पंचायती चुनाव में भाजपाईयों का बहिष्कार करेंगे किसान

रणघोष अपडेट. रेवाड़ी. गुरुग्राम


दक्षिण हरियाणा के गुरुग्राम- रेवाड़ी जिले में उबाल खा रहे किसानों ने अपनी मांगों को लेकर राज्य की भाजपा सरकार से सीधे दो दो हाथ करने के अपने इरादों को अब होने जा रहे पंचायती राज चुनाव से भी जोड़ दिया है। किसानों ने कहा कि भाजपा जिस भी प्रत्याशी के साथ नजर आएगी किसान उसका बहिष्कार करेंगे। वे भाजपा की किसान विरोधी नीतियों व वायदाखिलाफी की पोल खोलेंगे। इसके लिए गांव स्तर पर पंचायतें होंगी। यहां बता दें की इस क्षेत्र के किसान पिछली चार मांगों को लेकर आंदोलनरत है। राज्य के कैबिनेट मंत्री डॉ. बनवारीलाल का पुतला फूंकने के अलावा लगातार धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। भारतीय किसान यूनियन चढुनी के अध्यक्ष समे सिंह के मुताबिक यह समय अब आर पार की लड़ाई का है। सरकार किसानों के हितों के नाम पर सफेद झूठ बोल रही है। इसकी पोली इसी बात पर ही खुल जाती है कि मानसेर में किसान जमीन के कम  मुआवजा को लेकर धरना प्रदर्शन कर रहे हैं वहीं रेवाड़ी में किसान पिछले एक साल से तय मुआवजा नहीं मिलने को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। यह सरकार का असली चरित्र है। भाजपाई नेता मीडिया में झूठी वाही वाही वाली रिपोर्ट छपवा देते हैं जबकि जमीनी स्तर पर स्थिति एकदम अलग है। अब पंचायत चुनावों में भाजपाईयों के इरादों को सफल नहीं होने देंगे। इनका जगह जगह बहिष्कार किया जाएगा।  यहां बता दें कि मानेसर एवं रेवाड़ी में राष्ट्रीय स्तर के नेता योगेंद्र यादव, राकेश टिकैत, गुरुनाम सिंह चढुनी समेत अनेक नेता लगातार दौरा कर रहे हैं। अब इन संगठनों ने हरियाणा में होने जा रहे पंचायती चुनाव में भाजपा की तैयारियों एवं इरादों को फेल करने के लिए गांव गांव जाकर पंचायत कर इनका बहिष्कार करने की तैयारी कर ली है। किसान जिन चार प्रमुख मांगों को लेकर सड़कों पर उतरे हुए हैं  उसमें कपास- बाजारा फसल का बकाया बीमा,  रेवाड़ी में एमआरटीएस के लिए  जमीन अधिग्रहण का मुआवजा, एमएसपी, व किसानों की जुमला मुश्तर्का मालकान शामलात देह भूमि  पर मालिकाना हक शामिल है।

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