अग्निवीर योजना पर यह विडियो कुछ कह रहा है जरूर सुनिए..

 7 मिनट का यह विडिेयो बता रहा है  अग्निवीर योजना शानदार है या कूड़े में डालने वाली..


https://youtu.be/i2wK9ec33cg

रणघोष अपडेट. हरियाणा. रेवाड़ी से

 देश के लोकसभा चुनाव में सबसे बड़ा और ज्वंलत मुद्दा बन चुकी भारतीय सेना में भर्ती को लेकर शुरू की गई अग्निवीर योजना  क्या प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सबसे बड़ी गलती थी। क्या अग्निवीर योजना ने युवाओं के भविष्य और जोश को अग्नि में झोंक दिया। क्या विपक्ष सचमुच में इस चुनाव को सबसे बड़ा मुद्दा बनाकर केंद्र से भाजपा सरकार को  बेदखल करने का माहौल बना चुका है। इंडिया गठबंधन की सरकार बनती है तो इस योजना को कूड़ेदान में डाल दिया जाएगा। क्या हकीकत में यह योजना भारतीय सेना के लिए किसी आफ्त से कम नही है। इस योजना को लेकर देश की शीर्ष अदालत में याचिका दायर करने वाले और राष्ट्रपति, सेना प्रमुख से लेकर प्रधानमंत्री को पत्र लिखने वाले डॉ. ईश्वर यादव को सुनना बहुत जरूरी है। डॉ. ईश्वर 1977 से लेकर आज तक सेना में धर्म जाति के आधार पर होने वाली भर्ती के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ते रहे हैं। उनकी अलमारिया फाइलों से भरी हुई है। 70 साल उम्र होने के बावजूद उनकी यह लड़ाई जारी है। उनके पास आरटीआई से प्राप्त वह महत्वपूर्ण आधिकारिक दस्तावेज है जिसे देखकर पूर्व रक्षा मंत्री स्व. मनोहर पार्रिकर ने स्पेशल डॉ.ईश्वर को  अपने आवास पर बुलाया था। डॉ. ईश्वर की तरफ से पेश किए गए साक्ष्यों ने भी रक्षा मंत्री पार्रिकर को भी हैरान कर दिया था। बाद में उनकी मृत्यु के बाद डॉ. ईश्वर न्यायालय के रास्ते अपनी लड़ाई को जारी रखे हुए हैं। यहा बता दे की डॉ ईश्वर अग्निवीर योजना की पुरजोर वकालत कर रहे हैं लेकिन इसकी आड में जाति के आधार पर की जा रही भर्ती को लेकर बेहद चिंतित है।  डॉ. ईश्वर का दावा है की इस योजना ने उन युवाओं के सपनों को साकार कर दिया जिनके  फौजी और सेना अधिकारी बनने के इरादों में कोई जातिगत, क्षेत्रीय आधारित रेजीमेंट भर्ती का मापदंड आडे नही रहा था। इस योजना का विरोध करने वाले जानबूझकर सोची समझी साजिश के तहत इस योजना को पूरी तरह से दिखाने की बजाय उसे अलग अलग टुकड़ों में दिखाकर युवाओं को गुमराह कर रहा है। वे इस पर किसी भी शख्सियत से प्रमाणों के साथ बहस करने के लिए तैयार है। हमारा जागरूक पाठकों एवं दर्शकों से निवेदन है की वे इस योजना से सहमत और असहमत हो सकते हैं यह उनका अपना विवेक और अधिकार है लेकिन डॉ. ईश्वर को भी जरूर सुनना चाहिए ताकि हम इस योजना के तमाम पहलु तक पहुंच जाए। सुनिए डॉ. ईश्वर क्या कह रहे हैं।