अरुणाचल में LAC के पास गरजे गृहमंत्री अमित शाह
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को कहा कि भारत की ज़मीन हथियाने का ज़मान चला गया है और सेना के पराक्रम से हम सुरक्षित हैं. उन्होंने कहा कि सुई की नोक जितनी ज़मीन भी हमसे कोई नहीं ले सकता. वे अरुणाचल प्रदेश में लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) के पास किबिथू इलाके में वाइब्रेंट विलेज के एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे.
गृह मंत्री ने कहा, ‘पूरा देश आज अपने घरों में चैन की नींद सो सकता है क्योंकि हमारे भारतीय-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) के जवान और सेना हमारी सीमाओं पर दिन-रात काम कर रहे हैं. आज हम गर्व से कह सकते हैं कि हम पर बुरी नजर डालने की ताकत किसी में नहीं है.’
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने आगे कहा, ‘2014 से पहले पूरे पूर्वोत्तर क्षेत्र को अशांत क्षेत्र के रूप में जाना जाता था, लेकिन पिछले 9 वर्षों में, पीएम मोदी की ‘लुक ईस्ट’ नीति के कारण, पूर्वोत्तर को अब एक ऐसा क्षेत्र माना जाता है, जो देश के विकास में योगदान देता है.’
वर्ष 1962 के युद्ध के दौरान अपने प्राण न्यौछावर करने वाले किबिथू के शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए शाह ने कहा कि संसाधनों के अभाव के बावजूद वे अदम्य साहस के साथ लड़े. शाह ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश में कोई भी ‘नमस्ते’ नहीं बोलता क्योंकि लोग एक-दूसरे का अभिवादन ‘जय हिंद’ के साथ करते हैं जो हमारे दिलों को देशभक्ति की भावना से भर देता है.
गृह मंत्री ने कहा कि पहले, सीमावर्ती इलाकों से लौटने वाले कहा करते थे कि वे भारत के अंतिम गांव में गये, लेकिन मोदी सरकार ने इस विमर्श को बदल दिया और अब लोग कहते हैं कि उन्होंने भारत के प्रथम गांव की यात्रा की है. गृह मंत्री बनने के बाद इस पूर्वोत्तर राज्य में शाह का यह पहला दौरा है. केंद्रीय गृह मंत्री ने किबिथू में ‘स्वर्ण जयंती सीमा प्रकाश कार्यक्रम’ के तहत निर्मित राज्य सरकार की नौ सूक्ष्म पनबिजली परियोजनाओं का उद्घाटन भी किया. ये बिजली परियोजनाएं सीमावर्ती गांवों में रहने वाले लोगों को सशक्त बनाएंगी.
शाह ने लिकाबाली (अरुणाचल प्रदेश), छपरा (बिहार), नूरानड (केरल) और विशाखापत्तनम (आंध्र प्रदेश) में बुनियादी ढांचे को सशक्त करने के लिए भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) की परियोजनाओं का भी उद्घाटन किया.
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने वित्तीय वर्ष 2022-23 से 2025-26 के लिए सड़क संपर्क के लिए विशेष रूप से 2500 करोड़ रुपये सहित 4800 करोड़ रुपये के केंद्रीय योगदान के साथ ‘वाइब्रेंट विलेजेस प्रोग्राम’ (वीवीपी) को मंजूरी दी है.
यह एक केंद्र प्रायोजित योजना है जिसके तहत उत्तरी सीमा से सटे अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश जैसे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश लद्दाख के 19 जिलों के 46 ब्लॉक में 2,967 गांव की व्यापक विकास के लिए पहचान की गई है. पहले चरण के लिए आंध्र प्रदेश के 455 सहित 662 गांव की पहचान की गई है.