महावर सभा चुनाव की मौजूदा तस्वीर

 समाज में चुनाव के साथ भाईचारा भी जरूरी, दोनों धड़ों के अपने अपने दावें


रणघोष अपडेट. रेवाड़ी

महावर सभा रजि. चुनाव को लेकर बने दो धड़ों की अलग अलग तस्वीर सामने आ रही है। प्रधान पद के उम्मीदवार नवल किशोर गुप्ता की टीम से उपप्रधान पद के लिए विनोद डाटा, सचिव पद पर  मोहन लाल गुप्ता, ज्वाइंट सेक्रेटरी के लिए राजकुमार, कोषाध्यक्ष पद पर  अनिल गुप्ता मैदान में है। साथ ही कार्यकारिणी सदस्य के तौर पर हेमंत गुप्ता, विनोद कुमार गुप्ता, रवि कुमार गुप्ता, त्रिवेंद्र गुप्ता, महेश गुप्ता हिंदू स्कूल वाले, नरेश कुमार, कृष्ण कुमार चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं दूसरे ग्रुप में प्रधान पद के उम्मीदवार नरेंद्र कुमार गुप्ता की टीम से उपप्रधान के लिए नवीन कुमार गुप्ता, सचिव पद पर नरेश गुप्ता, ज्वाइंट सेक्रेटरी के लिए कपिल गुप्ता, कोषाध्यक्ष पद पर सुबोध कुमार डाटा ने नामाकंन भरा है। इसी तरह कार्यकारी सदस्य के लिए निरजंनलाल गुप्ता, रजनी गुप्ता, निशा डाटा, शुभम गुप्ता, पुनीत कुमार, बाबूलाल गुप्ता, नरेश कुमार मैदान में है। इसके अलावा सुबोध गुप्ता ने भी अलग से प्रधान पद की दावेदारी की है। उनके साथ अन्य पदों के लिए कोई टीम नहीं है जाहिर है वे सोची समझी योजना के तहत नवल किशोर गुप्ता खेमें को नुकसान पहुंचाने के लिए मैदान में उतरे हैं। उनकी पत्नी रजनी गुप्ता ने नरेंद्र कुमार गुप्ता टीम से कार्यकारिणी सदस्य के तौर पर फार्म भरा है। मतदान के दिन एक दूसरे का समर्थन करने के लिए नरेंद्र कुमार गुप्ता या सुबोध गुप्ता में किसी एक का मैदान छोड़ना तय है। इसके अलावा पूर्व प्रधान घनश्याम डाटा के परिवार सें उनके भाई की पत्नी निशा डाटा कार्यकारिणी सदस्य के तौर पर चुनाव लड़ रही है। प्रधान पद के उम्मीदवार सुबोध गुप्ता घनश्याम डाटा के सगे भांजे हैं। कुल मिलाकर दोनों पक्षों की तरफ से बहुत ही योजनाबद्ध तरीके से चुनाव लड़ा जा रहा है।

 चुनाव होने से समाज में मतदाताओं की अहमियत बढ़ेगी

 नरेंद्र कुमार गुप्ता ग्रुप शुरूआत से ही चुनाव कराने के पक्ष में रहा है। इनका मानना है कि इससे समाज में जागरूकता आएगी ओर मतदाताओं को अपनी अहमियत का पता चलेगा। किसी व्यक्ति विशेष का प्रभाव खत्म हो जाएगा। इस चुनाव को उत्सव की तरह लेना चाहिए।  यहां बता दें कि इससे पहले फर्म एवं सोसायटिज एक्ट में आने के बाद पहली बार चुनाव हो  रहे हैं। इससे पहले रामौतार गुप्ता एवं घनश्याम डाटा समाज में सर्वसम्मति से प्रधान मनोनीत हुए हैं।  

 पहले बिखरे समाज को एकजुट करना जरूरी, चुनाव होते रहेंगे

 प्रधान पद उम्मीदवार नवल किशोर गुप्ता ग्रुप का कहना है कि चुनाव होने चाहिए। इस पर किसी को एतराज नहीं है। पिछले तीन सालों में बिना किसी वजह से भवन का निर्माण बंद पड़ा हुआ है। इसकी कोई जिम्मेदारी एवं जवाबदेही लेने को तैयार नहीं है। पिछले कुछ दिनों से चुनाव प्रक्रिया के तहत सर्व सम्मति से नई टीम बनाने के प्रयास हुए। कुछ लोगों का निजी  एजेंडा था इसलिए बात नहीं बनी तो  मैदान में उतरना पड़ रहा हैं। कायदे से  सभी को समाज की मौजूदा स्थिति भी देखनी चाहिए। तीन साल देरी से ऐसे हालातों में चुनाव हो रहे हैं जब समाज अलग अलग कारणों से बिखरा हुआ है। सेक्टर चार स्थित बंद पड़ा भवन समाज की एकजुटता एवं आपसी सहयोग से ही पूरा होगा। ऐसे में चुनाव होते हैं तो समाज कई धड़ों में बंट जाएगा। ऐसे में आगे चलकर भवन के लिए एकत्र किए जाने वाले चंदे को एकत्र करना मुश्किल हो जाएगा। जब चुनाव जनसंपर्क में ही एक दूसरे के साथ बैठने में कतरा रहे हैं तो आगे चलकर चंदा लेना- देना तो दूर की बात है। भवन बनने के बाद चुनाव के लिए मैदान हमेशा खुला रहेगा। हम सभी का लक्ष्य भवन को असल स्वरूप देना है। हमने सर्वसम्मति के लिए दरवाजे खुले रखे हुए हैं।

 सुझाव: सभी 24 उम्मीदवारों को जिम्मेदारी देकर मजबूत हो सकता है भाईचारा

 समाज के विकास एवं उन्नति के लिए 24 उम्मीदवार विभिन्न पदों के लिए मैदान में उतरे हैं। यह ऐसा चुनाव नहीं है जिस पर जिला प्रशासन, सरकार की नजर है। यह समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने का तरीका है।  समाज के कुछ लोगों के सुझाव है कि जितने भी उम्मीदवार मैदान में है उन सभी को अलग अलग जिम्मेदारी दी जा सकती है। 12 उम्मीदवार आधिकारिक तौर पर गठित कमेटी में आ सकते हैं और बाकी कमेटी की तरफ से प्रस्ताव पारित कर अलग अलग पदों को सृजित कर अन्य उम्मीदवारों को जिम्मेदारी दी जा सकती है। इसके लिए सभी को बड़ा दिल रखना चाहिए। आमतौर पर राजनीतिक दल व सरकारें भी कैबिनेट मीटिंग में प्रस्ताव पारित कर नए पदों को सृजित कर व्यक्ति विशेष की योग्यता का सम्मान करते हुए जिम्मेदारी देकर जनहित में उनके अनुभव का लाभ लेती आ रही है।  

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