सुलगता मिडिल ईस्ट : पाकिस्तान की ईरान में जवाबी कार्रवाई, यमन पर यूएस का हमला

रणघोष अपडेट.  विश्वभर से 

पाकिस्तान ने “नतीजे” भुगतने की चेतावनी देने के एक दिन बाद, गुरुवार को ईरान में कम से कम दो ठिकानों पर हमला किया। इस संबंध में तमाम मीडिया रिपोर्ट आई हैं। इन मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि पाकिस्तान ने कथित तौर पर दो बलूच अलगाववादी समूहों – बलूचिस्तान लिबरेशन फ्रंट और बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी की दो चौकियों पर हमला किया है।ईरान ने मंगलवार को पाकिस्तान के दक्षिण-पश्चिमी बलूचिस्तान प्रांत में जैश अल-अदल समूह के केंद्र पर “मिसाइल और ड्रोन” से हमला किया था। इस हमले के बाद पाकिस्तान ने नतीजे भुगतने की चेतावनी दी थी। ईरान ने पाकिस्तान के अंदर हमला करने से पहले सोमवार को इराक के कुर्दिस्तान में इजराइली खुफिया एजेंसी मोसाद के सेंटर को और सीरिया में आतंकी समूह आईएस के ठिकानों पर भी हमले किए थे।पाकिस्तान और ईरान के बीच तनाव चरम पर पहुंच गया है। जहां भारत ने कहा कि ईरान ने अपनी रक्षा में इस हमले को अंजाम दिया। वहीं ईरान ने कहा कि उसने पाकिस्तानी जनता को निशाना नहीं बनाया। हमने सिर्फ आतंकी ठिकानों को तबाह किया है। एएफपी न्यूज एजेंसी ने पाकिस्तान खुफिया अधिकारी के हवाले से पुष्टि की है कि पाकिस्तान ने ईरान के अंदर हमले किए हैं। पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने कहा, “मंगलवार रात ईरान द्वारा पाकिस्तान की संप्रभुता का बेवजह और खुला उल्लंघन अंतरराष्ट्रीय कानून और संयुक्त राष्ट्र के चार्टर के उद्देश्यों और सिद्धांतों का उल्लंघन है। यह अवैध कृत्य पूरी तरह से अस्वीकार्य है और इसका कोई औचित्य नहीं है।” मंत्रालय ने कहा था कि पाकिस्तान के पास इस “अवैध कृत्य” पर प्रतिक्रिया देने का अधिकार सुरक्षित है और परिणामों की जिम्मेदारी “पूरी तरह से” ईरान की होगी। हमने ईरान से अपने राजदूत को वापस बुलाने का फैसला किया है और पाकिस्तान में ईरानी राजदूत को निष्कासित कर दिया है। हमने यह भी फैसला किया है कि आने वाले दिनों में पाकिस्तान और ईरान के बीच चल रही या योजना बनाई गई सभी उच्च स्तरीय यात्राओं को निलंबित कर दिया जाए।”इस बीच, ईरान के इस्लामिक रेवोल्यूशन गार्ड्स कॉर्प्स (आईआरजीसी) के एक कर्नल की उस समय मौत हो गई जब हमलावरों के एक समूह ने पाकिस्तान की सीमा के पास दक्षिण-पूर्वी प्रांत सिस्तान और बलूचिस्तान में उनकी कार पर गोलीबारी की। आईआरजीसी ग्राउंड फोर्स के कुद्स बेस ने एक बयान में कहा कि प्रांत में आईआरजीसी की सलमान इकाई के एक सैनिक कर्नल होसैन-अली जावदानफर, खश शहर को प्रांतीय राजधानी ज़ाहेदान से जोड़ने वाली सड़क पर एक टारगेट हमले में मारे गए। बयान में जावदानफ़र को आईआरजीसी सलाहकार बताया गया है। बयान में कहा गया है कि हमलावरों की पहचान करने के प्रयास जारी हैं।

यमन पर अमेरिकी हमले   

एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी सेना ने कहा है कि अमेरिकी सेना ने यमन में 14 ईरान समर्थित मिसाइलों पर हमले किए, जो लॉन्च होने के लिए तैयार थीं और नागरिक और सैन्य जहाजों के लिए खतरा पैदा कर रही थीं। अमेरिकी सेना की सेंट्रल कमांड ने सोशल मीडिया पर एक बयान में कहा, यमन की ये मिसाइलें व्यापारिक जहाजों के लिए एक बड़ा खतरा पेश करने वाली थीं।इस बीच अमेरिका ने कहा है कि लाल सागर में अंतरराष्ट्रीय शिपिंग के खिलाफ बार-बार हमलों के कारण हूथी लड़ाकों को “आतंकवादी” घोषित करने जा रहा है। व्यापारिक जहाजों को निशाना बनाने के जवाब में हूथी लड़ाकों को पहले ही कई दौर के हवाई हमलों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कसम खाई है कि वे गजा में फिलिस्तीनियों के समर्थन में हमले जारी रखेंगे।अमेरिकी गृह मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने एक बयान में कहा, “हम अंसारल्लाह, जिसे आमतौर पर हूथियों के रूप में जाना जाता है, को विशेष रूप से नामित ग्लोबल आतंकवादी समूह के रूप में घोषित कर रहें हैं।” उन्होंने कहा, “हूथियों को उनके कार्यों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना होगा लेकिन यह यमनी नागरिकों की कीमत पर नहीं होना चाहिए।”

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