पारंपरिक लोक शैली के साथ सोशल मीडिया से योजनाओं का किया जाए प्रचार: मीणा गुरुग्राम में सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के महानिदेशक पीसी मीणा ने ली अधिकारियों की बैठक

रणघोष अपडेट.गुरुग्राम

सरकार की योजनाओं का प्रचार प्रसार बदलते परिवेश के साथ तथ्यात्मक रूप से किया जाए। प्रिंट, इलेक्ट्रोनिक व लोक शैली प्रचार माध्यमों के साथ ही सोशल मीडिया पर विशेष फोकस रखा जाए। यह बात सूचना, जनसंपर्क एवं भाषा विभाग हरियाणा के महानिदेशक पी सी मीणा ने कही। वे बुधवार को गुरुग्राम स्थित लोक निर्माण विश्राम गृह में गुरुग्राम, फरीदाबाद, झज्जर, नूंह, पलवल, रेवाड़ी व नारनौल के जिला सूचना एवं जनसंपर्क अधिकारियों की बैठक ले रहे थे। बैठक में उन्होंने सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का प्रचार प्रसार बेहतर ढंग से करने के निर्देश संबंधित अधिकारियों को दिए। उन्होंने विभाग के अधिकारियों के साथ विचार सांझे कर विभागीय कार्यक्षमता को और सुदृढ तरीके से आगे बढ़ाने पर जोर दिया और इसे लेकर महत्वपूर्ण बिंदुओं के बारे में विस्तार से चर्चा की।  महानिदेशक पी सी मीणा ने कहा कि पहले की अपेक्षा आज समय में काफी बदलाव हुआ है। ऐसे में हमें आज के समय की जरूरत के अनुरूप अपनी कार्यक्षमता को बढ़ाने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि तकनीक के इस दौर में हमें पारंपरिक तरीकों के साथ ही आधुनिक तौर तरीकों का सामंजस्य स्थापित करते हुए काम करने की जरूरत है। शहर ही नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्र में भी समय के साथ साथ काफी बदलाव हुए हैं इसलिए जरूरी है कि समय की मांग के अनुसार योजनाओं की जानकारी विभिन्न प्रचार माध्यमों से आमजन तक पहुंचाने के आधुनिक तौर-तरीकों को अपनाते हुए सरकार की योजनाओं व फलेगशिप कार्यक्रमों की जानकारी दी जाए। श्री मीणा ने कहा कि आधुनिकता के इस दौर में आज ज्यादातर लोग सोशल मीडिया जैसे ट्वीटर, फेसबुक व इंस्टाग्राम पर अधिक एक्टिव हैं, ऐसे में सोशल मीडिया के महत्व को देखते हुए विभागीय गतिविधियों व सरकार की योजनाओं का प्रचार सोशल मीडिया के माध्यम से प्रभावी रूप से किया जाए। उन्होंने कहा कि विभाग द्वारा विभिन्न प्रचार माध्यमों से अधिक से अधिक लोगों तक अपनी पहुंच बनाई जा रही है और लोगों तक सरकार की योजनाओं व नीतियों तक पहुँचाने के लिए पारंपरिक तरीकों के साथ साथ हर पहलू से आमजन को जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बैठक में सोशल मीडिया प्लेटफार्म से लोगों को जोडऩे के लिए सोशल मीडिया लैब तैयार करने की बात भी कही और कहा कि पायलेट प्रोजेक्ट के तहत कुछ जिलों में यह पहल प्रस्तावित है। श्री मीणा ने कहा कि समाज में प्रत्येक व्यक्ति आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर रहा है इसलिए जरूरी है कि विभागीय अधिकारी व कर्मचारी भी नई प्रक्रिया के तहत स्वयं को अपडेट रखें। उन्होंने कहा कि विभाग में भजनमंडलियों की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है, लोगों तक सरकारी नीतियों व योजनाओं की जानकारी पहुंचाने के लिए इनका इस्तेमाल प्रभावी ढंग से किया जा रहा है। ग्रामीण परिवेश में लोगों तक योजनाओं की जानकारी व अन्य प्रशासनिक सूचना पहुंचाने का यह सशक्त माध्यम है। श्री मीणा ने कहा कि तकनीकी रूप से भी विभाग को अपडेट किया जा रहा है और हाल ही में जिलों में नया अत्याधुनिक तकनीकी सामान भी उपलब्ध कराया गया है और अब उक्त तकनीकी सामान के संचालन के लिए विभाग द्वारा संबंधित तकनीकी टीम की भी ट्रैनिंग करवाई जाएगी ताकि वे अपडेट होकर संचार माध्यमों जैसे साउंड सिस्टम आदि का भरपूर उपयोग कर सकें। बैठक में फलैक्स बोर्ड, होर्डिंग के ढांचागत सुधार, भजनपार्टियों तथा प्रचार अमले के विस्तार सहित कई अन्य महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा हुई। बैठक में सूचना जनसंपर्क एवं भाषा विभाग के संयुक्त निदेशक आर एस सांगवान, रेवाड़ी के डीआईपीआरओ जेपी यादव,  डीआईपीआरओ पलवल सुरेन्द्र बजाड़, डीआईपीआरओ नारनौल उषा रानी,  नूंह के डीआईपीआरओ रतिभान चौपडा, डीआईपीआरओ फरीदाबाद राकेश गौतम व डीआईपीआरओ झज्जर दिनेश कुमार सहित अन्य संबंधित कर्मचारी मौजूद रहे।

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