रणघोष अपडेट. देशभर से
मानवाधिकार कार्यकर्ताओं, इतिहासकारों और नौकरशाहों सहित अन्य प्रतिष्ठित हस्तियों ने एक बयान जारी कर सुप्रीम कोर्ट से बिलकीस बानो मामले में दोषियों की जल्द रिहाई को रद्द करने का आग्रह किया है। 2002 के बिलकीस बानो बलात्कार मामले में 4 दिन पहले ही 11 दोषियों को आजीवन कारावास की सजा पूरी करने से पहले ही रिहा किया गया है। इसी संदर्भ में यह बयान आया है। इस बयान पर हस्ताक्षर करने वालों में 6,000 से अधिक आम नागरिक, जमीनी स्तर के कार्यकर्ता, मानवाधिकार कार्यकर्ता, प्रख्यात लेखक, इतिहासकार, विद्वान, फिल्म निर्माता, पत्रकार और पूर्व नौकरशाह शामिल हैं। सहेली महिला संसाधन केंद्र, गमना महिला समूह, बेबाक कलेक्टिव, अखिल भारतीय प्रगतिशील महिला संघ सहित प्रमुख समूह भी हस्ताक्षरकर्ताओं में शामिल हैं।मुंबई में एक विशेष केंद्रीय जांच ब्यूरो यानी सीबीआई अदालत ने 21 जनवरी, 2008 को बिलकीस बानो के सामूहिक बलात्कार और उनके परिवार के सात सदस्यों की हत्या के आरोप में 11 लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। बाद में बॉम्बे हाईकोर्ट ने उनकी सजा को बरकरार रखा था।तब बिलकीस बानो 21 साल की थीं और पांच महीने की गर्भवती थीं। गोधरा ट्रेन में आग लगने के बाद भड़की हिंसा के बीच उनके साथ सामूहिक बलात्कार किया गया था। मारे गए लोगों में उसकी 3 साल की बेटी भी थी। दोषियों में से एक ने रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। अदालत ने भाजपा शासित गुजरात सरकार से सजा की छूट पर गौर करने को कहा था। इसके लिए एक पैनल बनाया गया था जिसमें भाजपा के दो सदस्य भी शामिल थे। पंचमहल कलेक्टर की अध्यक्षता में दोषियों की रिहाई की सिफारिश की गई थी।बयान जारी करने वालों ने एक साझा बयान में कहा है कि यह उनके लिए शर्म की बात है कि स्वतंत्रता दिवस पर भारत में महिलाओं ने सामूहिक बलात्कारियों और हत्यारों को राज्य की उदारता से रिहा होते देखा।गुजरात सरकार द्वारा अपनी छूट नीति के तहत उनकी रिहाई की अनुमति दिए जाने के बाद उम्रकैद की सजा पाए 11 दोषियों को 15 अगस्त को गोधरा उप-जेल से रिहा कर दिया गया। उन्होंने जेल में 15 साल से अधिक समय बिताया। इस बयान को जारी करने वालों में एक्टिविस्ट सैयदा हमीद, जफरुल-इस्लाम खान, रूप रेखा, देवकी जैन, उमा चक्रवर्ती, सुभाषिनी अली, कविता कृष्णन, मैमूना मुल्ला, हसीना खान, रचना मुद्राबोयना, शबनम हाशमी और फादर सेड्रिक प्रकाश, आशिमा रॉय चौधरी आदि शामिल हैं।