गढ़ी बोलनी रोड स्थिति सोमाणी महाविद्यालय में भारत के दूसरे प्रधानमंत्री ,जय जवान जय किसान का नारा देने लाल बहादुर शास्त्री की पुण्यतिथि पर स्टाफ, विद्यार्थी, मैनेजमेंट और बाहर से आए लोगों ने उनकी प्रतिमा पर माला पहनाकर फूल चढ़ाकर श्रद्धांजलि अर्पित की। कॉलेज के प्रोफेसर शिवानी सिंह ने कहां की जीवन में उच्च आदर्शों तथा सादगी की प्रतिमूर्ति शास्त्री जी की राष्ट्र सेवा तथा कर्तव्य निष्ठा समर्पण को सादर प्रणाम करती हू। प्रोफेसर सुमित ने आगे कहा कि युद्ध और कृषि संकट के समय भी देश की एकता अखंडता सुरक्षित रखने और राष्ट्र को प्रगति में सैनिक और किसानों को सम्मान देने के लिए उन्होंने जय जवान जय किसान का अमर मंत्र दिया देश में कृषि और दुग्ध उत्पादन में क्रांति के लिए शास्त्री के प्रयासों को सदैव आदर पूर्वक स्मरण किया जाएगा। मैनेजमेंट सदस्य एडवोकेट परिवर्तन आर्य ने बताया कि सोमाणी परिवार व शास्त्री परिवार की राष्ट्रीय व शैक्षणिक विषयों पर अक्सर विवेचना होती रहती है। उल्लेखनीय है कि लाल बहादुर शास्त्री जी का निधन 11 जनवरी 1966 को निधन हुआ था वह अपनी साफ–सुथरी छवि और सादगी के लिए प्रसिद्ध थे। साहस व स्वाभिमान के गुण उनको विरासत में मिले थे देश की आजादी के लिए कई बार जेल यात्रा भी करनी पड़ी।उनके नेतृत्व में भारत ने 1965 में पाकिस्तान को करारी मात दी।