Karwa Chauth 2023: करवा चौथ से जुड़े 10 रोचक सवाल, 99% लोग नहीं जानते होंगे जवाब, पंडित जी ने बताए राज

Karwa chauth 2023: कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवाचौथ का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है. इस वर्ष ये पर्व 01 नवंबर दिन बुधवार को पड़ रहा है. हिंदू धर्म में करवाचौथ व्रत का बड़ा महत्व होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन महिलाएं पति की लंबी उम्र की कामना से दिनभर निर्जला व्रत करती हैं. इसके बाद रात को चंद्र देव को अर्घ्य देकर पति के हाथों से पानी पीकर व्रत खोलती हैं. हालांकि, इस दौरान लोगों के जहन में ऐसे सवाल होते हैं, जिनसे ज्यादातर लोग अंजान होते हैं. जैसे करवा चौथ का व्रत कैसे रखें? करवे में क्या भरना चाहिए? छलनी से पति को क्यों निहारते हैं? कौन सी दिशा अधिक शुभ? ऐसे ही करवा चौथ से जुड़े रोचक सवालों का जवाब दे रहे हैं उन्नाव के ज्योतिषाचार्य पं. ऋषिकांत मिश्र शास्त्री-

  • करवा चौथ की तैयारी कैसे करनी चाहिए?
    करवा चौथ की तैयारी करने के लिए सबसे पहले थाली में एक आटे से बना दीपक होना चाहिए. उस दीपक में रुई की बाती का होना बेहद जरूरी है. इसमें मिट्टी का करवा भी अवश्य रखें. इसके अलावा, इसमें एक जल का कलश भी रखें, जिससे आप चंद्रमा को अर्घ्य देंगे. साथ ही छलनी का होना भी जरूरी है, जिससे आप चांद के दर्शन करें.
  • करवे में क्या भरा जाना चाहिए
    कुछ लोग करवा में गेहूं और उसके ढक्कन में शक्कर को भरते हैं. फिर करवा पर 13 रोली की बिंदी को रखकर हाथ में गेहूं या चावल के दाने लेकर करवा चौथ की कथा सुनी जाती है. फिर कथा को सुनने के बाद करवा पर हाथ घुमाकर महिलाएं अपनी सास के पैर छूकर आशीर्वाद लेती हैं और उनको करवा देती हैं. कई जगहों पर करवा में दूध भरा जाता है और तांबे या चांदी का सिक्का डाला जाता है.
  • क्या सरगी से पहले नहाना जरूरी है?
    इस शुभ दिन की तैयारी सुबह से ही शुरू हो जाती है और व्रत रखने वाली महिला सूरज की पहली रोशनी से पहले स्नान करती हैं और अपनी सास द्वारा दी गई सरगी खाती हैं. यह सरगी थाली इस तरह से तैयार की जाती है कि यह व्रत रखने वाली महिला को पूरे दिन ऊर्जा प्रदान करती है.
  • छलनी से क्यों करते हैं पति का दीदार
    मान्यता है कि छलनी में हजारों छेद होते हैं, जिससे चांद के दर्शन करने से छेदों की संख्या जितनी प्रतिबिंब दिखते हैं. अब छलनी से पति को देखते हैं तो पति की आयु भी उतनी ही गुना बढ़ जाती है. इसलिए करवा चौथ का व्रत करने के बाद चांद को देखने और पति को देखने के लिए छलनी प्रयोग की जाती है इसके बिना करवा चौथ अधूरा है.
  • करवा चौथ के दिन चंद्रमा को अरग कैसे दिया जाता है?
    करवाचौथ व्रत का पारण चंद्रमा को अर्घ्य देकर ही किया जाता है. तो ऐसे में आपको बता दें कि चंद्रमा को अर्घ्य देते समय आपकी दिशा उत्तर-पश्चिम की ओर होनी चाहिए. इस दिशा में मुख करके चंद्रदेव को अर्घ्य देने से पूजा का पूर्ण फल प्राप्त होता है. और वैवाहिक जीवन में खुशियां आती है.
  • करवा चौथ की पूजा घर में कैसे करते हैं?
    करवा के पूजन के साथ एक लोटे में जल भी रखें इससे चन्द्रमा को अर्घ्य दिया जाता है. पूजा करते समय करवा चौथ व्रत कथाका पाठ करें. चांद निकलने के बाद छलनी की ओट से पति को देखें फिर चांद के दर्शन करें. चन्द्रमा को जल से अर्घ्य दें और पति की लंबी उम्र की प्रार्थना करें.
  • करवा चौथ पर कौन सा रंग नहीं पहनना चाहिए?
    करवा चौथ त्योहार का रंग लाल है क्योंकि इसे शुभ माना जाता है और उत्सव के दौरान महिलाएं इसे पहनती हैं. हालांकि, कुछ अन्य रंग भी हैं जिन्हें विवाहित महिलाएं पहन सकती हैं, जिनमें पीला, हरा, गुलाबी और नारंगी शामिल हैं. हालांकि, उन्हें काले या सफेद रंगों से बचना चाहिए.
  • करवा चौथ पर किस भगवान की पूजा की जाती है?
    लंबी उम्र और सौभाग्य के लिए इस दिन चंद्रमा की पूजा की जाती है. इसके अलावा भगवान शिव, माता पार्वती और श्रीगणेश की भी पूजा की जाती है. इसी तिथि पर शाम को चंद्र उदय के बाद चंद्रदेव को अर्घ्य अर्पित करना चाहिए. इसके लिए चांदी के लोटे में दूध भरें और चंद्र को देखते हुए अर्घ्य चढ़ाएं. इस दौरान चंद्र मंत्र ऊँ सों सोमाय नम: मंत्र का जप करना चाहिए.
  • चांद को अरग कैसे दे?
    गृहाणार्घ्यं मया दत्तं गणेशप्रतिरूपक॥ का उच्चारण करते हुए अर्घ्य दें. फिर उन्हें प्रणाम करके पति की लंबी आयु और सुखी जीवन की प्रार्थना करें. इसके बाद पति के हाथों जल ग्रहण करके अपना व्रत पूरा करें. चांद न दिखने की सूरत में इस प्रकार से अर्घ्य दिया जा सकता है.
  • चंद्रमा को जल चढ़ाने से क्या होता है?
    शास्त्रों के अनुसार, पूर्णिमा की रात्रि चंद्र के उदय होने के बाद लोटे से जल व दूध का अर्घ्य देना शुभ होता है. इससे चंद्र देव की कृपा बनी रहती है. पूर्णिमा पर चंद्र देव को देखकर ऊँ सों सोमाय नम: मंत्र का जाप 108 बार करना चाहिए, इससे जीवन में अपार सफलता मिलती है.

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