Success Story:सुंदर पिचाई की टक्कर का एक और IIT धुरंधर, रोज की सैलरी 37 लाख, अमेरिका में सब करते हैं सलाम

अमेरिका आईटी कंपनी इंटरनेशनल बिजनेस मशीन्स (IBM) के भारतीय मूल के सीईओ अ‍रविंद कृष्‍णा (Arvind Krishna) की काबिलियत का लोहा पूरा अमेरिका मानता है. यही कारण है कि आईबीएम के सीईओ के साथ ही उन्‍हें फेडरल रिजर्व बैंक ऑफ न्यूयार्क के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में भी शामिल किया गया है. कृष्‍णा इस समय आईबीएम में 7800 नौकरियों को आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) से रिप्‍लेस करने की अपनी योजना के कारण चर्चा में है. कृष्‍णा का प्‍लान 5 साल में आईबीएम में 30 फीसदी नॉन-कस्‍टमर फेसिंग वाले रोल यानी जिसमें कस्‍टमर से सीधा संपर्क करने की जरूरत नहीं है, ऐसे जॉब्‍स को AI और Automation के जरिये रीप्‍लेस किया जाएगा.

अपने यूनिक आइडियाज के लिए पहचाने जाने वाले अरविंद कृष्‍णा के पास 15 पेटेंट हैं. उन्होंने आईआईटी कानपुर (IIT Kanpur) से ग्रेजुएशन और यूनिवर्सिटी ऑफ इलिनॉय से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में पीएचडी की. उनका नाम दुनिया में सबसे ज्‍यादा सैलरी लेने वाले सीईओ की लिस्‍ट में शामिल है. कृष्‍णा ने 1990 में आईबीएम ज्‍वाइन की थी. अपनी मेहनत और सूझबूझ के दम पर आईबीएम में मैनेजर के पद से शुरुआत करने वाले कृष्‍णा 2020 में कंपनी के सीईओ बन गए. सीईओ बनने से पहले वे आईबीएम में वाइस प्रेसीडेंट का पद संभाल रहे थे.

रोजाना मिलते हैं 37 लाख रुपये
साल 2022 में आईबीएम ने अरविंद कृष्‍णा को 16.5 मिलियन डॉलर यानी करीब 135 करोड़ रुपये सैलरी दी. इसका मतलब है कि उन्‍होंने प्रतिदिन 37 लाख रुपये वेतन पाया. उनक सालाना वेतन 1.5 मिलियन डॉलर था तो उन्‍हें 8.9 मिलियन के स्‍टॉक अवार्ड मिले. इसके अलावा 2 मिलियन डॉलर उन्‍हें स्‍टॉक ऑप्‍शन के रूप में हासिल हुए.

आईबीएम को आगे बढ़ाने में अहम योगदान
पिछले कई वर्षों से अरविंद कृष्‍णा ने आईबीएम में अहम पदों पर काम किया है. आईबीएम को आगे बढ़ाने में उनकी अहम भूमिका रही है. हाल ही में अरविंद कृष्‍णा ने रेड हैट नाम की कंपनी के 34 बिलियन डॉलर में अधिग्रहण करने वाली टीम की अगुवाई की थी.

फेडरल रिजर्व बैंक ऑफ न्यूयॉर्क के बोर्ड निदेशक
फेडरल रिजर्व बैंक ऑफ न्यूयॉर्क के बोर्ड ऑफ डायरेक्‍टर में अरविंद कृष्‍णा शामिल हैं. वे ‘क्लास बी निदेशक’ हैं और 31 दिसंबर 2023 तक इस पद पर रहेंगे. बैंक ने उन्‍हें निदेशक बनाते वक्‍त कहा था, ‘‘अपनी वर्तमान एवं पूर्व भूमिकाओं में कृष्ण ने क्लाउड, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस, ब्लॉक चेन और क्वांटम कम्प्यूटिंग जैसे क्षेत्रों में आईबीएम के लिए नए बाजारों का निर्माण और विस्तार किया. उन्होंने इन उभरती टेक्नोलोजी पर आधारित आईबीएम के नवोन्मेषी समाधान और उत्पादों के विकास में भी अहम भूमिका निभाई है.’

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