नरबीर की तरकश से निकल रहे तीर सीधे निशाने पर लग रहे हैं
रणघोष अपडेट. बादशाहपुर से ग्राउंट रिपोर्ट
दक्षिण हरियाणा के एक छोर को संभाले हुए सबसे ज्यादा आबादी वाली बादशाहपुर विधानसभा सीट पर भाजपा उम्मीदवार पूर्व मंत्री राव नरबीर सिंह की तरकश से निकल रहे तीर सीधे निशाने पर लग रहे हैं। यहा बता दे की यह वो सीट है जिसने इस बार के लोकसभा चुनाव में भाजपा उम्मीदवार राव इंद्रजीत सिंह की डूबती नजर आ रही जीत को ऐन वक्त पर किनारे पर पहुंचाकर डूबने से बचा लिया था। यहां के मतदाताओं ने सबसे ज्यादा भाजपा को वोट देकर राव को जीत की दहलीज पर पहुंचा दिया। राव नरबीर इस सीट पर 2014-2019 में विधायक बनकर भाजपा सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री रहकर प्रदेश में सड़कों का जाल बिछाने वाले नायक बनकर उभरे थे। 2019 में भाजपा के भीतर राजनीति चौधराहट की लड़ाई में उन्हें टिकट नही मिल पाई थी। इसके बावजूद भाजपा में डटे रहे। इस बार के चुनाव में कोई खेल नही हो जाए इसलिए समय रहते अपने इरादों को सार्वजनिक कर दिया। वे हरियाणा में पहले उम्मीदवार थे जिनके आक्रोश को देखते हुए हाईकमान ने उन्हें दिल्ली बुलाकर चुनाव लड़ने को कह दिया था। इतना ही नही टिकट का एलान होने से पहले ही उनके समर्थकों ने ढोल नगाड़े ओर मिठाईयां तक बांट दी थी। राव नरबीर सिंह की यह हैसियत बताती है की वे अपने काम से जाने जाते हैं। कांग्रेस ने इस नेता को रोकने के लिए युवा वर्धन यादव को मैदान में उतारा है। उन्हें यह ईनाम लोकसभा चुनाव में कांग्रेस उम्मीदवार राज बब्बर का भरपूर साथ देने के तोर पर मिला है। जाहिर है टिकट दिलाने में बब्बर विशेष भूमिका में रहे थे। नरबीर के भाषणों में कहने को बहुत कुछ है इसलिए उनके समर्थकों में जोश देखने लायक है। यहां के मतदाताओं को यह भी पता है की अगर वे जीत दर्ज करते हैं तो सरकार में वे बड़े ओहदे पर भी नजर आएंगे। कुल मिलाकर नरबीर सिंह जो चाह रहे हैं वही हो रहा है। इसलिए उनके चेहरे पर नजर आ रही मुस्कान बिना कुछ कहे बहुत कुछ कह रही है।