शिकायत करने वाले शिक्षक पन्ना लाल खुद कटघरे में, खुले कई राज

रणघोष अपडेट. रेवाड़ी

गांव तिहाड़ा के सरकारी स्कूल में कार्यरत एसएस मास्टर पन्नालाल खुद ही कटघरे में आ गए हैं। उन्होंने स्कूल की प्राइमरी विंग में घोटाले को लेकर जो शिकायतें भेजी थी। उसके पीछे उनका निजी हित व साजिश थी। इसका खुलासा उस समय के तत्कालीन ईएसएचएम अश्वनी कुमार ने किया है जो वर्तमान शाहपुर स्कूल में कार्यरत है। अश्वनी कुमार ने लिखित  में साक्ष्यों के साथ जो रिपोर्ट तैयार की है उसके आधार पर पन्नालाल ने अपनी हरकतों एवं जालसाजी सोच से हर उसे शख्स को परेशान किया जो उसके गलत इरादों का विरोध कर रहा था। अश्वनी कुमार के अनुसार  पन्ना लाल ने गुमराह करके मुझे व मेरे परिवार के सम्मान को धुमिल करने व मानसिक रूप से प्रताडित करने के उद्देश्य से खबर से छपवायी गयी थी। उक्त मामले की निष्पक्ष जांच डीईईओ, रेवाडी द्वारा गठित जांच कमेटी ने 3 मई.2023 को जीएचएस. तिहाड़ा में जाकर सम्बन्धित पक्षो के सामने की थी। जांच कमेटी में बीईओ  बावल, एक Sr. Accounts Officer तथा एक प्रिंसिपल भी शामिल थे। जांच के दौरान सभी रिकोर्ड व बिल/वाउचर मौके पर चैक किये गये तथा किसी भी प्रकार की वित्तिय अनियमत्ता नही पायी गयी तथा मेरे खिलाफ कोई भी आरोप कभी भी सिद्ध नही हुए। जिसके बारे मे आप विभाग के उच्च अधिकारियों से भी पता कर सकते हैं। इसके बाद पन्नालाल ने उक्त मामले मे मेरे खिलाफ द्वेषपूर्ण कार्रवाही करवाने बाबत एसएचओ बावल, डीएसपी बावल, एसपी रेवाड़ी  एवं विजिलेंस में भी काफी शिकायते की। आज तक किसी भी जांच में मुझे दोषी नही पाया गया। पन्नालाल निजी रंजिश के कारण द्वेषपूर्ण भाव से मेरे खिलाफ झूठी व बेबुनियाद शिकायतें करता रहता है। मुझे शिक्षा विभाग मे कार्य करते 20 वर्षो से अधिक समय हो गया है और मेरा रिकोर्ड बिल्कुल पाक-साफ व हमेशा बेदाग छवि रही है | मैंने सदैव पुरी निष्ठा व ईमानदारी से विभाग की सेवा की है व प्रशाशन ने भी कोरोना काल के दौरान मेरी उत्क्रष्ठ सेवा के लिए मुझे सम्मनित किया है। पन्नालाल वर्ष 2020 से मुझे मानसिक रूप से प्रताडित करता रहा है, जिसके फल्स्वरूप सितम्बर 2020 मे मेरे दिमाग की नस फट गयी और ब्रेन हेमरेज , Vitreous Haemorrhage, Terson Syndrome of Eyes” हो गया, मेरी आंखो की रोशनी भी लगभग चली गयी थी, जिसके कारण मेरी  एम्स दिल्ली में मेरी कई बार सर्जरी हुई। बीमारी के चलते मेरा मानसिक स्वास्थ्य भी ठीक नही रहता था। मेरी बिमारी व मेरे मानसिक स्वास्थ्य का फायदा उठाकर पन्नालाल ने ही मेरे खिलाफ ये सारा षड़यंत्र रचा है । पन्नालाल विभाग मे अपने साथी-सहयोगियो की, उच्च अधिकारियों की झूठी शिकायत करने का आदि है | इसके अलावा पन्नालाल अपने छोटे भाई के साथ मिलकर अपने गांव मे व आस पास के इलाके के लोगो के खिलाफ भी झूठी व बेबुनियाद शिकायतें व मुकद्दमे करता रहता है। एससी एसटी का दुरुपयोग करता है।  कुछ मामले जो मेरे संज्ञान में विवरण इस प्रकार है। रामसिंघपुरा स्कूल में पोस्टिंग के दौरान पन्नालाल पर महिला टीचर का शोषण करने के आरोप लगे और जब तत्कालीन बीईओ बावल, सुक्रमपाल ने पन्नालाल के खिलाफ मामले की जांच की तो उनकी भी बेबुनियाद शिकायत की और प्रताडित किया।  यह है कि तत्कालीन बीईओ बावल ने उक्त अवधी की पन्नालाल की एसीआर में भी निगेटिव रिमार्क्स / टिप्पणी की हुयी है। धारण स्कूल में पोस्टिंग के दौरान भी पन्नालाल ने साथी अध्यापक व स्कूल इंचार्ज स्वरूप सिंघ की झूठी व बेबुनियाद शिकायत की और उनको प्रताड़ित किया। धारण स्कूल मे पोस्टिंग के दौरान भी पन्नालाल ने फर्जिवाड़ा करके एक ही समय मे कोर्ट और स्कूल मे हाजिरी दर्शायी, जिसकी जांच के दौरन उनको दोषी पाया गया तथा शिक्षा निदेशालय द्वारा उनको सेक्शन 7 मे चार्जशीट किया गया तथा शिक्षा विभाग ने उन पर दंडात्मक  कारवाही करके उनके 2 इंक्रीमेंट  (Cumulative effects) से काटने का आदेश दिया। तिहाडा स्कूल मे पोस्टिंग के दौरान भी पन्नालाल ने एक छात्रा के साथ अभद्र व्यव्हार एवम मारपीट की और बाद मे छात्रा के परिवार से माफी मांगकर समझौता करके मामला खत्म किया। तिहाडा स्कूल मे पोस्टिंग के दौरान पन्नालाल ने कोमल शास्त्री को मानसिक रूप से अत्यधिक प्रताडित किया और बाद मे उनका भी मानसिक स्वास्थ्य खराब हो गया और फिर उनका देहांत हो गया। तिहाडा स्कूल में  पोस्टिंग के दौरान पन्नालाल ने संदीप कम्प्युटर टीचर की भी झूठी व बेबुनियाद शिकायत की, जिसमे बाद मे तत्कालीन बीईओ  बावल रामपाल ने पन्नालाल से स्पष्टीकरण भी मांगा। तिहाड़ा स्कूल में पोस्टिंग के दौरान भी पन्नालाल ने स्कूल इंचार्ज धमेंद्र एवम मैडम कैलाश, बाबू ळाजपत कौशिक का भी प्रताडित किया | अभी हाल ही में मालूम पडा है कि पन्नालाल ने तिहाडा स्कूल इंचार्ज से डीडीओ चार्ज का सरेंडर करवा दिया है ताकि खुद डीडीओ  बन सके, इसके लिये वो कुछ साथी स्टाफ मेम्बर पर अनावश्यक दबाव भी बना रहा है। इसके अलावा पन्नालाल ने डीईओ, रेवाड़ी के कार्यालय उपाधीक्षक मान सिंघ व अनिल सचदेवा, एसओ. की भी शिकायते करके उनको प्रताडित किया। जब तत्कालीन डीवाई. डीईओ अजीत सिंघ की जांच मे वो सब शिकायतें झूठी निकली, तब पन्नालाल ने डीवाई डीईओ अजीत सिंघ पर भी डराने- धमकाने के बेबुनियाद आरोप लगाये। पन्नालाल को एक अपराधिक मामले मे कुल 2 वर्षो की सजा भी रेवाड़ी न्यायालय द्वारा सुनायी जा चुकी है। दूसरे पक्ष ने पन्नालाल के दबाव के कारण सेशन  कोर्ट में समझौता कर लिया जोकि फैसला रिकार्ड पर उप्लब्ध है। उपरोक्त् तथ्यों से यह पता चलता है कि पन्नालाल आदतन द्वेषपूर्ण भाव से झूठी व बेबुनियाद शिकायतें करता है।

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