रणघोष की सीधी सपाट बात

भारतीय संस्कार के लिहाज से राव को पीछे धकेल देगा 2014 का यह विडियो


 राव समर्थक ऐसा करके कापड़ीवास को मजबूत कर रहे हैं और अपने नेता को छोटा..।


 रणघोष अपडेट खास. सुभाष चौधरी


2014 के विधानसभा चुनाव में रेवाड़ी विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी 70 वर्षीय रणधीर सिंह कापड़ीवास चुनाव प्रचार के दौरान केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के आवास रामपुरा हाउस पहुंचे। वहां भारी भीड़ में 66 साल के राव ने कापड़ीवास के सिर पर हाथ रखकर आशीर्वाद दिया तो कापड़ीवास ने थोड़ा झुककर आशीर्वाद लेने का प्रयास किया। भारतीय संस्कार एवं संस्कृति के दृष्टिकोण में यह घटनाक्रम शर्मसार करने वाला था लेकिन राजनीति में यह एक दूसरे को नीचा दिखाने व कमजोर करने का बेहतर अवसर था।  यही वजह है कि चुनाव के 7 साल बाद भी राव के समर्थक इस घटनाक्रम के विडियो को सोशल मीडिया पर वायरल कर कापड़ीवास के कद को छोटा बताकर इतरा रहे हैं। वे सबसे बड़ी गलती भी कर रहे हैं कि जिस देश में मर्यादा पुरुतोषतम श्री  राम के नाम पर जनता भाजपा को शासक बना सकती हैं वहां राजनीति की इतनी औकात नहीं है कि वह  छोटे बड़े सम्मान के संस्कारों को कुचलकर खुद को बड़ा साबित कर सकें। भारतीय दर्शन एवं किसी भी धर्म या शास्त्र में उम्र के लिहाज से बड़े को हमेशा सम्मान मिलता रहा है। चाहे वह रणक्षेत्र को छोड़कर किसी भी मंच पर कितना ही बड़ा शत्रु हो।  विशेषतार से सार्वजनिक मंचों पर जब कोई उम्र में बड़ा सामने से आ जाए तो खड़े होकर उसके सम्मान करने की परपंरा ही भारत को विश्व गुरु कहलाने का अहसास कराती है। इसमें कोई शक नहीं की राजनीति में राव इंद्रजीत सिंह के सामने कापड़ीवास की राजनीति का कद बहुत छोटा है।  लेकिन राजनीति यह कभी नहीं सिखाती की वह संस्कारों को छोटा करके बड़ा होने की हैसियत रखती है। मीडिया में अक्सर मंचों पर जब बड़े छोटे एक दूसरे की अनदेखी या तहजीब का मजाक उड़ाते हैं तो वह भी खबर बनकर संस्कारों की सीख देती नजर आती है। हो सकता है कि राव इंद्रजीत सिंह ने राजनीति में बड़ा कद होने की वजह से कापड़ीवास के सिर पर हाथ रख दिया हो। यह बात पुरानी होकर रफा दफा कर दी गई थी। उसके बाद 2019 के चुनाव में भी इस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। लेकिन पिछले कुछ दिनों से राव इंद्रजीत सिंह के जयचंद वाले बयान पर कापड़ीवास ने जिस तरह से हमला किया उसका जवाब देने के लिए राव समर्थकों ने 7 साल पुराने इस विडियो व फोटो सोशल मीडिया पर डालकर कापड़ीवास को आईना दिखाना शुरू कर दिया लेकिन वे यहां गलती कर गए कि  इससे राव की राजनीति को संस्कारों का मजाक महंगा पड़ेगा क्योंकि भारतीय समाज की जड़े बड़े बुजुर्गों के सम्मान से जुड़ी हैं।

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