विधायक की कलम से..

नहरी परियोजनाओं पर 100 करोड़ खर्च, पानी को लेकर कोसली अब मुस्करा रहा है


रणघोष खास. लक्ष्मण यादव विधायक, कोसली की कलम से


आमतौर पर राजनीति के क्षेत्र में बहुत से ऐसे विकास कार्य होते हैं जो ना कभी शोर मचाते है ओर ना ही अह्म मूद्दे बनकर जनता पर असर डालते हैं। लेकिन इन कार्यों की ताकत ओर जरूरत रोजमर्रा के जीवन में सबसे पहले महसूस की जाती है। हम बात कर रहे हैं नहरी परियोजनाओं की जिस पर शायद ही गांवों की चौपालों- राजनीति गलियारों व कार्यक्रमों में गंभीरता से चर्चा नजर आती हो। हम इस कलम में कोसली विधानसभा में पिछले तीन सालो में नहरी परियोजनाओं को लेकर करवाए गए कार्यों की मौजूदा तस्वीर सामने रख रहे हैं जिसे पढ़कर हर कोसलीवासी बेहतर बदलाव के तौर पर गर्व महसूस करेगा।
2019 के विधानसभा चुनाव में जनता ने सेवक बनाकर मुझे विधानसभा भेजा। उस समय पहली प्राथमिकता कोसली की सभी नहरों एवं डिस्ट्रीब्यूटरी की जर्जर हालातों को दुरुस्त कराकर ज्यादा से ज्यादा पानी उपलब्ध कराना था। इसकी वजह भी साफ थी। हमारा कोसली साथ लगते तीन जिलों महेंद्रगढ़, झज्जर, दादारी की नहरों से आने वाले पानी पर निर्भर है। 90 प्रतिशत से ज्यादा गांव पेयजल पानी की आपूर्ति नहरी परियोजना पर आधारित है। इसलिए हमारी विधानसभा का एक भी गांव पीने के पानी की समस्या से नहीं जूझे इसके लिए मुख्यमंत्री मनोहरलाल एवं विधानसभा सत्र पटल से पानी की आवाज सरकार के कानों पर लगातार गूंजती रही जिसका असर भी साफ नजर आया। आप सभी को गर्व होगा कि हम नहरी परियोजनों को बेहतर बनाने के लिए अभी तक 100 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत कराकर खर्च कर रहे हैं। अधिकांश कार्य पूरा हो चुका है ओर शेष की डिमांड स्वीकृत होकर 2023 तक पूरा हो जाएगी। हमने जवाहरलाल नेहरू कैनाल, महेंद्रगढ़ कैनाल में आने वाले पानी की क्षमता को क्रमश: 550 एवं 950 क्यूसिक बढ़वाने में सफलता हासिल की। मेरे कार्यकाल से पहले क्षेत्र की लगभग सभी नहरों की हालत जर्जर हो चुकी थी। उनका दुबारा निर्माण कार्य युद्ध स्तर पर शुरू करवाया जो लगभग पूरा हो चुका है। जिसकी वजह से पानी गांवों के जोहड़ों में पहुंच रहा है। रामपुरी माइनर जिसमें कभी पानी नहीं पहुंचा था वह अब लबालब रहती है। खेड़ी नांगल, कंवाली, डहीना नहर दुबारा बनाई गईं। ओलांत डिस्ट्रीब्यूटरी का बजट स्वीकृत हो चुका है। इस साल में यह कार्य भी पूरा हो जाएगा। इसी तरह भाकली धनिया माइनर पर भी काम होने जा रहा है। जखाला माइनर, दीवाना नहर का बजट स्वीकृत हो चुका है। साथ ही जरूरत के आधार पर 13 पुलिया तैयार हो चुके हैं। जिस पर करीब 25 करोड़ खर्च हो चुके हैं। गुडियानी एवं बुडौली में पुलिया का निर्माण जारी है ताकि सभी गांव आपस में एक दूसरे से जुड़े रहे। नहरों की कायालकल्प होने से 3 हजार क्यूसिक पानी की क्षमता बढ़ेगी। सबसे महत्वपूर्ण बात विधानसभा के 17 गांव जिसमें रतन्थल, बास, सुर्खपुर, सूमा, खेड़ा, पहराजवास, रोहड़ाई, पालावास, चांदनवास, खेड़ा जो बारिश के समय जल मग्न हो जाते थे। हमने साढ़े 18 करोड़ का बजट स्वीकृत कराकर इन गांवों में ठहरने वाले बरसाती पानी को पाइप बिछाकर नहरों में डालने का काम किया। नतीजा कई सालों से बरसाती पानी की मुसीबत झेल रहे इन गांवों को बहुत बड़ी राहत मिल गई और पानी का सदुपयोग भी हो गया। हमारा दक्षिण हरियाणा एक एक बूंद को बचाने के लिए दृढ़ संकल्प है। इसलिए पानी के संचय एवं उसके सही उपयोग के लिए जनप्रतिनिधि होने के नाते लगातार इस पर काम कर रहा हूं। इन प्रयासों में सबसे गर्व करने वाली बात यह भी है कि डहीना एवं खोल खंड से लगते गांव निमोठ, जेनाबाद, ठेठराबाद जहां आस पास वाटर लेवल 700 फीट गहरा चला गया था। उसे ऊपर लाने के लिए पास से गुजर रही कृष्णावती नदी जो मानुपरा से कोसली में आती है उसकी छंटाई कराकर मरम्मत कराई। ताकि जल स्तर ऊपर उठ जाए। नहरी परियोजनों से कोसली को खुशहाल एवं हरा भरा बनाने के लिए मुख्यमंत्री मनोहरलाल का हर समय सहयोग मिलता रहा। आज हम गर्व के साथ कह सकते हैं हमारा कोसली अब पीने के पानी को लेकर दिल खोलकर मुस्करा रहा है।

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