रणघोष की सीधी सपाट बात : रेवाड़ी पीईबी चुनाव ने बता दिया अब धड़ेबाजी का दौर खत्म

रणघोष खास. सुभाष चौधरी

हरियाणा में  रेवाड़ी शहर की चार प्रमुख शिक्षण संस्थाओ केएलपी कॉलेज, आरडीएस गर्ल्स कॉलेज, सतीश बीएड कॉलेज एवं सतीश पब्लिक  स्कूल को संचालित करते आ रहे पब्लिक एजुकेशन बोर्ड यानि पीईबी के इस बार आए चुनाव परिणाम ने कई सालों से चलती आ रही धड़ेबाजी, गुटबाजी, जातिवाद के समीकरण को काफी हद तक खत्म करने का काम किया है। कुल 70 कॉलेजियम सदस्यों में एक तिहाई ऐसे चेहरे हैं जिन्होंने खामोशी से अपने दम पर चुनाव को जीता। इससे पूर्व होते आ रहे चुनाव की परिपाटी दो धड़ों में बंटकर अलग अलग हथकंडों व कलाबाजी के रास्ते अपने मकसद को पूरा करती आ रही थी। दरअसल इस चुनाव में हर बार आधे से ज्यादा इसलिए मैदान में उतरते हैँ कि उन्हें सामाजिक रूतबा मिले ओर वे शिक्षण संस्थानों में अलग अलग पदों पर काबिज होकर अलग से असरदार कहलाए। यह गलत भी नहीं है लेकिन जिस मकसद से पीईबी का गठन हुआ है वह उस राह पर चलने की बजाय आपसी चौधराहट में ज्यादा उलझती जा रही है। यही वजह है कि इस चुनाव में किसी भी धड़े के पास अपने शिक्षण संस्थानों में शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने के लिए कोई आधिकारिक एजेंडा या घोषणा पत्र नहीं था। कुछ पूर्व पदाधिकारियों ने अपने कार्यकाल में बेहतर करने का प्रयास किया तो वे भी चुनाव में जातिवाद व धड़ेबाजी का शिकार हो गए। इस बार के चुनाव में कुछ युवाओं ने अपने स्तर पर मैदान में उतर इस तरह की व्यवस्था को सीधे चुनौती दी है। हालांकि यह आसान नहीं है इतना है जरूर है कि बेहतर बदलाव की शुरूआत हो चुकी है। 31 मार्च को चुने गए कॉलेजियम सदस्य पीईबी की नई टीम का गठन करेंगे। इस प्रक्रिया में गुटबाजी या धड़ेबाजी हावी रहती है या शिक्षा के स्तर को बेहतर बनाने वालों के इरादे। यह देखने वाली बात होगी।