रिश्वत का बाजारः महाराष्ट्र के ठेकेदार, इंजीनियरों की गुहार- हमें गुंडों से बचाओ

रणघोष अपडेट. देशभर से 

महाराष्ट्र में ठेकेदारों और इंजीनियरों के दो संगठनों ने मुख्यमंत्री और दो उपमुख्यमंत्रियों को संयुक्त पत्र लिखकर कहा है कि उनकी सुरक्षा की जाए। उन्होंने धमकी दी है कि अगर उनकी सुरक्षा के लिए कदम नहीं उठाए गए तो वे फरवरी के अंत से काम बंद कर देंगे। उनका आरोप है कि सरकार में शामिल पार्टियों के लोग राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता की वजह से उन्हें जान से मारने की धमकियां, जबरन वसूली कॉल और गुंडागर्दी कर रहे हैं। उन लोगों से खुलेआम रिश्वत सत्तारूढ़ पार्टी से जुड़े हर स्तर के नेता मांग रहे हैं। महाराष्ट्र स्टेट कॉन्ट्रैक्टर्स एसोसिएशन (एमएससीए) और स्टेट इंजीनियर्स एसोसिएशन (SEA) ने एकनाथ शिंदे, अजीत पवार, फडणवीस को लिखे पत्र में इन लोगों ने कहा- महाराष्ट्र के हर जिले में धमकी और वसूली का एकजैसा पैटर्न है। सत्ताधारी पक्ष के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी और स्थानीय स्तर के नेता ठेके वाले कार्यों को जबरदस्ती रोक रहे हैं, ठेकेदारों पर हमले किए जा रहे हैं और पैसे की उगाही हो रही है। उनका आरोप है कि ये समूह हर जगह एक समान तरीके से काम कर रहे हैं, जहां वे ठेकेदार के खिलाफ लिखित शिकायत दर्ज कराते हैं और बाद में पैसे की मांग करते हैं। पत्र में कहा गया कि ठेकेदारों ने जो काम लिया है, उसका खामियाजा चुपचाप भुगत रहे हैं और उसे पूरा करने को बाध्य हैं।दोनों संगठनों ने लिखा है – “सत्तारूढ़ विधायक, सांसद और अन्य निर्वाचित प्रतिनिधि राज्य में भारी संख्या में विकास कार्यों को मंजूरी दिलाने में कामयाब रहे हैं। इसे लागू करते समय विपक्ष में बैठे राजनीतिक समूह यह तय कर रहे हैं कि काम रुका रहे। ऐसा करने के लिए, ये समूह ठेकेदारों और मजदूरों के खिलाफ एकजुट हो रहे हैं और काम रोकने के लिए उनके साथ दुर्व्यवहार और मारपीट कर रहे हैं।”एमएससीए और एसईए दोनों के अध्यक्ष मिलिंद भोसले ने कहा कि सरकार ने विभिन्न विभागों में विकासात्मक कार्य जारी किए हैं और राजनीतिक प्रतिद्वंद्विता के कारण इन परियोजनाओं को पूरा करने में बड़े नुकसान के साथ-साथ देरी भी हो रही है।भोंसले ने कहा-  “हमारे अनुमान के मुताबिक, राज्य सरकार ने राज्य में एक लाख करोड़ रुपये तक के कार्यों के आदेश जारी किए हैं। हमारे ठेकेदारों को साइट विजिट के दौरान जमीनी स्तर पर परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, जहां स्थानीय सत्ताधारी पक्ष के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वी हमले करके जबरदस्ती काम रोक रहे हैं। सरकारी अधिकारी ऐसे मामलों पर आंखें मूंद रहे हैं और हमारे सदस्य धमकियों के डर से शिकायत दर्ज करने से डरते हैं। जमीनी हकीकत को समझे बिना परियोजनाओं के निष्पादन में देरी के लिए ठेकेदारों पर जुर्माना लगाया जाता है। भोसले ने कहा कि ठेकेदारों के पास आखिरी विकल्प काम पूरी तरह बंद करना है। अनुमान के मुताबिक, राज्य के लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के पास लगभग 45,000 करोड़ रुपये के काम चल रहे हैं, जिसमें सड़कों, भवनों और सरकारी प्रतिष्ठानों का निर्माण शामिल है। इसके अलावा, जिला परिषदों के माध्यम से लगभग 11,000 करोड़ रुपये के कार्यों को मंजूरी दी गई है, जल संरक्षण विभाग से 3,500 करोड़ रुपये, सिंचाई से 2,500 करोड़ रुपये और पर्यटन विभाग से 2,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं लागू की जा रही हैं। पिछले 20 महीनों में राज्य में अभूतपूर्व राजनीतिक उठापटक का दौर रहा है। जून 2022 में एमवीए ने सत्ता खो दी जब एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट ने उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना को विभाजित कर दिया और नई सरकार बनाने के लिए भाजपा से हाथ मिला लिया। जुलाई 2023 में, अजीत पवार भी विधायकों के एक समूह के साथ शरद पवार की एनसीपी से अलग हो गए और सेना-भाजपा सरकार में शामिल हो गए।

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