अमनगनी में गणतंत्र दिवस पर बिखरी परिवार-समाज- राष्ट्रीयता- संस्कार- संस्कृति की छटा

 शहर के गढ़ी बोलनी रोड पर स्थित अमनगनी परिसर में गणतंत्र दिवस अनूठे अंदाज में पारिवारिक- सामाजिक और राष्ट्रीय सरोकार की छटा बिखेरते हुए मनाया गया। दिन भर चले इस आयोजन की खास बात यह रही कि नन्हें मुन्ने बच्चों से लेकर हर कोई अपनी जिम्मेदारी के साथ किसी ना किसी भूमिका में नजर आया। कार्यक्रम की बागडोर सोसायटी के सदस्यों ने संभाल रखी थी और संरक्षक के तौर पर अमनगनी पीसफुल होम्स के डायरेक्टर त्रिलोक शर्मा पूरे समय मौजूद रहे। सर्वप्रथम सुबह 10.30 बजे ध्वजारोहण किया गया। 11 बजे बच्चों का संस्कृत में गीत व मंत्रोच्चारण होकर 11 बजकर 10 मिनट पर राष्ट्रभक्ति गीत व भाषण प्रतियोगिता शुरू हो गईं। दोपहर 12 बजे राष्ट्रगीत व भजन ने प्रांगण में गीत- संगीत की अदभुत छटा बिखेरी।  गीतकार रघुनाथ आनंद व उनके पुत्र की शानदार जुगलबंदी ने हर किसी को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस अवसर पर अमनगनी के बच्चों द्वारा क्रिकेट व ताइक्वांडो का 5-5 मिनट का अपना अनुभव शेयर किया गया। साथ ही बच्चों ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों से अपनी प्रतिभा का प्रस्तुतीकरण किया।

 हमें शरीर के किसी कोने में सकारात्मक ऊर्जा को बचाकर रखना है

 समारोह में मुख्य वक्ता के तौर पर त्रिलोक शर्मा ने अपने 35 मिनट के भाषण में जीवन दर्शन के उन तमाम पहलुओं पर प्रकाश डाला जो आज की भागती दौड़ती जिंदगी में कहीं खो गई थी। उन्होंने कहा कि जीवन का  मतलब तरक्की नहीं है। खुद को पहचाना है। ईश्वर ने हमें मानवीय जीवन दिया है वह क्यों दिया है इसे ही तो जानना है। जीवन में कितने ही उतार चढ़ाव आए हमें शरीर के किसी कोने में सकारात्मक ऊर्जा को बचाकर रखना है। वह अद्भूत एवं अदृश्य शक्तिहै जो जीवन की हर चुनौतियां से लड़ना सिखाएगी। हर समय परम पिता परमेश्वर का धन्यवाद करना हरगिज ना भूले। खुद से यह संकल्प ले अपने मुख से किसी की निंदा, बुराई और दिमाग में द्वेष नहीं रखेंगे। इससे शरीर के भीतर आनंद की प्राप्ति होना शुरू हो जाएगी। अपने बच्चों को हमेशा प्रेरित करते रहे। उन्हें अहसास कराइए वे अदभुत है। किसी से एक दूसरे की तुलना हरगिज ना करें।  साथ किसी भी तरह के नशे से बचिए और दूसरों को भी ऐसा करने से रोकिए। हमारा निर्माण परिवार- समाज और राष्ट्र के लिए हुआ है। यह अहसास गौरव एवं गर्व के साथ हम सभी को हर समय महसूस करते रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि जीवन में जितने भी उतार चढ़ाव आते हैं वह बेहतर निर्माण के लिए होते हैं। इसलिए घबराने की बजाय उनका स्वागत करिए। जीवन में जो भी घटित होता है वह बेहतर बदलाव की तरफ ले जाता है बशर्ते खुद के प्रति ईमानदार रहिए। इस अवसर पर प्रसिद्ध समाजसेवी एमपी गोयल समेत अनेक गणमान्य लोग विशेष तौर से उपस्थित थे। अमनगनी परिसर में रह रहे सैनिक स्कूल के प्राचार्य कर्नल सौम्यब्रत धर ने भी अपने विचार रखे।  

 जल्द ही वह समय आने वाला है जब आप कहेंगे देश की नंबर वन सोसायटी में रहती है

 त्रिलोक शर्मा ने कहा कि कहने को अमनगनी आवासीय परिसर है लेकिन इसकी एक एक ईंट  भारतीय संस्कार के जल में डूबकी लगाकर  लगाई गई है। मुझे पूरा विश्वास है परिसर में रह रहे परिवार के सदस्य एक दिन मेरे घर आकर जरूर कहेंगे कि वे देश के सबसे सुंदर घर में रहते हैं। यही वो पल उनके जीवन का सबसे बड़ा प्रतिफल होगा। हम जल्द ही परिसर में करीब 7-8 करोड़ रुपए की लागत से आधुनिक क्लब तैयार कर रहे हैं। परिसर को सुरक्षा की दृष्टि से पूरी तरह से निगरानी में लिया जा रहा है। जमीन के अंदर और चारों तरफ कैमरे लग रहे हैं। बच्चों के लिए गीत- संगीत सीखने का प्रबंध भी उनकी अमनगनी कंपनी की तरफ से किया गया है। हमारे परिसर से बच्चे हर क्षेत्र में देश विदेश में नाम रोशन करें। इस तरह का  वातावरण देने के लिए हम पूरी तरह से प्रतिबद्ध है। 

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