संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसान आंदोलन के छह महीने पूरे होने पर कितलाना टोल पर आज किसान मजदूरों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रतीकात्मक पुतला जला काला दिवस मनाया। धरने पर बड़ी संख्या में जहां महिलाएं काली चुनरी ओढ़कर आई वहीं युवा बाजुओं और माथे पर काली पट्टी बांध कर आये। इस दौरान किसान मजदूरों ने सरकार की बेरुखी को लेकर जोरदार नारेबाजी की। वक्ताओं ने कहा कि किसान आंदोलन की चर्चा आज दूर दूर तक है। आजादी के बाद हिंदुस्तान में ये पहला आंदोलन है जो इतना लंबा और शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा है। उन्होंने कहा कि आंदोलन में 450 से ज्यादा किसानों की शहादत के बाद भी देश के अन्नदाता अपनी मांगों को लेकर पूरे संयम से संघर्ष के पथ पर अग्रसर हैं। उन्होंने कहा कि सर्दी की भीषणता झेलने के बाद किसान आज 40 डिग्री से अधिक तापमान में अपनी वाजिब मांग पूरी होने का इंतजार कर रहे हैं। लेकिन सरकार निष्ठुर बनी हुई है। धरने की आज खाप सांगवान 40 के सचिव नरसिंह डीपीई, फौगाट खाप उन्नीस के प्रधान बलवन्त नम्बरदार, श्योराण खाप के प्रधान बिजेंद्र बेरला, किसान सभा के मास्टर शेर सिंह, गंगाराम श्योराण, सुभाष यादव, रामफल देशवाल, शकुन्तला जाटू लुहारी, कस्तूरी डोहकी, निर्मला पांडवान ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। मंच संचालन कामरेड ओमप्रकाश ने किया। इस अवसर पर सुरजभान सांगवान, रणधीर घिकाड़ा, सुरेश फौगाट, राजू मान, शमशेर फौगाट, एडवोकेट संजीव तक्षक, वीरेन्द्र डूडी, अमित सांगवान, कमल प्रधान, राज सिंह बिरही, पंवार खाप से महाबीर मास्टर, सुरेंद्र कटारिया, राजकुमार हड़ौदी, डॉ ओमप्रकाश, अनोखी मंदोली, सज्जन डांडमा, रणधीर कुंगड़, अपूर्व यादव, बबलू फतेहगढ़ इत्यादि मौजूद थे।