राव बीरेंद्र सिंह ने कभी स्वाभिमान की राजनीति कमजोर नहीं होने दी : भाजपा

देश के पूर्व मुख्यमंत्री स्व. राव बिरेंद्र सिंह को आज भी अदब के साथ याद किया जाता है। अहीरवाल नाम को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान देने वाले पूर्व मुख्यमंत्री राव बिरेंद्र का आवास रामपुरा हाउस आज  तक अहीरवाल की राजनीति का केंद्र रहा। उन महान शख्सियत की जयंती पर शनिवार को भाजपा जिला अध्यक्ष ने  जिले के सभी पदाधिकारियो  व सभी कार्यकर्ताओ सहित  उनकी समाधि पर एकत्रित हो कर उन्हे अपने श्रद्धा सुमन अर्पित किए। जिला अध्यक्ष हुक्म चंद यादव ने उनके जीवन के बारे में उपस्थित कार्यकर्ताओ को बताया की 1952 में जब स्वतंत्र भारत में पहले चुनाव हुए, तो बीरेन्द्र सिंह रेवाड़ी से एक स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में चुनाव में उतरे थे, हालांकि, उस चुनाव में उनकी पराजय हुई। इसके बाद उसी वर्ष उन्होंने किसान मजदूर पार्टी नाम से अपनी पार्टी बनाई। 1954 में वह अम्बाला मण्डल से पंजाब विधान परिषद में निर्दलीय सदस्य चुने गए। हुकम चन्द  यादव ने बताया की हरियाणा गठन के बाद वर्ष 1967 में हुए पहले आम चुनावों में राव बिरेंद्र अपनी ही विशाल हरियाणा पार्टी से पटौदी से चुनाव जीतकर विधायक बने। उन्हें प्रदेश का प्रथम निर्वाचित विधानसभा अध्यक्ष बनने का गौरव मिला। जिला अध्यक्ष ने आगे  बताया की 24 मार्च 1967 को राव संयुक्त विधायक दल के बल पर प्रदेश के दूसरे मुख्यमंत्री बने। वर्ष 1971 में राव ने विशाल हरियाणा पार्टी से महेंद्रगढ़ लोकसभा का चुनाव जीता। वर्ष 1977 में अटेली से विधायक बने। 1996 के बाद से उन्होंने सक्रिय राजनीति छोड़ दी थी। उनके जयंती पर उन्हे श्रद्धा सुमन देने वालों में जिला महामंत्री यशवंत भारद्वाज, ईश्वर चनीजा, जिला उपाध्यक्ष भूपेंद्र गुप्ता, अजय पटौदा, जिला आईटी सेल प्रमुख नवीन कुमार, मीडिया प्रभारी बीजेन्द्र यादव, महिला मोर्चा जिला अध्यक्ष पिंकी यादव, मण्डल अध्यक्ष दीपक मंगला व बाबूलाल छाबड़ी,  बलजीत यादव, संजय चौहान, दीपक नाहडिया,महेश स्वामी, कैलाश जांगिड़, दीपेश भार्गव,कमल निम्बल, गौरव शर्मा, दीपक ठाकुर, रोशनलाल, प्रवीण अग्रवाल,यशवंत चौहान सहित सभी कार्यकर्ता उपस्थित रहे।

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