बहुत हो चुकी राजाशाही, अब राजनीति आम घरों की होनी चाहिए
– 70 साल से राज कर रहे हैं, 70 नौकरी भी अटेली में बताए, एक काम गिनाए
रणघोष अपडेट. रेवाड़ी
रेवाड़ी की राजीनति में भाजपा के पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास ऐसे किरदार है जिसकी पहचान अपने नाम से शुरू होकर अपने नाम पर ही खत्म होती है। इस बार भी केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने उनकी टिकट पर कोसली से विधायक रहे लक्ष्मण यादव का नाम लिखवा दिया। 2019 में भी ऐसा हुआ। इसके बावजूद कापड़ीवास रेवाड़ी विधानसभा सीट पर कांग्रेस- भाजपा- आप के बीच चल रहे त्रिकोणीय मुकाबले में एक ऐसे किरदार है जो बिना लड़े भी अदृश्य तौर पर चुनाव में नजर आ रहे है।
इस चुनाव में घर बैठने की बजाय अब कापड़ीवास ने भी राजनीति का लंगोट कस लिया है ओर रेवाड़ी से निकलकर अटेली सीट पर जन जागृति अभियान शुरू कर दिया है। यहा से राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव मैदान में है। कापड़ीवास सीधा जनता से संवाद कर रहे हैं। सवाल कर रहे हैं 70 साल से एक परिवार लंबे समय तक अलग अलग हथकंडों को अपनाकर राज करता आ रहा है। अटेली की जनता बताए इस परिवार ने 70 नौकरी भी इस हलके के लिए दी। एक काम ऐसा बताए जो अटेली में इसकी वजह से नजर आ रहा हो। घमंड इतना की हर विधायक, पूर्व विधायक के बारे में कहना की वह मेरी वजह से बना है। राव बताए की वह किसकी वजह से बना है। वह हमारी वजह से ही बना है। कापड़ीवास अपने अभियान में बार बार अनुरोध कर रहे हैं की अब बहुत हो चुका। जाग जाओ। राजनीति को अब महलों से निकालकर गली मोहल्लों, आम घरों में पहुंचा दो। हर गांव में 20 से 50 युवा ऐसे हैं जो सामाजिक और राजनीतिक तोर पर बेहतर सोच के साथ कुछ करना चाहते हैं उन्हें इनका दरबारी बनाने से रोक लो। कापड़ीवास इतना ही नही रूके। कहां उनकी तो अब राजनीति उम्र हो चुकी है लेकिन इस इलाके को राजशाही तंत्र से बचाने के लिए उनका अभियान चुनाव के बाद भी बड़े स्तर पर जारी रहेगा। जिस अहीर कॉलेज पर इनका कब्जा है। रिकार्ड निकालिए। हजारों लोगों ने अपने चंदे से इसे बनवाया था। आज परिवार के लोग इसके संदस्य है। सभी को बाहर कर दिया। इसी तरह दिल्ली के राव तुलाराम कॉलेज की भी यही कहानी है। इसलिए इस चुनाव में राज घरानों का खेल खत्म होना चाहिए।
लक्ष्मण यादव से कोई शिकायत नही
रेवाड़ी सीट पर भाजपा प्रत्याशी लक्ष्मण यादव के बारे में कहा की वह उनका छोटा भाई है। निजी तोर पर कोई शिकायत नही है लेकिन वह भी गलत हाथों में खेल रहा है। बैनर- पोस्टरों में एक को ही सबकुछ मान रखा है। इसलिए वे इस सीट पर निर्णय जनता के हाथों में सौंप रहे हैं।