85 साल के मांगेराम का एक ही मंत्र शिक्षा का असली मतलब ही स्वस्थ्य जीवन है

रणघोष अपडेट. सुधराना की कलम से


उपमंडल कोसली के गांव सुधराना के 85 साल के मांगेराम एवं दो साल छोटी  पत्नी भगवती आज भी  दूरी तरह से स्वस्थ्य है। दोनो अपना रूटीन का काम खुद करते हेँ। उनके दो बेटे एवं दो बेटियां है। सभी मिलाकर परिवार में 12 सदस्य है। 12 वीं पास मांगेराम जमींदारा करते हैं उन्होंने शिक्षा में एक ही मूल मंत्र सीखा है। स्वस्थ्य रहो। अगर शरीर पूरी तरह से ठीक रहेगा शिक्षा का वास भी वहीं होगा। तमाम सुविधाओं के बीच आज भी उनके घर में चूल्हे की रोटी और दूध दही के लिए पशुधन को प्राथमिकता दी हुई है। उनके बेटे कृष्ण बताते हैं कि उनके माता-पिता अपने स्वास्थ्य को लेकर हम से ज्यादा चिंता करते हैं। सुबह पांच उठ जाते हैं ओर नहा धोकर खेतों में या इधर उधर घूमने चले जाते हैं। वे हमें शिक्षा के साथ साथ स्वस्थ्य जीवन के बारे में हमेशा कहते रहते हैं। सादा जीवन ऊंच विचार और सादा  खान पान ही उनकी सेहत का राज है।

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