नापाक इरादों से भारत में की घुसपैठ, चंद दिनों में हासिल किया पासपोर्ट, बौद्ध भिक्षु बन की 3 देशों की यात्रा, और फिर…

दिल्‍ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्‍ट्रीय एयरपोर्ट से बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है. मामले के तहत, एक शख्‍स नापाक इरादे लेकर भारत में घुसपैठ करता है. कुछ ही दिनों में वह आधार कार्ड और पासपोर्ट सहित तमाम दस्‍तावेज हासिल कर लेता है. इसके बाद, वह भारत के विभिन्‍न शहरों में अलग-अलग भेष बदल कर रहता है. आखिर में, अपने मंसूबों को अंजाम देने के लिए उसने बौद्ध भिक्षु का भेष धारण कर लिया. उसका यह भेष ऐसा था कि असली बौद्ध भिक्षु भी उसके नाटक को नहीं पकउ़ पाए.

दिल्‍ली एयरपोर्ट की सुरक्षा से जुड़े वरिष्‍ठ अधिकारी के अनुसार, यह शख्‍स त्रिपुरा के मतिरंगा-सबरूम बार्डर से घुसपैठ कर 11 अगस्‍त 2021 को भारत में दाखिल हुआ था. भारत सीमा में दाखिल होने के बाद वह शुरुआती चार-पांच दिनों तक अगरतला के एक अस्पताल के पास स्थित होटल में रुका. अगरतला में ही उसे एक एजेंट ने भारतीय दस्‍तावेज और पहचान पत्र उपलब्‍ध कराए. इनमें अगरतला के एक अस्‍पताल द्वारा जारी जन्‍म प्रमाण पत्र, आधार कार्ड और पैन कार्ड शामिल था.

महज 6500 रुपए में मिल गया आधार और पैन कार्ड
वरिष्‍ठ सुरक्षा अधिकारी के अनुसार, आरोपी को महज 6500 रुपए के एवज में सभी भारतीय दस्‍तावेज उपलब्‍ध कराए गए थे. इन दस्‍तावेजों को हासिल करने के बाद वह अगरतला से कोलकाता होते पुणे पहुंच गया. पुणे पहुंचने के बाद उसने अपने एक जानकार की मदद से शिवाजीनगर की एक सोसायटी में सुरक्षा गार्ड की नौकरी हासिल कर ली. इसके बाद, उसने हुस्सियन नाम के एक स्थानीय व्यक्ति की मदद से अपने आधार कार्ड का पता त्रिपुरा से बदलवाकर महाराष्ट्र का कर लिया.

सभी दस्‍तावेज पूरी तरह से पुख्‍ता करने के बाद उसने पासपोर्ट के लिए आवेदन कर दिया. इसके बाद, अपनी साजिश को अंजाम देने के लिए उसने बौद्ध भिक्षु का रूप धारण करने का फैसला किया. वह तक तक बौद्ध भिक्षुओं के इर्द-गिर्द घूमता रहा, जब तक वह उसके सभी क्रियाकलाप अच्‍छी तरह से सीख नहीं गया. इसके बाद, उसने खुद को बौद्ध भिक्षुओं के गोम्पा संघ में पंजीकृत कराया और चीवर (भिक्षु पोशाक) धारण कर लिया.

हासिल किया स्पेन बौद्ध संघ का प्रस्ताव पत्र और शेंगेन वीजा
आरोपी ने सुरक्षा एजेंसियों का भरोसा हासिल करने के लिए फर्जीवाड़ा कर हासिल किए गए भारतीय पासपोर्अ से कंबोडिया, थाईलैंड और वियतनाम की यात्रा की. इन दोनों की सफल यात्रा के बाद आरोपी को लगा कि अब वह अपनी साजिश को अंतिम रूप दे सकता है. लिहाजा, उसने उसने एक प्रतिष्ठित बौद्ध गोम्पा (संघ) का फर्जी सदस्यता पत्र बनाया और इसका इस्‍तेमाल स्पेन बौद्ध संघ से प्रस्ताव पत्र प्राप्त करने और शेंगेन वीजा हासिल करने के लिए किया.

शेंगेन वीजा हासिल करने के बाद वह बिना किसी बाधा के स्‍पेन के लिए रवाना होग गया. लेकिन, स्‍पेन पहुंचते ही उसकी पोल खुल गई और वहां की सुरक्षा एजेंसियों ने उसे दिल्‍ली के आईजीआई एयरपोर्ट के लिए डिपोर्ट कर दिया. दिल्‍ली पहुंचते ही इमीग्रेशन विभाग ने हिरासत में लेकर उससे पूछताछ की. पूछताछ में पता चला कि वह एक बांग्‍लादेशी नागरिक है और किसी भी सूरत में स्‍पेन में जाकर बसना चाहता था. अपनी इसी चाहत को पूरी करने के लिए उसने इतनी बड़ी साजिश रची. इस खुलासे के बाद दिल्‍ली एयरपोर्ट पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया.

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