प्‍लास्टिक व अन्‍य वेस्‍ट मैटेरियल से अब तक बने 2817 किमी. हाईवे, जानें सबसे ज्‍यादा किस राज्‍य में बने?

सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय प्‍लास्टिक समेत अन्‍य वेस्‍ट मैटेरियल से हाईवे का निर्माण कर रहा है. मौजूदा समय 24 यूटी और राज्‍यों में 2817 किमी. लंबी ऐसे हाईवे का निर्माण किया जा चुका है. इस तरह की सड़कें जहां पर्यावरण के लिए अच्छी होती हैं, वहीं, प्रकृतिक संशाधनों को सुरक्षित रखने में मददगार होती हैं. आइए जानें वेस्‍ट मैटेरियल में क्‍या क्‍या चीजें इस्‍तेमाल होती हैं और किन राज्‍यों में अब तक सबसे ज्‍यादा हाईवे बनाए जा चुके हैं.
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के अनुसार वेस्‍ट मैटेरियल में प्लास्टिक और अन्य वेस्‍ट मैटेरियल जैसे फ्लाई ऐश, आयरन और स्टील स्लैग का इस्‍तेमाल किया जा रहा है. इन सड़कों की लागत सामान्‍य तारकोल की सड़कों से कम आती है और इनकी उम्र अधिक होती है यानी जल्‍दी टूटती नहीं है. इस तरह इनके रखरखाव में खर्च कम आता है.
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने इस संबंध में नीतिगत दिशा-निर्देश जारी किए हैं, साथ ही भारतीय सड़क कांग्रेस (आईआरसी) द्वारा मानक/मैनुअल प्रकाशित किए गए हैं. ऐसे वेस्‍ट मैटेरियल का उपयोग करने का उद्देश्य निर्माण की लागत को कम करना, देश के प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण और टिकाऊपन को बढ़ावा देना है. हाईवे के अलावा फुटपाथ में भी वेस्‍ट मैटेरियल के इस्‍तेमाल को बढ़ावा दिया जा रहा है.
मंत्रालय की रिपोर्ट के अनुसार इस तरह का हाईवे सबसे ज्‍यादा उत्‍तर प्रदेश में बनाया गया हैं. यहां पर कुल वेस्‍ट मैटेरियल से बने हाईवे में से करीब 40 फीसदी यानी 1163 किमी. का निर्माण किया गया है. इसके बाद दूसरा नंबर कर्नाटक का है, यहां पर 521 किमी. और तीसरे नंबर पर आन्‍ध्र प्रदेश, यहां पर 209 किमी. हाईवे का निर्माण वेस्‍ट मैटेरियल से किया गया है. वहीं सबसे कम हाईवे निर्माण में जम्‍मू कश्‍मीर, झारखंड और अंडमान निकोबार में हुआ है.

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