गूंगी, बहरी और अंधी सरकार को जगाकर रहेंगे : चढूनी

 किसान आंदोलन में बने मुकदमे निःशुल्क लड़ेंगी भिवानी- दादरी बार एसोसिएशन


रणघोष अपडेट. चरखी दादरी


देश की जनता का दुर्भाग्य है कि केंद्र और राज्य में गूंगी, बहरी और अंधी सरकारें बैठी हैं जिन्हें जनता का दर्द और तकलीफ नहीं दिख रही लेकिन सभी बिरादरी के सहयोग से चल रहा किसान आंदोलन इनको जगाकर रहेगा। यह बात भारतीय किसान यूनियन के प्रदेशाध्यक्ष गुरनाम सिंह चढूनी ने कितलाना टोल प्लाजा पर चले रहे किसानों के अनिश्चित कालीन धरने को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि लाखों की संख्या में किसान 42 दिन से शांतिपूर्ण ढंग से दिल्ली बॉर्डर पर धरने पर बैठे हैं और इस बीच 56 किसान शहादत दे चुके हैं पर सरकार घमंड में भरी बैठी है। ये देश के अन्नदाता और सीमाओं की रक्षा कर रहे उनके जवान बेटों का अपमान है जो सरकार को भारी पड़ेगा। उन्होंने किसानों से 7 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च में बढ़चढ़कर भाग लेने के साथ 26 जनवरी को दिल्ली में होने वाली किसान परेड की तैयारियों में जुट जाने का आह्वान किया। उन्होंने आम जनता से अम्बानी, अडानी और रामदेव के उत्पादों के बहिष्कार करने की अपील की।

                 दादरी से निर्दलीय विधायक और खाप 40 सांगवान के प्रधान सोमबीर सांगवान ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि 8 जनवरी को किसान संगठनों के साथ होने वाली बातचीत में सरकार ने लचीला रुख नहीं अपनाया तो किसान कड़े कदम उठाने  को मजबूर होंगे। उन्होंने कहा कि खराब मौसम भी किसानों को हिला नहीं पाया है। जब तक सरकार तीनों काले कानून वापिस नहीं लेती और एमएसपी की गारंटी नहीं देती। हम पीछे नहीं हटेंगे।

                 बार एसोसिएशन ने किसान आंदोलन का किया समर्थन–  भिवानी बार एसोसिएशन के प्रधान सत्यजीत पिलानियां और दादरी बार एसोसिएशन के प्रधान सुरेंद्र मेहड़ा ने संयुक्त रूप से  कितलाना टोल पर पहुंच कर किसान आंदोलन का समर्थन करते हुए कहा कि अपनी मांगों को लेकर धरना, प्रदर्शन करना जनता का मौलिक अधिकार है। पर वर्तमान केंद्र और राज्य सरकार लोकतंत्र की हत्या करने पर जुटी है। आंदोलन में भाग लेने वाले किसानों पर 307 जैसी संगीन धारा लगा  मुकदमे बनाये गए हैं। कड़कड़ाती ठंड में दिल्ली बॉर्डर पर जाने वाले आंदोलनकारियों को रोकने के लिए सरकार ने ना केवल पानी की बौछार की अपितु आसूं गैस का इस्तेमाल करने के साथ सड़कें तक खोद डाली। सरकार को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि वकील बिरादरी पूरी तरह से किसानों के साथ है और मजबूती से उनका साथ देगी। उन्होंने घोषणा करते हुए कहा कि किसान आंदोलन में बने मुकदमों की दोनों बार मिलकर निःशुल्क पैरवी करेंगी।

                      संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर खाप 40 सांगवान के सचिव नरसिंह डीपीई, खाप फौगाट के प्रधान बलवंत नंबरदार, खाप 25 श्योराण सर्वजातीय के प्रधान बिजेंद्र बेरला, चौधरी छोटूराम और अम्बेडकर मंच के संयोजक गंगाराम श्योराण, किसान सभा के रणधीर कुंगड़, जाटू खाप के मास्टर राजसिंह, सेवानिवृत्त कर्मचारी संघ के रत्तन जिंदल, भारतीय किसान यूनियन के राकेश आर्य, अन्नदाता किसान यूनियन के रामकुमार कादयान, किसान यूनियन लोकशक्ति के जगबीर घसोला के संयुक्त संयोजन में दिए जा रहे अनिश्चित कालीन धरने के तेहरवें दिन भी टोल फ्री रहा। सिन्दोलिया खाप से महासचिव सीताराम शर्मा, गोघड़िया खाप के पूर्व प्रधान राजकुमार वशिष्ठ, दादरी कपड़ा एसोसिएशन के प्रधान संजय वशिष्ठ, चिड़िया पचगांव खाप के प्रधान राजबीर शास्त्री ने भी धरने को समर्थन दिया।

                   मंच संचालन कामरेड ओमप्रकाश ने किया। इस अवसर पर अधिवक्ता रमेश सांगवान, दीपक श्योराण, संजीव तक्षक, रवि राय, अनुराग फौगाट, आनंद गोदारा, अनंत दहिया, राहुल घायल, विजय गढवाल, नरेंद्र सोनी, मदन वर्मा, अजय यादव, विजेंद्र श्योराण, अमनदीप फौगाट, कुलदीप, प्रवीण वत्स, राजेंद्र, सुरेंद्र परमार, कमल सिंह मांढी, राजू मान, कमल प्रधान, राकेश आर्य, राजकुमार हड़ौदी, बलजीत फौगाट, राकेश बेरला, प्रेम कादमा, प्रीतम चेयरमैन, नरेंद्र सांगवान, सूशील धानक, प्रोफेसर राजेन्द्र डोहकी, करतार ग्रेवाल, मीर सिंह जेवली, विजय काकड़ोली हुक्मी, रघुबीर श्योराण, कमलेश भैरवी, कृष्णा सांगवान, राजेश झोझू, सुनीताकमला, भतेरी, सीमा, सत्यवान बलियाली इत्यादि मौजूद थे।

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