समंदर के हर कोने पर होगी भारत की नजर, ISRO ने अगली पीढ़ी का नेविगेशन सेटेलाइट लॉन्च किया

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने समुद्र में जहाजों की रीयल-टाइम पोजीशनिंग और नौपरिवह से जुड़ी सटीक टाइमिंग सर्विस हासिल करने के लिए नेक्स्ट-जेन नेविगेशनल सैटेलाइट (Next-Generation Navigational Satellite) को लॉन्च किया है. इसरो ने श्रीहरिकोटा से अपने अत्याधुनिक नेविगेशन उपग्रह NVS-01 को लॉन्च किया. इसरो ने सोमवार को जीएसएलवी रॉकेट (GSLV Rocket) से अगली पीढ़ी के नौवहन उपग्रह का प्रक्षेपण किया है. NVS-01 भारतीय नेविगेशन सेवा ‘नाविक’ (NavIC) की दूसरी पीढ़ी के उपग्रहों में से पहला है.

सेटेलाइटों की एनवीएस सीरिज उन्नत सुविधाओं के साथ ‘नाविक’ को आगे बढ़ाएगी. इस सीरिज में सेवाओं का विस्तार करने के लिए अतिरिक्त रूप से एल1 बैंड सिग्नल (L1 Band Signals) शामिल हैं. एनवीएस-01 में पहली बार स्वदेशी परमाणु घड़ी (Atomic Clock) लगाई गई है. एनवीएस-01 एल1, एल5 और एस बैंड में उन्नत नेविगेशन पेलोड से लैस है. विशेष रूप से इस दूसरी पीढ़ी के उपग्रह की एक उल्लेखनीय उपलब्धि एक स्वदेशी रूबिडियम परमाणु घड़ी है. इस मिशन का काफी समय से इंतजार था. इस लॉन्च के साथ इसरो ने नेविगेशन सेवाओं में एक बड़ी छलांग लगाई है.

‘नाविक’ (Navigation with Indian Constellation-NavIC) एक स्वदेशी क्षेत्रीय उपग्रह नेविगेशन प्रणाली है, जो GPS के समान है. जो भारत के समुद्र के भीतर सटीक और रीयल टाइम नेविगेशन सेवा उपलब्ध कराती है. इस सेटेलाइट के चालू होने के बाद इसरो समंदर में जहाजों की रीयल टाइम पोजीशन को सटीक तरीके से बताने में सक्षम हो जाएगा.

‘नाविक’ (Navigation with Indian Constellation-NavIC) एक स्वदेशी क्षेत्रीय उपग्रह नेविगेशन प्रणाली है, जो GPS के समान है. जो भारत के समुद्र के भीतर सटीक और रीयल टाइम नेविगेशन सेवा उपलब्ध कराती है. इस सेटेलाइट के चालू होने के बाद इसरो समंदर में जहाजों की रीयल टाइम पोजीशन को सटीक तरीके से बताने में सक्षम हो जाएगा.

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