चिरंजीव राव ने रेवाड़ी में नगर निगम बनाने व धारूहेड़ा में आने वाले दूषित पानी का मुद्दा विधानसभा में उठाया

– कहा, नगर निगम बनने से दक्षिणी हरियाणा के विकास को गति प्रदान होगी।


बजट सत्र के तीसरे दिन की कार्रवाई प्रश्नकाल के साथ शुरू हुई। प्रश्नकाल के दौरान रेवाड़ी विधायक चिरंजीव राव ने सदन में प्रश्न किया कि रेवाड़ी नगर परिषद को नगर निगम क्यों नहीं बनाया जा रहा, जबकि रेवाड़ी शहर नगर निगम बनने की सभी शर्तें पूरी करता है। जवाब में मंत्री अनिल विज ने सदन में कहा कि 2011 की जनगणना के अनुसार रेवाड़ी शहर की जनसंख्या 143021 थी और 2018 के नगर परिषद के चुनाव में यह बढ़कर 187000 हो गई थी। नगर निगम अधिनियम के तहत शहर की जनसंख्या 3 लाख होनी जरूरी है, तभी कोई नगर निगम बन सकता है।

मंत्री अनिल विज के जवाब पर विधायक चिरंजीव राव ने सदन में कहा कि नगर परिषद के चुनाव 2018 में नही 2013 में हुए थे, मंत्री जी के अनुसार तब रेवाडी शहर की जनसंख्या 187000 हो गई थी। महोदय मैं आपको बताना चाहता हूं कि रेवाडी शहर का 2031 का प्रस्तावित मास्टर प्लान में 38 सैक्टर हैं और एमबीआईआर 2039 मास्टर प्लान के तहत 110 नए सेक्टर हैं जिन पर बसावट शुरू हो गई है। रेवाडी नगर परिषद 1995 में बना था। नगर परिषद बने 26 साल हो गए हैं। रेवाडी शहर के साथ लगती हुई कॉलोनियां, पास के गांव की कृषि भूमि पर बसी शहरी आबादी व ग्रुप हाउसिंग सोसायटी को शहर की जनसंख्या में शामिल नही किया गया है। इसके अलावा शहर से लगते 3 किलोमीटर के दायरे में ढालियावास, जाटुवास, देवलावास, शेहबाजपुर, पैदयावास, कालका, मांढिया, कालूवास, चांदावास, गोकलगढ, रामपुरा, हरिनगर, हुसैनपुर इत्यादि गांव हैं जबकि 5 किलोमीटर के दायरे के अंदर इसी तरह से करीब 15 गांव ओर लगते हैं। यदि इन सभी गांव की जनसंख्या को जोड लिया जाए तो जनसंख्या 5-6 लाख के पार चली जाएगी। जो कि नगर निगम बनने की शर्त को भी पूरा करती है। विधायक चिरंजीव राव द्वारा आंकडों को सही तरीके से रखने के बाद स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता ने कहा कि मंत्री जी आपके इस प्रस्ताव की ओर अवश्य ध्यान देंगे।

चिरंजीव राव ने सदन में कहा कि गुडगांव जिले में दूसरा नगर निगम मानेसर बनाया गया है। मानेसर क्षेत्र में वोटर 40 हजार से कम हैं और वहां भी तो 29 गांवों को जोडकर 3 लाख जनसंख्या की शर्त को पूरा किया गया है। जिसके लिए वे मुख्यमंत्री का धन्यवाद करते हैं। लेकिन मैं पूछना चाहता हूं कि रेवाडी के साथ भेदभाव क्यों किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि रेवाडी के नगर निगम न बनने से करीब 2 दर्जन गांव में विकास कार्य ठप हैं, क्योंकि उनकी जमीन पर बसावट तेजी से बढ रही है। उनमें न नगर परिषद और न ही ग्राम पंचायत कार्य करवा पा रही है। दोनो एक दूसरे पर डाल देते हैं। इसलिए समय की जरूरत है रेवाडी को नगर निगम बनाया जाए। रेवाडी के नगर निगम बनने से दक्षिणी हरियाणा के विकास को गति प्रदान होगी। विधायक चिरंजीव राव ने कहा कि रेवाडी शहर को गति प्रदान करने के लिए, आवारा पशु मुक्त बनाने के लिए, स्वच्छ पानी, सफाई व्यवस्था दुरूस्त करने के लिए, अच्छे रोड, सिविर के लिए रेवाडी में नगर निगम बनना अति आवश्यक है।

साथ ही दूसरी तरफ धारूहेडा का भी यही हाल है। यहां नगर पालिका का गठन कांग्रेस सरकार में हुआ था, लेकिन तब के बाद से धारूहेडा का समय के हिसाब से विकास नही हो पा रहा है। इसलिए धारूहेडा नगर पालिका को नगर परिषद बनाया जाए।

इसके अलावा विधायक चिरंजीव राव ने सदन में भिवाडी (राजस्थान) से धारूहेडा में आने वाले फैक्ट्रियों के केमिकल युक्त दूषित पानी के मामले को स्पीकर ज्ञान चंद गुप्ता के संज्ञान में लाते हुए कहा कि भिवाडी से आने वाले फैक्ट्रियों के केमिकल युक्त पानी से न केवल धारूहेडा में भूमिगत जल खराब हो रहा है बल्कि पानी के सडकों पर खडा रहने से सडकें भी श्रतिग्रस्त हो रही हैं। इसके चलते यहां पर आए दिन हादसे होते हैं जिनमें लोगों को जान-माल का नुक्सान उठाना पडता है, दुर्घटना के चलते यहां कई लोगों की जान भी चली गई हैं।

चिरंजीव राव ने कहा कि यहां आने वाले दूषित पानी से धारूहेडा की धरती, हवा और पानी जहरीला हो रहा है। यहां पर बने अंबेडकर पार्क की सारी दिवार गिर गई, हाउसिंग बोर्ड में पानी भर जाता है। केमिकल युक्त पानी से लोगों को कैंसर की बिमारी व एलर्जी होने लग गई है, यह अति गंभीर विषय है। इसलिए भिवाडी से आने वाले दूषित पानी को जल्द से जल्द रोका जाए, ताकि लोगों को होने वाली समस्याओं का सामना न करना पडें।

चिरंजीव राव ने कहा कि स्थानीय लोगों ने मानवाधिकार आयोग में भी इसकी शिकायत दी थी और मानवाधिकार आयोग ने भी प्रशासन से विस्तृत रिर्पोट तलब कि है। बावजूद इसके समस्या का समाधान नही हो रहा है, इन बातों से सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार जन समस्याओं के प्रति कितनी गंभीर है। स्थानीय लोगों के जब पानी सर के उपर चला गया तो उन्होंने मजबूरन एन एच 48 से भिवाडी जाने वाले रोड के सुभाष चौक पर जाम भी लगाया। यदि सरकार ने दूषित पानी की समस्या का समाधान जल्द नही किया तो मजबूरन लोगों को आंदोलन की राह पकडनी पडेगी।

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