Ranghosh Report: कंगाल पाकिस्तान के करोड़पति जनरल

वसूली, जमीन घोटाला, घूसहर तरह से कमाया पैसा. फायदे के लिए बदले नियम


पाकिस्तान (Pakistan Economic Crisis) इस वक्त अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है. आवाम के पास खाने को रोटी नहीं है. विदेशी मुद्रा भंडार खाली हो चुका है. इसके पीछे वहां कि सरकार की नीतियां तो जिम्मेदार है लेकिन अगर कोई और इसके लिए जिम्मेदार है तो वो है पाकिस्तान की फौज. वहां के जनरल पाकिस्तान के अमीर लोगों में शुमार है जिनमें कई सेना प्रमुख शामिल है तो कोई नीचे के रैंक का अधिकारी. अब सबसे पहले बात करते है पाकिस्तान के मौजूदा करोड़पति सेना प्रमुख जनरल सैयद असीम मुनीर अहमद शाह की जो कि पाकिस्तानी सेना के 11वें सेना प्रमुख हैं. इनकी कुल संपत्ति 216 करोड़ पाकिस्तानी रुपये से ज्यादा है. सेना प्रमुख बनने से पहले ये 2019 से 2021 तक गुजरांवाला कोर कमांडर के तौर पर तैनात थे. 2019 से 2020 तक ये DGISI भी रहे. मौजूदा सेना प्रमुख पर गुंजरावाला कोर कमांडर रहते हुए 90 करोड़ रुपये की उगाही का आरोप है.

रिपोर्ट के मुताबिक जनरल मुनीर ने पाकिस्तान के मास्टर टाइल्स से 90 करोड़ रुपये की मांग की थी. इस उगाही की जानकारी खुद मास्टर टाइल के CEO शेख़ महमूद इकबा ने तत्कालीन प्रधानमंत्री इमरान खान को 5 जून 2021 को चिट्ठी लिखकर दी थी जिसमें मुनीर का कच्चा चिट्ठा खोल कर रख दिया. बिलकुल फिल्मी स्टाइल में उन्होंने पहले मास्टर टाइल के CEO को लंच पर बुलाया. फिर अपनी उगाही के प्लान को धीरे-धीरे जमीन पर उतारना शुरू कर दिया.जनरल ने बात शुरू की खुद के घर पर लगी बाथरूम टाइल्स से और फिर वखान कॉरिडोर के जरिए तजाकिस्तान और उज़बेकिस्तान से एक्सक्लूसिव बाथरूम टाइल को स्मगल कर के लाने और उससे होने वाले करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी की कहानी सुनाकर फंसाने की कोशिश की और साथ ही इन सब मसले से बचाने और स्मगलिंग को जारी रखने के ऑफर के एवज में 90 करोड़ पाकिस्तानी रुपये की मांग की और पैसा मकाऊ के बैंक में जमा करने की बात की.

आखिर कितने अमीर हैं जावेद बाजवा
ऐसा नहीं है पाकिस्ता के 11वें सेना प्रमुख करोड़पति है या किसी तरह के भ्रष्टाचार का आरोप है. पाकिस्तान के ज़्यादातर सेना प्रमुख जमीन घोटाले के कुख्यात रहे है. डिफेंस हाउसिंग ऑथॉरिटी के तहत करोड़ों रूपये की संपत्ति बनाई. 10वें चीफ के तौर पर पाकिस्तान में 6 साल तक क़ाबिज़ रहे जनरल कमर जावेद बाजवा ने अपने 6 साल के कार्यकाल में 56 मिलियन अमेरिकी डालर जितनी संपत्ति बना जिनमें डिफेंस हाउसिंग अथॉरिटी लाहौर में 2 कमर्शियल प्लाजा के अलावा विदेशों में कई प्रॉपर्टी और फार्म हाउस में निवेश किया. लाहौर और कराची जैसे बड़े पाकिस्तानी शहरों में कई रेजीडेंशियल अचल सम्पत्ति बनाई. फिलहाल पाकिस्तान छोड़ बाजवा दुबई में रह रहे हैं और उनकी कुल संपत्ति 1290 करोड़ पाकिस्तानी रुपये बताई जाती है. ख़ास बात ये है कि बाजवा का पूरा परिवार और करीबी संबंधी करोड़पति हो गए थे.

एक रिपोर्ट के मुताबिक़ जनरल बाजवा के परिवार के 2013 से 2021 के बीच के टैक्स रिटर्न और संपत्ति की जानकारी के मुताबिक बाजवा के जनरल बनने के बाद से उनकी पत्नी ने कोई टैक्स रिटर्न नहीं भरा. इसके अलावा जनरल बाजवा के दोस्त और उनके बड़े बेटे के ससुर दोनों की संपत्तियों में जबरदस्त उछाल आया. मजेदार बात तो यह है कि जनरल बाजवा की पत्नी जिनकी संपत्ति 2016 से पहले जीरो थी वो बढ़कर 2.2 बिलियन पाकिस्तानी रुपये हो गई. खास बात तो यह है कि इसमें अचल संपत्ति जुड़ी नहीं है. ऐसा ही कुछ चमत्कार उनकी बहु मनहूर साबिर के अकाउंट के साथ हुआ.

अब बात करते है पाकिस्तान के 9वें सेना प्रमुख जनरल राहील शरीफ की. 2013 से 2016 तक ये बतौर सैना प्रमुख रहे और अपने इस कार्यकाल के दौरान इन्हें आर्मी कंट्रोल बोर्ड एरिया कमेटी की तरफ़ से 90 एकड़ जमीन उपहार में दे दी गई. 4 स्टार जनरल के तौर पर 50 एकड़ जमीन मिली तो सेना प्रमुख रहते हुए 40 एकड़ जमीन मिली. कुल 90 एकड़ जमीन की कीमत 5.83 मिलियन है तो वहीं डिफेंस हाउसिंग ऑथौरटी (DHA)लाहौर में दो पेंट हाउस भी इनके नाम है. रिपोर्ट के मुताबिक अभी ये साउदी अरब के रियाद में रहते हैं और कुल संपत्ति 1460 करोड़ पाकिस्तानी रुपये से ज़्यादा है. पाकिस्तानी फ़ौज में जब भी कोई भी अफसर भर्ती होता है तो उससे रिटायरमेंट के बाद सेटेलमेंट के लिए जमीन ऑल्टो हो जाती है और पहले दिन से ही उसका पैसा उनके तनख्वाह से कटने लगता है और पाकिस्तान सेना की डिफेंस हाउसिंग सोसाइटी उन्हें घर बना कर देती है.

मेजर रैंक में एक रेजीडेंशियल प्लाट, कर्नल बनने पर इनकी संख्या बढ़कर दो हो जाती है जबकि ब्रिगेडियर बनने के बाद दो रेजिडेश्यल फ़्लैट के साथ साथ एक कमर्शियल प्लांट भी दिया जाता है, लेकिन मेजर जनरल रैंक के बाद से तो पोस्ट रिटायरमेंट भत्ते के तौर पर ज़मीन भी दी जाती है. रिपोर्ट के मुताबिक़ रिटायरमेंट के बाद जनरल या कोर कमांडर को DHA के फ़्लैट कम क़ीमत पर दिए जाते हैं तो 30 एकड़ खेती वाली जमीन भी मिलती है. खास बात तो ये है कि सेना से जमीन राज्य सरकारों से डिफ़ेंस हाउजिंग सोसाइटी बानाने के लिए कम क़ीमत में ख़रीदती है लेकिन इस पर अफसर कमर्शियल प्रोपर्टी बनाकर करोड़ो कमाते है. अब एक और ज़मीन घोटाले के आरोपो में घिरे 8वें सेना प्रमुख जनरल अश्फ़ाक परवेज़ कियानी जो कि 2007 से 2013 तक सेना प्रमुख रहे. इससे पहले जनरल कियानी 2008 से 2010 तक DGMO और DGISI भी रहे है. इनके नाम पर लाहौर में करोड़ों रुपये  के ज़मीन घोटाले का आरोप है.  कियानी ने डिफेंस हाउसिंग सोसाइटी के तहत फ़्लैट निर्माण के लिए 2008 में प्राइवेट रीयल स्टेट डेवलपर के साथ डील साइन की थी. DAH वैली में बहारिया टावर बनाया जाना था लेकिन ये टावर कभी बनकर तैयार ही नहीं हुआ.

सबसे अमीर जनरल में से थे परवेज मुशर्रफ
जनरल परवेज मुशर्रफ तो अब तक के सबसे अमीर जनरल में से एक है. सेना प्रमुख रहते हुए लाहौर के DHA में 2000 यार्ड का बंगला था. इसी डिफेंस हाउसिंग सोसाइटी में दो रेजिडेशियाल प्लांट भी थे. जब मुशर्रफ बतौर सेना प्रमुख से रिटायर हुए तो उन्हें 1 मिलियन डॉलर बराबर पाकिस्तानी रुपये मिले. 14 मिलियन डॉलर क़ीमत के दो फ़्लैट लंदन और यूएई में ख़रीदे. जनरल मुशर्रफ ने 30 से ज्यादा संपत्तियां बनाई जिसमें मिडिल और इस्ट लंदन में लग्जरी अपार्टमेंट और फार्म हाउस भी शामिल है. इसके अलावा 2009 में लंदन में 1.6 मिलियन डॉलर की कीमत में हाइड पार्क क्रीसेंट में फ़्लैट ख़रीदा. रिपोर्ट की मानें तो  परवेज़ मुशर्रफ के नाम पर 16900 कोरड़ पाकिस्तानी रुपये से ज़्यादा की संपत्ति है. पाकिस्तान के 6ठें सेना प्रमुख जनरल जांहगीर करामात भी कम करामाती नहीं थे .इन्होंने तो यूक्रेन से पाकिस्तान के लिए 300 टैंक की डील की थी और उन पर 20 मिलियन डॉलर की घूस लेने का आरोप है .उनकी कुल संपत्ति 540 करोड़ पाकिस्तानी रुपये से ज़्यादा है.

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