कहीं हाथ धोने वाले साबुत के कारण नहीं आ रहे आपके पास मच्छर?

वैज्ञानिकों के लिए यह शोध का विषय लंबे समय तक रहा है कि आखिर मच्छर इंसान को काटने के लिए आकर्षित क्यों होते हैं. कई अध्ययनों के बाद यह भी पाया गया है कि मच्छर सभी इंसानों के प्रति एक ही तरह से आकर्षित नहीं होते हैं बल्कि कुछ इंसानों को प्रति ज्यादा आकर्षित होते हैं तो कुछ इंसानों को छूते तक नहीं हैं. एक नए अध्ययन में पाया गया है कि कुछ साबुन ऐसे हें जिनसे इंसान की गंध की अंतरक्रिया उनके प्रति मच्छरों का आकर्षण बढ़ा देती है. लेकिन यहां भी पाया गया है कि एक साबुन विशेष की भी अलग अलग इंसानों पर अंतरक्रिया होती है जिससे नतीजे भी अलग ही मिलते हैं.

हर इंसान के लिए अगल गंध
वर्जीनिया टेक के वैज्ञानिको के समूह के इस अध्ययन में पाया गया है कि साबुन हर इंसान से प्रतिक्रिया कर एक अलग ही तरह के गंध पैदा करते हैं. उनकी पड़ताल आईसाइंस जर्नल में प्रकाशित हुई हैं. शोध के वरिष्ठ लेखक और न्यूरोएथोलॉजिस्ट क्लेमेंट विनॉगर बताते हैं कि एक ही व्यक्ति के मामले में भी अलग साबुन अलग नतीजे देते हैं.

किसी के लिए आकर्षक
जहां एक ही साबुन के उपयोग से एक व्यक्ति मच्छरों के लिए सबसे ज्यादा आकर्षक बन जाता है वहीं उसी व्यक्ति के लिए दूसरे साबुन का उपयोग उसे मच्छरों से दूर भगाने वाला बना देता है. इंसान साबुनों और अन्य खुशबू वाले उत्पादों का उपयोग लंबे समय से कर रहे हैं. साबुन का इस्तेमाल इंसानों की एक दूसरे के शरीर की गंध के बारे में धारणा बदल देता है.

गंध के भ्रम की संभावना
लेकिन यह साफ नहीं था कि क्या इन उत्पादों का उपयोग  मच्छारों का इंसान की गंध को पहचानने का तरीका भी प्रभावित करता है या नहीं. मच्छर भोजन के लिए केवल खून पर ही नहीं निर्भर होते हैं. पौधों का पराग उनके लिए ज्यादा बड़ा स्रोत होता है इसलिए पौधों की गंध उन्हें फैसले लेने में भ्रम पैदा कर सकता है..

चार प्रतिभागी और चार साबुन
साबुन के उपयोग और मच्छरों के प्रति आकर्षण के बीच के संबंध को समझने के लिए शोधकर्ताओं ने सबसे चार मानव प्रतिभागियों के द्वारा निकलने वाली रासायनिक गंध को निर्धारित किया जिसमें साबुन के उपयोग करने और ना करने दोनों की स्थितियां शामिल थीं. इसमें इन प्रतिभागियों ने डायल, डव, नेटिव और सिंपल ट्रुथ नाम के चार साबुन के ब्रैंड का उपयोग किया.

क्या पाया गया
शोधगकर्ताओं ने साबुन की गंध की प्रोफाइल भी निर्धारित की जिनमें कुछ दूसरों की तुलना में मच्छरों के प्रति ज्यादा आकर्षक थीं. पाया गया कि हर प्रतिभागी एक अलग ही गंध को निकाल रहा था जिनमें कुछ दूसरों की तुलना में मच्छरों के लिए ज्यादा आकर्षक थीं. लेकिन साबुन के इस्तेमाल ने इन गंध की प्रोफाइल में बदलाव कर दिया जिसमें केवल फूलो या पौधों की गंध का ही योगदान नहीं था.

साबुन का रसायन ही काफी नहीं
शोधकर्तांओं ने माना कि वैसे तो इंसान की गंध पर उसकी आदतों, खानपान आदि सबका असर  होता है. लेकिन साबुन का उपयोग उसमें बड़ा बदलाव ला देता है और इसकी वजह से साबुन के रसायन ही नहीं बल्कि उनका शरीर के गंध से प्रतिक्रिया भी होती है. इसमें सबसे खास बात यही है कि साबुन की गंध नहीं बल्कि उनकी शरीर की गंध से प्रतिक्रिया के बाद की गंध ज्यादा मायने रखती है. क्यों सभी साबुनों में मच्छरों को दूर करने वाला रसायन होने के बाद भी तीन साबुनों ने मच्छरों के प्रति आकर्षण बढ़ाने का काम किया.

आकर्षण और विकर्षण के लिए जिम्मेदार विशेष घटक की पहचान करने के लिए शोधकर्ताओं ने विभिन्न् साबुनों की रासायनिक संरचना का अध्ययन मच्छरों की प्राथमिकता के अनुसार किया और पाया कि मच्छरों के प्रति आकर्षण के लिए चार औ विकर्षण के लिए तीन रसायन जिम्मेदार हैं. इनके मिश्रण के संयोजनों का परीक्षण कर कुछ पैटर्न निकाले और पाया कि नारियल की खुशबू वाले साबुन मच्छरों को ज्यादा दूर रखते हैं. अब वे अपने आगे के अध्ययन में ज्यादा तरह के लोगों पर इनके प्रयोग करेंगे.

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