रणघोष की सीधी सपाट बात

रेवाड़ी में जेजेपी को जमीनी कार्यकर्ताओं की तलाश, मौजूदा टीम में आधे से ज्यादा अवसरवादी


रणघोष खास. सुभाष चौधरी

जेजेपी (जननायक जनता पार्टी) के प्रमुख नेता एवं हरियाणा सरकार में डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला 9 जनवरी को रेवाड़ी दौरे पर आ रहे हैं। उनके स्वागत कार्यक्रमों की सूची तेजी से बढ़ती जा रही है। दुष्यंत चौटाला का यह दौरा राजनीति लिहाज से अपने आप में बेहद ही महत्वपूर्ण है। इस क्षेत्र में जेजेपी की मौजूदा स्थिति पर नजर डाले तो इनेलो से अलग होकर सत्ता में भाजपा की सहयोगी बनकर अपने राजनीति वजूद को मजबूत करने में जुटी जेजेपी  आज भी दक्षिण हरियाणा खासतौर से रेवाड़ी जिले में अपनी राजनीति जमीन को मजबूत नहीं कर पाई है। हालांकि यहां पार्टी के पास पहले से ही खोने को कुछ नहीं है लेकिन जिसका नेता राज्य का डिप्टी सीएम हो ओर सिस्टम में अपनी कुशल कार्य प्रणाली के चलते अपनी मजबूत पकड़ रखता हो। दो साल सत्ता के पूरे होने के बावजूद पार्टी कार्यकर्ताओं की हुंकार एवं उनका मिजाज मीडिया में ज्यादा हकीकत में कुछ नहीं हो। समझ जाइए पार्टी कहां खड़ी है।  ऐसे में तस्वीर साफ नजर आ रही है कि जेजेपी आज भी इस क्षेत्र में बिना जड़ों के खड़ी हुई है जो हलकी सी आंधी से कभी भी बिखर सकती है। कुछ माह पूर्व हुए धारूहेड़ा नगर पालिका चुनाव में इसका रजल्ट आ चुका है। सबसे गौर करने वाली बात रेवाड़ी मुख्यालय पर आज तक जेजेपी अपना पार्टी कार्यालय तक नहीं खोल पाई है। उधर भाजपा इस हिसाब से जेजेपी के मुकाबले बहुत आगे जा चुकी है। भाजपा के पास शानदार पार्टी मुख्यालय के साथ साथ स्थानीय नेताओं के अपने अपने कार्यालय भी है जहां आमजन एवं कार्यकर्ताओं का आवगमन हमेशा बना रहता है। स्थिति यह है कि भाजपा कार्यकर्ता घर परिवार अपने व्यवसाय से ज्यादा पार्टी की गतिविधियों में ज्यादा व्यस्त नजर आता है। इनेलो- कांग्रेस यहां तक की स्वराज इंडिया पार्टी तक का कार्यालय काफी समय से चल रहा है। यहां जेजेपी में रंगत पार्टी के किसी सीनियर्स नेता के आने के बाद ही नजर आती है। स्थिति यहां तक बन चुकी है कि रेवाड़ी- धारूहेड़ा एवं बावल में जेजेपी का अपना नगर पार्षद तक नहीं है। पुराने वर्कर के तौर पर उनके पास वहीं टीम नजर आ रही है जो इनेलो से अलग होकर जुड़ी है। उसमें भी आधे से ज्यादा आज भी इनेलो- जेजेपी को एक  ही नजर  से देखकर चलते हैं। उनकी आस्था चौटाला परिवार से हैं किसी नेता विशेष से नहीं है। जहां तक संगठन की बात है। यहां वह कांग्रेस- इनेलो के मुकाबले कुछ मजबूत है। पार्टी को संगठनात्मक रूप देने में जेजेपी का नंबर भाजपा के बाद आता है। मैनेजमेंट में भी जेजेपी का मुकाबला नहीं है लेकिन मीडिया प्रबंधन में वह अवसरवादी नजर आती है। जेेजेपी की  सारी कार्यप्रणाली बेहतरी के तौर पर  ऊपर से चलकर नीचे तक पहुंच तो जाती है लेकिन जमीन पर आते ही इधर उधर बिखरती नजर आती है। 

जिला अध्यक्ष को लेकर जाट लॉबी का एक धड़ा नाराज

पार्टी के जिला अध्यक्ष श्याम सुंदर सभ्ररवाल की कार्यप्रणाली पर भी समय समय पर हमले होते रहे हैं। विशेषतौर से जाट समाज के एक धड़े ने तो उनके खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। जेजेपी रेवाड़ी हलका अध्यक्ष मलखान सिंह सरपंच के गांव मालपुरा में डिप्टी सीएम करोड़ों रुपए की विकास योजनाओं का शुभारंभ करेंगे। मलखान सिंह के प्रचार प्रसार में जिला अध्यक्ष गायब है। हालांकि सभ्ररवाल काफी हद तक स्थिति को कंट्रोल करने में कामयाब रहे हैं। इसलिए उनकी ऊर्जा पार्टी विस्तार से ज्यादा अपनों को मनाने में ज्यादा लगी हुई है।

चारों तरफ औद्योगिक क्षेत्र होने के बावजूद 75 प्रतिशत आरक्षण का नहीं उठा पाई लाभ

  हरियाणा में स्थापित निजी उद्योगों में 75 प्रतिशत स्थानीय युवाओं को रोजगार देने के कानून को लागू करवाने में सफल रही जेजेपी को इस क्षेत्र में अभी तक राजनीतिक फायदा नहीं हुआ है। धारूहेड़ा- बावल में स्थापित हजारों कंपनियों में रेवाड़ी, महेंद्रगढ़, गुरुग्राम, झज्जर एवं रोहतक के हजारों युवा नौकरी कर रहे हैं। कायदे से इस एक्ट के बाद स्थानीय युवा अपनी नौकरी को लेकर खुद को पहले से ज्यादा सुरक्षित महसूस करने लगे हैं लेकिन जेजेपी अभी तक इसका राजनीति लाभ नहीं उठा पाई है।

निजी लाभ लेने में कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी सबसे आगे

इसमें कोई दो राय नहीं अपने बड़े नेता के आगमन पर जेजेपी में जो भीड़ नजर आती हैं उसमें आधे से ज्यादा अवसरवादी इरादे से जुड़े हुए हैं। उनका एजेंडा सत्ता के रास्ते अपने निजी हितों को पूरा करना है। इसलिए निजी उद्योगों में काम करने वाले स्थानीय युवाओं को पार्टी से जोड़ने से ज्यादा कंपनी से क्या फायदा उठाया जा सकता है। इस पर ज्यादा मेहनत की जा रही है।

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