सरप्लस जमीन पर अवैध कब्जा, आय से अधिक संपत्ति को बनाया निपटाने का हथियार
रणघोष खास. हरियाणा से
दक्षिण हरियाणा में कांग्रेस के सबसे सीनियर नेता एवं पूर्व मंत्री कप्तान अजय सिंह यादव पर पहली बार तौर तरीकों के साथ सरप्लस जमीन पर अवैध कब्जा एवं आय से अधिक संपत्ति मामले को हथियार बनाकर हमला किया गया है। सबसे बड़ी भूमिका केंद्रीय कैबिनेट मत्स्यपालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला की है। जिन्होंने निजी तौर पर मुख्यमंत्री मनोहरलाल को कार्रवाई के लिए दो बार पत्र भेजा। इसके अलावा दो केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत सिंह एवं कृष्णपाल गुर्जर ने भी मिली शिकायतों को आधार बनाते हुए इस कार्रवाई को आगे बढ़ाने में सक्रियता दिखाई। जिसकी वजह से जिला प्रशासन ने पिछले दो माह में शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए कप्तान अजय सिंह यादव के परिवार समेत 21 लोगों को नोटिस जारी किए हैं। अगर इस कार्रवाई में तेजी आती है तो स्वाभाविक है कि दक्षिण हरियाणा की राजनीति में एक दूसरे पर हमला करने की धार तेज हो जाएगी। इससे किसे मौजूदा हालात में नुकसान होगा यह समय तय करेगा।
2 नवंबर 2020 को केंद्र में तत्कालीन कृषि एवं किसान कल्याण राज्य मंत्री पुरुषोत्तम रूपाला ने अपने लैटर पैड पर मुख्यमंत्री मनोहरलाल को पत्र भेजा। जिसमें उन्होंने एंटी करप्सन फ्रंट फरीदाबाद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एमपी नागर द्वारा पुलिस आयुक्त रेवाड़ी को भेजे गए ज्ञापन की प्रतिलिपि का हवाला दिया हुआ है। साथ ही विजय सोमाणी, अनिल कुमार एवं धर्मेद्र कुमार द्वारा आपको पहले भेजे गए शिकायत पत्रों की प्रति संग्लन की गई हैं। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि शिकायत पत्रों में हरियाणा सरकार के पूर्व मंत्री अजय सिंह यादव पर आय से अधिक संपत्ति का मुकदमा दर्ज करके इसकी जांच हेतु प्रार्थना की गई है। साथ ही यह भी बताया गया है कि अजय सिंह द्वारा रेवाड़ी के दो गांवों गंगोली एवं सुमाखेड़ा में 367 एकड़ सर प्लस भूमि को अब तक नहीं छोड़ा गया है। जिसको सन्1978 में हरियाणा सरकार द्वारा लागू कर सर प्लस एक्ट के तहत हरियाणा सरकार को कब्जा देना चाहिए था। अजय यादव के विरूद्ध अन्य कई शिकायत पत्र भी इन ज्ञापनों में संग्लन है जोकि आवेदन से स्वत: स्पष्ट है। आपसे पुन आग्रह है कि एमपी नागर द्वारा आपको व पुलिस आयुक्त रेवाड़ी को भेजे गए शिकायतों पत्रों पर अविलंब समुचित कार्रवाई करने का निर्देश दें। इस पत्र पर अमल नहीं हुआ तो श्री रूपाला ने अप्रैल 2021 को पुन: सीएम को रिमाइंडर भेजा। प्रशासन की कार्रवाई से साफ जाहिर हो रहा है कि आने वाले दिनों में यह मसला अब राजनीति गलियारों में शोर मचाने जा रहा है। इसमें कौन नेता किस भूमिका में रहेगा यह देखने वाली बात रहेगी।