दैनिक रणघोष का दूसरा सबसे बड़ा खुलासा

महज डेढ़ साल के हुए हरियाणा के मंत्री डॉ. बनवारीलाल..


  – सरकारी  साइट से आए जन्म प्रमाण पत्र में जन्म एक जुलाई 2021 है



रणघोष खास. देशभर से

जन्म एवं मृत्यु प्रमाण पत्र जिसके आधार पर भारत में किसी भी व्यक्ति की पहचान आधिकारिक और कानूनी तौर पर सत्यापित होती है। यह एक ऐसा दस्तावेज है जिसके जरिए कोई भी असामाजिक तत्व सिस्टम के तमाम रास्तों में आसानी से दाखिल हो सकता हैं। मसलन जन्म प्रमाण पत्र से आप भारतीय होने के सभी अधिकार आसानी से प्राप्त कर सकते हैं ओर मृत्यु प्रमाण पत्र से जेल में जमानत पर आने वाले का केस खत्म किया जा सकता है। सोचिए अगर दोनो ही प्रमाण पत्र सरकार की वेबसाइट से होकर फर्जी तरीके से बनकर आ जाए तो इसके क्या क्या दुष्परिणाम हो सकते हैं। सहजता से समझा जा सकता है। दैनिक रणघोष हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल के मृत्यु जन्म प्रमाण पत्र के बाद हरियाणा के कैबिनेट मंत्री डॉ. बनवारीलाल के सरकारी वेबसाइट के रास्ते बने फर्जी जन्म प्रमाण बनाने का खुलासा कर रहा है। इस रिपोर्ट से पहले हम स्पष्ट कर देना चाहते हैँ हमारा मकसद सिस्टम में तमाम तरह की खामियों को पूरी जिम्मेदारी के साथ सामने लाना है किसी की प्रतिष्ठा को ठेस पहुंचाना नहीं है। सरकारी वेबसाइट से फर्जी जानकारियों को कैसे असली दिखाकर देशभर में एक बड़ा रैकेट काम कर रहा है। इसका पर्दाफाश रणघोष कर रहा है।

बिना किसी झंझट के बन गया डॉ. बनवारीलाल का जन्म प्रमाण पत्र


हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहरलाल का मृत्यु प्रमाण पत्र के बाद कैबिनेट मंत्री डॉ. बनवारीलाल का जन्म प्रमाण पत्र भी बिना किसी झंझट के बन गया। रणघोष के सहयोगी ने इस तरह के प्रमाण पत्र बनाने वाले गिरोह से एक महिला की मदद से संपर्क साधा तो महज 250 रुपए की फीस से यह प्रमाण पत्र कुछ घंटों में हमारे वाटसअप पर आ गया। इस प्रमाण पत्र की सत्यता जानने के लिए प्रमाण पत्र में दिए क्यू बार कोड को स्कैन किया तो तो कंप्यूटर या स्मार्ट फोन सीधे भारत सरकार की जन्म मृत्यु पंजीकरण की साइट www.crsorgi.gov.in पर चला गया जो की सीधे तौर पर राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर से जुडी हुई है। यह साइट नागरिकता का एक अहम् दस्तावेज उपलब्ध करवाती है। दूसरे शब्दों में कहे तो यह नागरिकता की प्रमाणिकता साबित करती है। जहां इस प्रमाण पत्र की सॉफ्ट कॉपी मिलती है उस पर उल्लेखित क्यू बार कोड को स्कैन करने के साथ यह विश्वास भी कायम हो जाता है कि यह सरकारी वेबसाइट से आने वाला कागज सरकारी है…इसे बाहर नहीं बनाया गया है…और ये सरकार के सर्वर डोमेन में है.। डॉ. बनवारीलाल का जन्म एक जुलाई 2021 को हुआ, 2014 में मंत्री बन गए उत्तर प्रदेश सरकार के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बारा गांव के पते से एक जुलाई 2021 को जन्में बनवारीलाल पुत्र रामकुमार, माता शरबती देवी पता हाउस नंबर 211/A-21, रेलवे रोड बावल, जिला रेवाड़ी, हरियाणा के नाम से जन्म प्रमाण पत्र बनकर तैयार हो गया। 1 फरवरी 2023 को यह प्रमाण पत्र जारी किया गया जिसकी पंजीकरण संख्या बी-2023, 9-58116002349 दर्शाई है। इस जन्म प्रमाण पत्र को 1फरवरी 2023 को सरकारी साइट www.crsorgi.gov.in पर अपलोड किया गया है। डॉ. बनवारीलाल का सही आवासीय पता लेने के लिए भारतीय निर्वाचन आयोग की साइट पर गए। जहां डॉ. बनवारीलाल की 2019 की प्रोफाइल मिली। प्रोफाइल की जानकारी…और कागज की जानकारी सभी समान थी। यहां तक की निर्वाचन आयोग की साइट पर जो पता दर्ज था वहीं पता इस जन्म प्रमाण पत्र पर भी दर्ज है…यानी यह जन्म प्रमाण पत्र उत्तर प्रदेश सरकार के सरकारी दफ्तर से जारी किया गया है जो हरियाणा के कैबिनेट मंत्री डॉ. बनवारीलाल का है.।

इस तरह के फर्जी प्रमाण पत्र से हो सकती हैं बड़ी वारदातें


इस जालसाजी का धंधा इतना आसान और सस्ता है तो फिर इसका इस्तेमाल माफिया, बदमाश, आतंकी किसी भी हद में जाकर कर सकते हैं। इसी तरह बाहरी देशों से आने वाले बांग्लादेशी एवं अन्य इस तरह के जन्म प्रमाण पत्र से भारतीय नागरिकता प्राप्त कर लेने में कामयाब हो जाते हैं। इतना ही नहीं इस प्रमाण पत्र से कोर्ट में साबित भी कर दिया जाता है कि अपराधी नाबालिग है। बहुत से जाली पासपोर्ट बनने की खबरें सामने आती रही है। शातिर लोग यहां से घोटाले करके इसी जन्म प्रमाण पत्र पर बने दूसरे पासपोर्ट से भाग जाने में कामयाब हो जाते हैं। हमने देखा कि बुढ़ापा पेंशन 50 साल का व्यक्ति भी इसी तरह के जन्म प्रमाण पत्र से भी ले रहा है। इससे बीमा कंपनियों से आसानी से क्लेम भी ले सकता है। ऐसी सैकड़ों योजनाओं का इस तरह के जाली जन्म प्रमाण पत्र से फ्राड किया जा सकता है।

इस सरकारी वेबसाइट की मान्यता रहती है


जिस वेबसाइट के माध्यम से जन्म प्रमाण पत्र बने हैं वह केंद्र सरकार की है। जिसमें पूरे भारत का एक ही डोमेन रहता है और सभी राज्यों में मान्य होता है। दस्तावेज सरकारी है इसलिए उसे चैलेंज करना कठिन होता है।

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