माता रमा देवी सभी के लिए प्रेरणा, चार बेटों की मृत्यु के बाद भी बाबा साहेब को पढ़ाई में विचलित नहीं होने दिया

माता रमा बाई सामाजिक उत्थान संस्था स्थित गली नं. 3 आजाद नगर में संस्था द्वारा आयोजित माता रमा बाई जन्मोत्सव बहुत ही हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। नवनिर्वाचित चेयरपर्सन, नगर परिषद रेवाड़ी पूनम यादव के मुख्यातिथि व जिला प्रमुख शशीबाला के विशिष्टातिथि में मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता नवनिर्वाचित पार्षद एडवोकेट  कुसुमलता ने की। इस अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में कक्षा छठी से आठवीं तक के छात्र छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक प्रस्तुतियां की गई। इस दौरान पांच वर्षीय नन्हीं बालिका अलिना ने अपने अपने मोहक नृत्य द्वारा सभी दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। समारोह की मुख्यातिथि पूनम यादव चेयरपर्सन नगर परिषद रेवाड़ी ने कहा कि त्याग की देवी माता रमाबाई ने अपने चार बेटों की मौत के उपरांत भी बाबा साहेब डा. भीमराव अम्बेडकर को विदेश में पढ़ते हुए कभी भी विचलित नहीं होने दिया तथा घोर आर्थिक तंगी के बीच कण्डे (उपले) थापकर अपने सिर पर ढोकर बाजार में बेचकर परिवार का भरण पोषण किया। ऐसी देवी को उनके 124वें जन्मदिवस पर मैं उनको नमन करती हूं। कहते हैं एक सफल पुरूष के पीछे एक महिला का हाथ होता है जो माता रमाबाई ने चरितार्थ किया। माता रमाबाई को विश्व के महानतम् शिक्षाविद् की संगिनी होने का सौभाग्य मिला। आयोजकों द्वारा आयोजित माता रमाबाई जन्मोत्सव पर जो महिलाओं को सम्मान दिया है उसके लिए आप सभी बधाई के पात्र हैं। जो सम्मान मुझे पगड़ी पहनाकर संस्था द्वारा दिया गया है इस पगड़ी रूपी सम्मान को कभी भी गिरने नहीं दूंगी तथा संस्था के विकास के लिए हर समय तत्पर रहूंगी व सहयोगी करूंगी। समारोह का संचालन डॉ. निर्मल सिंह सिंघवईया के कुशल संचालन में हुआ। संस्था द्वारा मुख्यातिथि, विशिष्टातिथि, अध्यक्ष एवं उपस्थित नगर पार्षद, जिला पार्षद को स्मृति चिह्न देकर सम्मानित किया। इस अवसर पर नगर पार्षद सरिता सैनी, श्रीमती सुमन खरेरा, प्रवीन कुमार, नीरज कुमार, रमेश मोरवाल, एडवोकेट लोकेश यादव, प्रिंसीपल मोनिका, प्रिंसीपल संतोष प्रकाश, कांता तंवर, सुमित्रा पंवार, डॉ. पूनम, प्रिंसीपल राजबाला, लेक्चरार धनपति, डॉ.. बबीता लैक्चरर, श्रीमती शर्मीला लैक्चरार, डॉ. भूमिका, पूर्व जिला प्रमुख मंजूबाला, श्रीमती रेनू मेहरा, श्रीमती पिंकी पार्षद, कांता देवी जिला पार्षद आदि मुख्यतः उपस्थित रही।

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