नेता जी निश्चिंत रहे, देश में श्मशान घाट- कब्रिस्तान को कोई शिकायत नहीं है..

रणघोष खास. एक भारतीय की कलम से जितनी जल्दी यह भ्रम निकाल देंगे सत्ता के हुक्मरान…

हकेवि में राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन केन्द्रित वेबिनार आयोजित

–विशेषज्ञों ने शिक्षा नीति के व्यावहारिक पक्षों से कराया अवगत स्वतंत्र भारत की आवश्यकताओं व अपेक्षाओं…

डंके की चोट पर : ये आम मौत नहीं सरकारी हत्याएं हैं, जिसकी ज़िम्मेदार सरकार है.. इसे स्वीकार करना पड़ेगा

चुप मत होना. ये चिल्ला–चिल्लाकर सबको चुप करा देते हैं। अर्थियां हमने अपने कंधों पर उठाई…

कोरोना महामारी से बचाव के लिए महाआरती का आयोजन किया

शहर के धोलियां कुआं स्थित भगवान सिद्धेश्वर शिव मंदिर में मानव जाति के कल्याण और रक्षा…

डंके की चोट पर देश के हुक्मरान- अधिकारी- डॉक्टर्स ने मिलकर खड़ा कर दिया कोरोना के नाम पर लाशों का बाजार, लगाइए बोली

–    मौतें कारोनों से नहीं सिस्टम की संडाध से हो रही है। अगर अभी भी…

डंके की चोट पर : ऑक्सीजन की कमी के बीच ‘मीडिया’ का सत्ता संग ‘सहवास’!

अब जैसे किसी साधु, पादरी, मौलवी, ब्रह्मचारी अथवा राजनेता को किसी महिला या पुरुष के साथ…

डंके की चोट पर : हमारा सिस्टम हत्यारा साबित हो चुका है, इसलिए खुद को मजबूत करिए..

कितना झूठ पर झूठ बोलते हैं हमारे नेता। जो सत्ता में है वह बने रहने के…

डंके की चोट पर : झूठ की इंतहा नहीं, कोरोना सबकी कलई खोलता जा रहा है

रणघोष खास. कुमार प्रंशात की कलम से  हमारे शायर कृष्ण बिहारी नूर ने कहा है :…

डंके की चोट पर: ऐसी नौबत कि सबसे पहले किसे बचाया जाए?

ऑक्सीजन और अन्य जीवन-रक्षक चिकित्सकीय संसाधनों की उपलब्धता और उनके न्यायपूर्ण उपयोग को लेकर राष्ट्रीय नेतृत्व…

डंके की चोट पर : ‘प्रभु अब पगलवाइए मत, हमें यह आदर्श रामराज्य नहीं चाहिए’

कोरोना संकट के बीच जनता आज त्राहिमाम कर रही है। कोई सुनने वाला नहीं है। राम,…

डंके की चोट पर : कोरोना से जानें बचाने की तैयारी तो दूर, जानलेवा लापरवाही की गई!

क्या मार्च 2020 से अब तक अस्पतालों की संख्या बढ़ी, अस्पतालों में कोरोना बेड बढ़े, डॉक्टर-नर्स…

डंके की चोट पर : ज़िंदगी और मौत के बीच की इस बारीक लकीर को समझिए..

रणघोष खास. राणा प्रशांत की कलम से जिंदगी और मौत के बीच बस एक बारीक लकीर…

डंके की चोट पर : किसने कहा था- गंगा मैया में डुबकी लगाओ कोरोना भाग खड़ा होगा

कई मूर्ख नेता यह कहते हुए भी पाए गए कि कोरोना हो या कोरोना का बाप…

डंके की चोट पर : क्यों जनता की नज़र में गिरता जा रहा है चुनाव आयोग?

क्या आज के चुनाव आयोग में शेषन जैसी हिम्मत है? शायद नहीं, क्योंकि उस समय तक…

डंके की चोट पर : कुंभ और चुनाव से बिगड़े हालात, पर मानती क्यों नहीं बीजेपी ?

-हिन्दुस्तान को उस मुकाम पर खड़ा कर दिया है जहां अब सवाल बदल जाएंगे। सवाल पूछा…

डंके की चोट पर : विधानसभा चुनाव में धार्मिक उन्माद और जिन्ना के सबक़ !

जो ग़लती मुहम्मद अली जिन्ना ने पाकिस्तान बनवाकर की, भारत में आज वही ग़लती दुहरायी जा…

डंके की चोट पर : विदेश नीतिः भारत चीन से सावधान रहे या अमेरिका से ?

चीन की शिकायत यह है कि भारत ने अमेरिका के प्रति नरमी क्यों दिखाई? उसने इस…

क्या इस देश के लोकतंत्र को अल्जाइमर रोग हो गया है?

रणघोष खास.आशुतोष कुमार सिंह  विचार राष्ट्र और इंसान की जीवन अवधि अमूमन अलग-अलग होती है। बावजूद…

डंके की चोट पर : आख़िर देश की नौकरशाही को हुआ क्या है ?

ब्रिटिश प्रधानमंत्री ने सही कहा था अपने लिहाज़ से। ब्यूरोक्रेसी उनके शासन के लिए हर स्याह-सफ़ेद…