दुनियाभर में कोरोना वैक्सीन को लेकर चल रही अफवाह के बीच एक राहत भरी खबर है। पिछले तीन महीने में 86 फीसदी युवा में वैक्सीन को लेकर विश्वास बढ़ा है। एक अध्ययन में दावा किया गया है कि दिसंबर माह में वैक्सीन लगाने में संकोच करने वाले पांच में से चार से अधिक लोगों ने अपना मन बदल है। अब वह वैक्सीन लगाने की बात कर रहे है।
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के वायरस वॉच अध्ययन के निष्कर्षों से पता चला कि 86 प्रतिशत लोग जो दिसंबर में वैक्सीन लगवाने के बारे में संकोच कर रहे थे अब वह दो महीने बाद वैक्सीन को लेकर सकारात्मक है। यह शोध 25 से 35 वर्ष के लोगों पर किया गया है।
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के अध्ययन लेखक डॉ पार्थ पटेल ने बताया कि हमने अभी तक डेटा एकत्र नहीं किया है कि लोगों ने अभी तक अपना दिमाग क्यों बदला है, लेकिन हम जो देख सकते हैं वह कुछ ही महीनों पहले वैक्सीन नहीं लगाने की बात करने वालों ने अपना दिमाग बदल है। अधिकांश लोग टीका पर विचार कर रहे हैं और अपनी बारी का इंतजार कर रहे हैं। डॉक्टर पटेल ने कहा कि
हालांकि, असमानताएं अभी भी मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि शोध में पाया गया कि दिसंबर माह में 25 से 35 साल के बच्चों में 75 साल के बुजुर्गों की तुलना में वैक्सीन को मना करने की संभावना लगभग नौ गुना अधिक थी,लेकिन अब स्थिति बदल गई है। वैक्सीन को नहीं लगवाने वाले पांच में से चार युवा अब वैक्सीन लगवाने की बात कर रहे हैं।
शोधकर्ताओं ने 14,713 वयस्कों की प्रतिक्रियाओं का विश्लेषण किया, जिन्होंने दोनों समय बिंदुओं पर रिपोर्ट की और पाया कि रवैये में बदलाव सभी जातीय समूहों और सामाजिक अभाव के स्तरों के अनुरूप था। यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के वायरस वॉच अध्ययन के मुताबिक, एशिया में 90 फीसदी और अफ्रीकी देशों में 88 फीसदी लोगों में वैक्सीन के प्रति नजरिया बदला है।
किस देश में कितने लोगों को लगा टीका
अमेरिका- 13.33 करोड़
चीन – 9.13 करोड़
भारत – 5.55 करोड़
ब्राजील- 1.65 करोड़
तुर्की- 1.42 करोड़
(आंकड़े 25 मार्च 2021 तक के हैं)