10 जून एक साथ है सूर्य ग्रहण और शनि अमावस्या, शनि और सूर्य की एक साथ पूजा दिलाएगी रोग से मुक्ति
रणघोष खास. कैथल. नरेश भारद्वाज
10 जून को इस साल का पहला सूर्य ग्रहण पड़ रहा है। इससे पहले 26
मई को पहला चंद्रग्रहण लगा था। इस तरह से 15 दिन के अंतराल में दो ग्रहण
देखने को मिला। धार्मिक मान्यताओं में सूर्य और चंद्रग्रहण को अशुभ घटना
माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार वैशाख माह की अमावस्या तिथि को
लगने वाला यह सूर्यग्रहण वलयाकार सूर्य ग्रहण होगा। सूर्य ग्रहण भारत में
बहुत ही आंशिक रूप से दिखाई देगा। लेकिन इस दिन पडऩे वाली शनि अमावस्या
के कारण सूर्य ग्रहण खास हो जाता है। शनि के साथ सूर्य की आराधना करने से
आम आदमी को रोगों से मुक्ति मिलेगी। जो लोग शनिदेव के भगत हैं। उनके लिए
यह बेहद महत्वपूर्ण दिन है। शनि अमावस्या को शनि जयंती के नाम से भी जाना
जाता है। इस दिन भगवान शनिदेव का अवतरण हुआ था। हिंदू धर्म की मान्यताओं
के अनुसार ज्येष्ठ माह की अमावस्या को हर वर्ष शनि जयंती मनाई जाती है।
इस वर्ष इसी तिथि पर सूर्य ग्रहण भी पड़ रहा है। गायत्री ज्योतिष
अनुसंधान केंद्र कुरुक्षेत्र के संचालक पंडित रामराज कौशिक बताते हैं कि
यह सूर्य ग्रहण भारत में नजर ही नहीं आएगा। इसलिए धार्मिक तौर पर इसका
कोई महत्व ही नहीं है। मगर इस दिन शनि अमावस्या है जो महत्वपूर्ण है और
इसका राशियों पर प्रभाव भी पड़ेगा। वेदों में सूर्य को जगत की आत्मा और
ईश्वर का नेत्र बताया गया है। सूर्य को जीवन, स्वास्थ्य एवं शक्ति के
देवता के रूप में मान्यता हैं। सूर्यदेव की कृपा से ही पृथ्वी पर जीवन
बरकरार है। भगवान श्रीकृष्ण के पुत्र सांब भी सूर्य की उपासना करके ही
कुष्ठ रोग दूर कर पाए थे।
सूर्य ग्रहण का समय
भारतीय समयानुसार यह ग्रहण 1 बजकर 42 मिनट से शुरू होगा और शाम 6 बजकर 41
मिनट पर समाप्त होगा। 5 घंटे के इस सूर्य ग्रहण को उत्तर–पूर्व अमेरिका, यूरोप, एशिया, अटलांटिक महासागर के उत्तरी भाग में आंशिक रूप से देखा जाएगा। ग्रीनलैंड, उत्तरी कनाडा और रूस में यह पूर्ण रूप में नजर
आएगा। पंडित जी कहते हैं भारत में यह ग्रहण नजर नहीं आ रहा है, इसलिए इस
ग्रहण से पहले सूतक नहीं लगेगा। भगवान की पूजा भी की जा सकती हैं। मगर इस
दिन शनि अमावस्या भी है। जिसका असर राशियों पर पड़ेगा। पूजा का शुभ
मुहूर्त 09 जून 2021 दोपहर 01 बजकर 57 मिनट से आरंभ हो कर 10 जून 2021
शाम 04 बजकर 22 मिनट तक रहेगा।
शनि अमावस्या का राशियों पर असर–
मेष– आर्थिक हानि और वाद–विवाद हो सकता है, इसलिए अपनी वाणी पर नियंत्रण रखें।
वृष– अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें, साथ ही अपने करियर और कार्यक्षेत्र
में सावधानी बरतें।
मिथुन– व्यर्थ में पैसे न खर्च करें। आर्थिक तंगी महसूस हो सकती है। राशि
पर शनि की ढैय्या है। शनिदेव की पूजा करें।
कर्क– आपको अपने विरोधियों से सतर्क रहने की जरूरत है। किसी भी वाद–विवाद
में न पड़ें।
सिंह– आपके लिए यह शनि अमावस्या शुभ है। आर्थिक लाभ हो सकता है।
नकारात्ममक विचार मन में न लाएं।
कन्या– किसी को भी धन उधार देने से बचें और अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें।
तुला– किसी भी कार्य को सोच–समझ कर करें। मानसिक तनाव से दूर रहें और
किसी गरीब की सहायता करें। राशि पर शनि की ढैय्या है। शनिदेव की पूजा
करें।
वृश्चिक– अपने मन पर काबू रखने का समय है। सेहत पर ध्यान दें और
नकारात्मक विचारों को मन से दूर करें।
धनु– करियर में सफलता मिल सकती है। व्यर्थ का धन खर्च न करें। आपको
आर्थिक लाभ हो सकता है। राशि पर शनि की साढ़सती है। शनि देव को प्रसन्न
रखने के लिए उनकी पूजा करें।
मकर– किसी पर भी अत्यधिक भरोसा न करें। अपनी सेहता का ध्यान रखें। राशि
पर शनि की साढ़साती है। शनि देव को तेल का दीपक जलाएं।
कुंभ– अपने क्रोध पर नियंत्रण रखें नहीं तो विरोधियों का सामना करना
मुश्किल हो सकता है। कार्यक्षेत्र में सतर्क रहें। राशि पर शनि की
साढ़साती है। शनिदे व की पूजा करें।
मीन– आत्मविश्वास में वृद्धि होगी। जीवनसाथी का सहयोग प्राप्त होगा।
शनि अमावस्या पर शनि देव की पूजा का शुभ मुहुर्त
शनि देव को प्रसन्न करने के उपाय–
शनि अमावस्या के दिन शनि देव की प्रिय चीजों का दान करें। जैसे– काला
कंबल, सरसों का तेल, काली उड़द की दाल, काला कपड़ा, काला छाता आदि।
शनि देव के 10 नामों कृष्ण, रौद्रान्तक, कोणस्थ, पिंगल, यम, सौरि,
पिप्पलाद, शनैश्चर और मंद आदि को पुकारें। शनि देव को काले चने का भोग चढ़ाएं।
काले तिल के तेल का दीपक जलाएं और शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए प्रार्थना करें।
बंदर, कुत्ता, मछलियों को काला चना खिलाएं।