रेवाड़ी- लक्ष्मण ने एक दूसरे को खूब चाय पिलाई, टिकट ने रिश्ता पक्का किया
रणघोष खास. सुभाष चौधरी
भाजपा हाईकमान ने कोसली विधायक लक्ष्मण यादव को रेवाड़ी विधानसभा सीट से उम्मीदवार बनाकर एक तरह से शहर के सेक्टर चार में उनके निवास के आधार कार्ड पर अपनी मजबूत मोहर लगा दी है। देखा जाए तो लक्ष्मण यादव ओर रेवाड़ी कई सालों से एक दूसरे को चाय पानी पिलाते आ रहे हेँ। अब रही कसर टिकट ने इस रिश्ते को मजबूत कर दिया है। लक्ष्मण यादव को उसी अंदाज में टिकट मिली जो 2019 के चुनाव में भाजपा की आपसी लड़ाई में कोसली से मिली थी। इस बार रेवाड़ी सीट पर केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह किसी सूरत में अपने विरोधी कददावर जमीनी नेता रणधीर सिंह कापड़ीवास और भाजपा संगठन में तगड़ी हैसियत रखने वाले पूर्व चेयरमैन अरविंद यादव को किसी सूरत में टिकट नही दिलाने पर पूरी तरह से अडे ओर डटे रहे। चाहे इसके लिए उन्होंने अपने समर्थकों की टिकटों पर भी तलवार चलानी पड़ी। लक्ष्मण यादव ऐसा चेहरा था जिसका संगठन के तौर पर मजबूत बायोडाटा था और रेवाड़ी और कोसली उनके लिए कर्म ओर जन्मभूमि रही है। राव से उनके संबंध हमेशा सामान्य रहे। हाईकमान राव के समर्थकों के नाम को लेकर पूरी तरह से संतुष्ट नही था। इसलिए पिछले 10 दिनों में लक्ष्मण यादव को रेवाड़ी से टिकट देने का मंथन शुरू हुआ था। देखा जाए तो कोसली के मुकाबले लक्ष्मण यादव के लिए रेवाड़ी से लड़ना चुनौती पूर्ण तो है लेकिन उनके आत्मविश्वास को मजबूत किए हुए हैं। इस सीट पर लक्ष्मण यादव के पास भाजपा संगठन के साथ साथ अपने समर्थकों की अच्छी खासी फौज भी है। उन्हें चुनौती किसी भी समय भाजपा के भीतर पनप रही बगावत से सबसे ज्यादा मिलेगी। उसके अलावा निर्दलीय उम्मीदवार के तोर पर पूर्व जिला प्रमुख सतीश यादव ऐसे खिलाड़ी है जो किसी का गणित इधर से उधर कर सकते हैं। सभी की नजरें पूर्व विधायक रणधीर सिंह की कापड़ीवास पर टिकी हुई है की वे टिकट नही मिलने की स्थिति मे क्या कदम उठाने जा रहे हैं। कापड़ीवास में चुनाव लड़ने का हर तरह का अमादा है। अगर इस नेता ने लक्ष्मण रेखा पार कर दी तो लक्ष्मण यादव के लिए राह आसान नही होगी। उनके लिए 2019 में कोसली वाली स्थिति बनी हुई है। उस समय भाजपा में रहते हुए पूर्व मंत्री जगदीश यादव टिकट नही मिलने पर बगावत करने में ठहर गए थे ओर लक्ष्मण का अंतिम समय तक संयम बनाए रखना ही उनकी जीत का आधार बन गया। देखते है आने वाले दिनों में इस सीट पर क्या होता है।