हरियाणा सरकार में अधिकारी- विधायक से राज्य मंत्री बने इस शख्सियत की तारीफ बनती है..

राजनीति का सही रास्ता अब नांगल चौधरी बता रहा है  जहां डॉ. अभय यादव रहते हैं


रणघोष खास. नांगल चौधरी की कलम से

मंगलवार को मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने अपनी नई टीम का विस्तार किया। इसमें एक नाम हरियाणा के सबसे कोने में बसे नांगल चौधरी विधानसभा से लगातार दो बार विधायक बने डॉ. अभय यादव का भी है।

दक्षिण हरियाणा से नायब सैनी की सरकार में वे पहले यादव मंत्री है। जाहिर है बेहद सोच समझकर उनका चुनाव किया गया है। अभय यादव की राजनीति को समझने के लिए ज्यादा गहराई या इधर उधर से जानकारी जुटाने की जरूरत नहीं है। बस उनके अंदाज को पकड़ लिजिए इस शख्स की सफल राजनीति यात्रा को समझ जाएंगे। हरियाणा में प्रशासनिक स्तर पर अनेक महत्वपूर्ण पदों पर रहे डॉ. अभय यादव के परिवार में अफसरशाही बगीचे में रंग बिरंगे फूलों की तरह फैली हुई है। इसी परिवार में यशपाल सीनियर आईएएस हैं और उनके अलावा तीन महिला जज, दो डीएसपी, एक डीईटीसी और एक ज्वाइंट ईटीसी स्तर के अधिकारी हैं।आईएएस अंकिता इस परिवार की दसवीं अधिकारी हैं। 

एक समय था जब नांगल चौधरी हरियाणा की डार्क जोन वाली विधानसभा कहलाती थी। जमीन के नीचे का पानी सिस्टम की अनदेखी से तेजी से खत्म हो रहा था वहीं जमीन पर विकास के नाम पर जर्जर सड़कें, बेहतर शिक्षा- स्वास्थ्य का अकाल इस विधानसभा की छाती पर बैठकर ठहाके

 लगा रहा था। 2014 के विधानसभा चुनाव में डॉ. अभय यादव राजनीति गलियारों से अचानक भाजपा का टिकट लेकर इस नांगल चौधरी के मैदान में उतर गए। समय इतना कम था कि समझ में नही आ रहा की यह अधिकारी कैसे चुनाव जीतेगा। भाजपा भी इस सीट को लेकर इतनी गंभीर भी नहीं थी। वह इसे एक तरह से सरप्लस मान रही थी। यहां पर छोटे बड़े चुनाव में  पहले से ही कांग्रेस का दबदबा रहा है। डॉ. अभय यादव ने जनता के सामने विकास का विजन रखा जिसने अपना असर दिखाया। यहां के मतदाताओं को लगा की पहली बार कोई विकास की तैयारी के साथ हमारे बीच आया है। विधायक बनते ही अपने पहले कार्यकाल में नांगल चौधरी पर विकास के नाम पर कई सालों से जमीं काई को इस रिटायर आईएएस अधिकारी ने अपने प्रशासनिक अनुभव से हटाना शुरू कर दिया। पहले पानी के संकट से लड़ाई लड़ी। 143 करोड रुपए की लागत से दक्षिण हरियाणा की लिफ्ट इरिगेशन सिस्टम को बेहतर बनाकर  सभी टेलों तक पहुंचाने का काम किया। सबसे बड़ी परियोजना जो रेवाड़ी में बावल की जमीन पर साकार होने जा रही थी। वहां जमीन अधिग्रहण विरोध के चलते डॉ. अभय इसे अपने क्षेत्र में ले आए। उन्होंने घाटासेर , बसीरपुर तथा तलोट गांव की करीब 13 सौ एकड़ जमीन पर लॉजिस्टिक हब की मंजूरी करा दी और  गांव कोरियावास में करीब 80 एकड़ के लगभग जमीन पर मेडिकल कॉलेज का निर्माण कार्य शुरू करा दिया। यह विकास की वह रफ्तार थी जो शायद ही इतने कम समय में हरियाणा के किसी भी अपनी अलग चौधर रखते आए विधानासभा में भी नजर आई हो।  नांगल चौधरी विधानसभा के एक गांव से दूसरे गांव तथा राजस्थान सीमा को जोड़ने वाले करीब 80 से अधिक नई सड़कों का निर्माण करवाया। महेंद्रगढ़ से होकर गुजरने वाले 3 नेशनल हाईवे प्रोजेक्ट को गति देने में भी यह विधायक चंडीगढ़ में जोरदार पैरवी करता नजर आया। देखते ही देखते नांगल चौधरी जहां कोई अधिकारी जाना पंसद नहीं करता था। गांव कस्बों की हालत देखकर बच्चो के रिश्ते तक नहीं होते थे। अब यही इलाका दक्षिण हरियाणा में विकास के नाम पर इतरा रहा है। राजनीति में महज विधायक रहते हुए डॉ. अभय ने हरियाणा में भी अपनी अलग धाक जमा दी थी। जिसके चलते उनके मंत्री बनाने की आवाज शोर मचाने लगी तो केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के आशीर्वाद से मंत्री बनने वालों की नींद उड़ गईं। 2019 का विधानसभा चुनाव इस यादव नेता ने अपने विकास के दम पर जीता। आमतौर पर इस सीट पर यादव- गुर्जर जाति का समीकरण  हार जीत बदलता रहा है। जब जब भी इस विधायक को मंत्री बनाने की चर्चा ने जोर पकड़ा उनके विरोधी खुलकर खिलाफत में खड़े हो गए। सरकार के मुखिया को पीछने हटना पड़ा। डॉ. अभय ने भी धैर्य नहीं खोया और वे मंत्री ना होते हुए भी उससे ज्यादा कार्य अपने क्षेत्र में करवाते जा रहे थे। यही वजह है की विधानसभा में रखे गए मजबूत पक्ष के कारण ही उन्हें 2020 – 2021 का हरियाणा विधानसभा में सर्वश्रेठ विधायक का अवार्ड दिया गया ।इससे साफ जाहिर हो गया था की डॉ. अभय किसी रहमों करम या दरबार में हाजिरी लगाने की संस्कृति के खिलाफ अपनी समझ और दूरदर्शी सोच से तेजी से आगे बढ़ चुके  हैं। जिसका तत्कालीन मुख्यमंत्री मनोहरलाल ने पूरा साथ दिया। नतीजा आखिरकार नायब सिंह सैनी की सरकार में हाईकमान ने उन्हें मंत्रीमंडल में मंत्री बनाकर यह संदेश दे दिया की राजनीति का सही रास्ता अब नांगल चौधरी बता रहा है