Israel-Hamas War: ‘इजरायल के लिए अच्छा नहीं होगा…’ नेतन्याहू के बयान पर भड़का अमेरिका, बाइडन ने दे दी चेतावनी

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन का मानना है कि इजरायली बलों को गाजा पर फिर से कब्जा नहीं करना चाहिए और यह उनके लिए अच्छा नहीं होगा. दरअसल इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पिछले दिनों कहा था कि जंग खत्म होने के बाद उनका देश “अनिश्चित अवधि” के लिए गाजा में ‘समग्र सुरक्षा जिम्मेदारी’ अपने हाथ में ले लेगा.

व्हाइट हाउस राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा, ‘राष्ट्रपति अब भी मानते हैं कि इजरायली बलों द्वारा गाजा पर दोबारा कब्जा करना अच्छा नहीं है. यह इजरायल के लिए अच्छा नहीं होगा; इजरायली लोगों के लिए अच्छा नहीं होगा…’ उन्होंने कहा, ‘मंत्री (एंटनी) ब्लिंकन इस क्षेत्र में जो वार्ता कर रहे हैं, उनमें से एक यह है कि संघर्ष के बाद गाजा का हाल क्या होगा? गाजा में शासन कैसा होगा? क्योंकि जो कुछ भी है वह वैसा नहीं हो सकता, जैसा 6 अक्टूबर को था. यहां हमास नहीं हो सकता.’

गाजा पर कब्जे को लेकर बाइडन ने चेताया
अमेरिका की यह चेतावनी नेतन्याहू द्वारा सोमवार को दिए उस बयान के बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि गाजा पर ‘उन लोगों द्वारा शासन किया जाना चाहिए जो हमास के रास्ते पर आगे नहीं बढ़ना चाहते’. उन्होंने एबीसी न्यूज से बातचीत में इसके साथ ही कहा था, ‘मुझे लगता है कि अनिश्चित काल के लिए इजराइल पर समग्र सुरक्षा जिम्मेदारी होगी, क्योंकि हमने देखा है कि जब हमारे पास यह नहीं होता तो क्या होता है.’

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन पिछले महीने भी कहा था कि गाजा पर कब्जा करना इजरायल के लिए एक ‘बड़ी गलती’ होगी. ये टिप्पणियां तब आई हैं जब युद्ध को एक महीने का समय बीतने के बाद अमेरिका और इजराइल के बीच दूरियां उभर रही हैं. पिछले हफ्ते, अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने बंधकों और नागरिकों को गाजा छोड़ने तथा फिलिस्तीनियों को प्रवेश करने में सहायता देने के लिए इजरायलियों पर ‘मानवीय विराम’ के लिए दबाव डाला था. वहीं इजरायल के रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने मंगलवार को कहा था कि युद्ध समाप्त होने के बाद इजरायल ‘गाजा पट्टी में किसी भी स्थिति का जवाब देने के लिए कार्रवाई की पूर्ण स्वतंत्रता बरकरार रखेगा’.

हालांकि अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को यह भी स्पष्ट कर दिया कि वह गाजा पट्टी पर लंबे समय तक इजरायली कब्जे के विचार का समर्थन नहीं करता है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वेदांत पटेल ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘हमारा दृष्टिकोण यह है कि फिलिस्तीनियों को इन निर्णयों में सबसे आगे होना चाहिए और गाजा फिलिस्तीनी भूमि है और यह फिलिस्तीनी भूमि ही रहेगी.’

बता दें कि इजरायल ने 1967 में हुए छह दिनों की जंग के बाद गाजा पट्टी पर कब्जा कर लिया था, जिसे उसने वर्ष 2005 में ही छोड़ा था. बाद में इस इलाके पर हमास का प्रभुत्व हो गया और उसने इलाके में नाकेबंदी लगा दी. हालांकि हमास द्वारा बड़े पैमाने पर हमले से एक दिन पहले का जिक्र करते हुए पटेल ने कहा कि अमेरिका इस बात पर सहमत है कि ‘6 अक्टूबर की यथास्थिति में कोई वापसी नहीं होगी’.

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