भाजपा के सीनियर नेता भी नाराज बोले सस्ती लोकप्रियता से बचना चाहिए, गलत संदेश जाता है
रणघोष अपडेट. रेवाड़ी
शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए सर्व शिक्षा अभियान के तहत शुरू की गईं रोल मॉडल बनाने की अनूठी मुहिम भी अब राजनीति के रास्ते पर चल पड़ी है। राज्य के कुछ जिलों में भाजपा महिला पदाधिकारी ही रोल मॉडल बन गई है। पता चलते ही कांग्रेस ने सीधे तौर पर भाजपा पर हमला बोल दिया है। उन्होंने कहा कि कम से कम भाजपाईयों को शिक्षा संस्थान को बख्श देने चाहिए यहां भी बच्चों को बेहतर शिक्षा देने की बजाय भाजपा उन्हें अपना कार्यकर्ता बनाने में जुटी हुई है। सर्व शिक्षा अभियान ने सरकारी स्कूलों में रोल मॉडल बनाने की अनूठी पहल शुरू की हुई है। जिसके तहत स्कूल कोई पूर्व छात्रा या महिला जिसने जिंदगी में कड़ा संघर्ष करके कोई मिशाल कायम कर खुद उदाहरण बनी हो। उसे स्कूल का रोल मॉडल बनाया जाता है ताकि विद्यार्थी उसे अपनी प्रेरणा बनाकर आगे बढ़े। सरकार का यह विजन बहुत शानदार था और इसकी चौतरफा सराहना हो रही थी। लेकिन पिछले कुछ दिनों से जिन रोल मॉडल के नाम शिक्षा अधिकारियों के पास पहुंचे हैरान है कि स्कूल मुखिया क्या सोचकर इनका चयन कर रहे हैं। कुछ ने आपत्ति दर्ज कराकर उसे वापस भेजा तो राजनीति दबाव में उसका वहीं नाम स्वीकृत कर लिया। इधर पता चलते ही कांग्रेस ने हमला बोल दिया। पूर्व मंत्री कप्तान अजय सिंह ने कहा कि भाजपाईयों को कम से कम शिक्षा के मंदिर को तो बख्श देना चाहिए। भाजपा की महिला पदाधिकारी अपने अपने क्षेत्र के स्कूलों में दबाव बनाकर रोल मॉडल बन रही है। भाजपा ऐसा करके क्या साबित करना चाहती है। यह सीधे तौर पर संघर्ष कर सफलता हासिल करने वाली सैकड़ों हजारों बेटियों के साथ मजाक है। साथ ही क्या स्कूल की छात्राएं अब भाजपा की महिला पदाधिकारियों को अपना आदर्श मानकर पढ़ाई छोड़कर राजनीति में आने के लिए उनसे प्रेरणा ले। यह सरासर शिक्षा एवं बेटियों के सम्मान के नाम पर भद्दा मजाक है। हम इस पूरे मसले को प्रदेश स्तर पर उठाएंगे। जिला स्तर पर रिपोर्ट बना रहे हैं कि कितनी महिला पदाधिकारी स्कूलों में रोल मॉडल बन चुकी है। उधर भाजपा के सीनियर नेता भी महिला पदाधिकारियों के रोल मॉडल बनने पर बेहद नाराज है। उन्होंने कहा कि भाजपा कार्यकर्ता एवं पदाधिकारियों का फर्ज सरकार की योजनाओं से ज्यादा से ज्यादा लोगों को जोड़ना है ना कि उस पर खुद ही कब्जा करना। इससे पार्टी का गलत संदेश जाएगा। हम जल्द ही हाईकमान को स्थिति से अवगत कराएंगे। इस बारे में जिला अध्यक्ष हुकम चंद ने कहा कि उनके पास ऐसी कोई जानकारी नहीं है कि कोई महिला पदाधिकारी किसी स्कूल में रोल मॉडल बनी है। यह शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने का अनूठा अभियान है। मेरा मानना है कि हमारी महिला पदाधिकारियों को इस तरह की लोकप्रियता से बचना चाहिए। हम सरकार में हैं। हम पर समाज और राष्ट्र को देने की जिम्मेदारी है। इससे गलत संदेश जाएगा।