कुशल और विकसित भारत के लिए पीएम इंटर्नशिप योजना

रणघोष खास. श्री रूस की रिपोर्ट , केंद्रीय संचार ब्यूरो चंडीगढ़ 

प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना, जो 3 अक्टूबर 2024 को शुरू की गई, दुनिया की सबसे बड़ी योजना है। इसका उद्देश्य अगले पांच वर्षों में एक करोड़ भारतीय युवाओं को व्यावसायिक और व्यावहारिक कौशल (प्रैक्टिकल स्किल्स) प्रदान करना है। इस योजना का उद्देश्य उन युवाओं को उद्योग से जोड़ना है, जिन्होंने अपनी शिक्षा पूरी कर ली है और अब अपने करियर की दिशा में एक ठोस कदम उठाना चाहते हैं। पीएम इंटर्नशिप योजना के तहत 21 से 24 वर्ष के बीच के युवा, जिन्होंने 10वीं, 12वीं, आईटीआई, या स्नातक की पढ़ाई पूरी कर ली है, को भारत की शीर्ष 500 कंपनियों में इंटर्नशिप का मौका मिलेगा। ये कंपनियाँ उनके कॉर्पोरेट सामाजिक उत्तरदायित्व (CSR) योगदान के आधार पर चयनित की गयी हैं। इस पहल के प्रथम चरण (2024-25) में 1.25 लाख युवाओं को इंटर्नशिप के अवसर प्रदान किए जायेंगे। 12 महीने की अवधि वाली यह इंटर्नशिप युवाओं को 25 विभिन्न क्षेत्रों में व्यावहारिक अनुभव प्रदान करती है। प्रत्येक इंटर्न को अपने कौशल को मजबूत करने और करियर के रास्ते तलाशने के लिए कम से कम छह महीने कार्यस्थल में बिताने होंगे। इस तरह का अनुभव शिक्षण और उद्योग की आवश्यकताओं के बीच की खाई को भरता है, जिससे युवा रोजगार के लिए अधिक योग्य बनते हैं।   पीएम इंटर्नशिप योजना के लिए मुफ्त पंजीकरण 12 अक्टूबर 2024 से शुरू हो गया है और अभी भी जारी है, पंजीकरण की अंतिम तिथि 10 नवंबर 2024 है। आवेदन करने के लिए उम्मीदवारों को दो चरणों को पूरा करना होगा—पंजीकरण प्रक्रिया और आवेदन प्रक्रिया। पात्र उम्मीदवार pminternship.mca.gov.in पोर्टल पर निःशुल्क पंजीकरण कर सकते हैं, जहाँ उन्हें अपने DigiLocker या आधार नंबर का उपयोग करके ई-केवाईसी पूरा करना होगा और अपने शैक्षिक प्रमाणपत्र जमा करने होंगे। यह पोर्टल हिंदी, अंग्रेजी और 10 क्षेत्रीय भाषाओं सहित कई भाषाओं में उपलब्ध है। उम्मीदवार स्थान, भूमिका, क्षेत्र और योग्यता के आधार पर पाँच इंटर्नशिप के लिए आवेदन कर सकते हैं, प्रारंभिक रूप से कंपनी का नाम जाने बिना। चयनित होने के बाद, उन्हें इंटर्नशिप प्रस्तावों का विवरण प्राप्त होता है। प्रत्येक उम्मीदवार को अधिकतम दो इंटर्नशिप ऑफ़र मिल सकते हैं। अंतिम ऑफ़र लेटर पीएमआईएस पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा और उम्मीदवार के पंजीकृत ईमेल पते पर भेजा जाएगा। सरकार इंटर्न को आर्थिक रूप से सहयोग देने के लिए प्रत्येक इंटर्न को प्रति माह ₹5,000 की आर्थिक सहायता प्रदान करेगी —जिसमें से ₹500 कंपनी द्वारा और ₹4,500 सरकार द्वारा डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर(DBT) के माध्यम से अदाएगी की जाएगी। इसके अतिरिक्त, उन्हें शुरू में ₹6,000 की एकमुश्त सहायता राशि भी दी जाएगी। सरकार द्वारा उन्हें प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत बीमा कवरेज भी प्रदान किया जा रहा है, जिसका खर्च सरकार द्वारा उठाया जायेगा, और कंपनियाँ अतिरिक्त दुर्घटना बीमा भी अलग से प्रदान कर सकती हैं।

योग्यता और स्थान के आधार पर इंटरशिप के अवसरों की संख्या अलग-अलग है: स्नातकों के पास सबसे अधिक विकल्प हैं, जिनके लिए 35,063 पद हैं, इसके बाद 10वीं पास उम्मीदवारों के लिए 31,500, आईटीआई धारकों के लिए 30,448, डिप्लोमा धारकों के लिए 21,222 और 12वीं कक्षा के छात्रों के लिए 8,826 पद हैं। जबकि स्थान के आधार पर राज्यों में महाराष्ट्र में 14,694 अवसर हैं, इसके बाद तमिलनाडु में 13,263, गुजरात में 12,246 और कर्नाटक में 8,944 अवसर उपलब्ध हैं। उत्तरी क्षेत्र में उत्तर प्रदेश में 8,506 अवसर हैं, इसके बाद हरियाणा में 8,235, पंजाब में 2,369, उत्तराखंड में 1,796, हिमाचल प्रदेश में 1,223, जम्मू-कश्मीर में 692 और चंडीगढ़ में 497 अवसर उपलब्ध हैं। सबसे अधिक अवसर तेल, गैस और ऊर्जा क्षेत्र (29,108), ऑटोमोटिव (22,012), और यात्रा एवं आतिथ्य (15,639) में हैं, इसके अलावा बैंकिंग, मैन्युफैक्चरिंग और कृषि जैसे क्षेत्रों में भी पद उपलब्ध हैं। हालांकि, मीडिया और खेल जैसे कुछ क्षेत्रों में कम अवसर हैं। इन क्षेत्रों में अवसर बढ़ाने से यह योजना और अधिक समग्र बन सकती है। यह योजना भारत के सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में चल रही मौजूदा कौशल विकास, अप्रेंटिसशिप, इंटर्नशिप और छात्र प्रशिक्षण से संबंधित सभी कार्यक्रमों से अलग है और इसका किसी भी सरकारी अन्य योजनाओं पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह केंद्रीय और राज्य योजनाओं से स्वतंत्र रूप से संचालित होगी।

यह योजना सामाजिक समावेशन को बढ़ावा देती है, जिससे SC, ST, OBC और PwD वर्गों का उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित होता है। हालांकि कंपनियां अपने स्वयं के मानदंडों के आधार पर इंटर्न का चयन करती हैं, लेकिन योजना का एल्गोरिदम विविधता सुनिश्चित करने में मदद करता है।

प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना में सुधार के लिए कुछ सुझावों में आयु पात्रता का दायरा बढ़ाना, ₹8 लाख से ऊपर की आय वाले लोगों को शामिल करना, आरक्षण कोटा जोड़ना, और सरकारी कर्मचारियों के बच्चों को भी भाग लेने की अनुमति देना, चाहे वे स्टाइपेंड के पात्र हों या नहीं, इत्यादि शामिल हैं। वर्तमान में, 25 क्षेत्रों में से केवल 10 क्षेत्र ऐसे हैं, जो 1.10 लाख से अधिक अवसर प्रदान करते हैं, जिससे इंटर्न के पास विकल्पों की सीमितता है। अधिक क्षेत्रों में अवसरों का विस्तार करने से कौशल और रोजगार क्षमता को बढ़ावा मिलेगा। सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों (PSUs) को शामिल करना, स्थानीय युवाओं को प्राथमिकता देना, और कंपनियों के साथ साझेदारी करना जो प्रदर्शन के आधार पर नौकरी की गारंटी दें, नौकरी के अवसरों को और बढ़ा सकता है। इसके अतिरिक्त, चयन परीक्षणों का आयोजन करने से नियुक्ति प्रक्रियाओं में सुधार होगा, जिससे यह योजना युवाओं के करियर विकास के लिए और अधिक प्रभावी और लाभकारी हो सकेगी।

प्रधानमंत्री इंटर्नशिप योजना में 280 से अधिक कंपनियाँ इंटर्नशिप प्रदान करने के लिए पंजीकृत हैं, और 1.55 लाख छात्रों ने पंजीकरण कराया है, जो 1.25 लाख के लक्ष्य से अधिक है। भारत यह समझता है कि आज की तेज़ी से बदलती अर्थव्यवस्था में अपने युवाओं को सफलता प्राप्त करने के लिए आवश्यक कौशल देना बहुत जरूरी है। यह योजना प्रधानमंत्री के 2047 तक एक विकसित भारत के दृष्टिकोण के साथ मेल खाती है। इसका उद्देश्य बेहतर रोजगार के अवसर पैदा करना और शीर्ष कंपनियों की जरूरतों को पूरा करने के साथ युवाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाएगी।

कुल मिलाकर, यह पहल युवा प्रतिभाओं को वास्तविक अनुभव प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाएगी, जिससे एक वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी कार्यबल तैयार होगा। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के “मेक इन इंडिया” और “स्टार्टअप इंडिया” कार्यक्रमों के साथ जुड़ी हुई यह योजना नवाचार, आत्मनिर्भरता और आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी। यह पहल न केवल भारत की प्रतिभा पूल को मजबूत करेगी है, बल्कि इसके वैश्विक प्रतिष्ठान को भी बढ़ाएगी, जिससे दुनिया भर में उद्योगों में सकारात्मक योगदान होगा।