शिवराज को फिर पीना पड़ेगा विष का घूंट, सिंधिया ऐसे कर रहे हैं खेल

मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार गिराने के बाद जब भाजपा सरकार का मंत्रिमंडल विस्तार होना था तो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने कहा था कि विष तो शिव को ही पीना पड़ा था, हुआ भी ऐेसा ही। मंत्रिमंडल में उनके समर्थकों को जगह नहीं मिल पाई थी। अब फिर से मंत्रिमंडल विस्तार होने जा रहा है, और इस बार भी यदि सिंधिया की मानी गई तो शिवराज को फिर से विष पीना पड़ेगा।
उपचुनाव की जीत के बाद मध्य प्रदेश भाजपा में ज्योतिरादित्य सिंधिया का कद बढ़ गया है। इसी का नतीजा है कि वे मंत्रिमंडल विस्तार में अपने समर्थक विधायकों को मंत्री बनवाना चाह रहेहै। केवल इतना ही नहीं वे चुनाव हार चुके मंत्रियों की निगमों में नियुक्ति के लिए दबाव बना रहे है।
उपचुनावों में उनके कोटे के दो मंत्री इमरती देवी और गिरिराज दंडोतिया चुनाव हार गये है। अब सिंधिया चाहते है कि इन दोनों के स्थान पर उनके दूसरे समर्थक विधायकों को स्थान दिया जाये। दूसरी ओर शिवराज यह चाह रहे थे कि मंत्रिमंडल में अपने करीबी लोगों को स्थान दे, जिन्हें वे पहले नहीं ला पाये थे। इसके अलावा सिंधिया लगातार यह दबाव बना रहे है कि हारे हुए मंत्री गिरिराज और इमरती देवी को निगम-मंडल का अध्यक्ष बनाया जाये। साथ ही प्रदेश भाजपा संगठन में भी समर्थकों को जगह दी जाये। इस मामले में भाजपा संगठन यह चाह रहा है कि संगठन को मजबूत करने में लंबे समय से काम कर रहे लोगों को ही निगमों में नियक्तियां दी जाये। सिंधिया लगातार अपनी बात मनवाने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह पर दबाव बना रहे है। इसी सिलसिले में सोमवार को दोनों नेताओं की मुलाकात भी हो रही है। इसमें मंत्रिमंडल विस्तार, निगमों और पार्टी संगठन में नियुक्तियों को लेकर आपसी सहमति बनाई जायेगी।
बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति जल्द होगी घोषित
प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा जल्द ही टीम की घोषणा करेंगे लेकिन उनकी टीम में सिंधिया के समर्थकों को ज्यादा जगह मिलेगी, ऐसी उम्मीद बहुत कम है। पार्टी सूत्रों का कहना है कि प्रदेशाध्यक्ष वीडी शर्मा जल्दी ही अपनी नई टीम की घोषणा करेंगे। उनकी टीम के ज्यादातर चेहरे नए होंगे। शर्मा ने केंद्रीय नेतृत्व को भरोसे में लेकर ही अपनी टीम बनाई है। उनकी दिल्ली में सिंधिया के साथ भी एक बैठक हो चुकी है।

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