुशासन स्थापित हुआ है. उससे तो यह जाहिर है कि नीतीश कुमार अब कोई फैक्टर नहीं है.