आरती राव की जीत रामपुरा हाउस के लिए सबक है, भाग्य का धन्यवाद कीजिए
रणघोष अपडेट. अटेली से
दक्षिण हरियाणा की सबसे चर्चित ओर हाटॅ सीट अटेली विधानसभा सीट पर केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने अपनी बेटी आरती राव को जीताने के लिए अपना सबकुछ दांव पर लगा दिया। अपने समर्थक उम्मीदवारो की जीत का पैमाना तय करने वाले राव इंद्रजीत सिंह के लिए आरती को जीताना अपने राजनीतिक जीवन में सबसे बड़ी जंग जीतना जैसा रहा है। अंतिम समय में भाग्य ने साथ दिया ओर आरती महज ढाई हजार से ज्यादा वोटों से किसी तरह जीतकर परिवार की प्रतिष्ठा को कायम रखने में सफल रही। सुबह से ही मतगणना शुरू होते ही आरती राव पूरी तरह से संघर्ष करती नजर आ रही थी। कई बार दौर आए जब लगा की बसपा प्रत्याशी अतरलाल जीतने जा रहे हैं। अंतिम तीन से चार राउंड में आरती को मिली थोड़ी सी बढ़त ओर शेष बचे गांवों में जातिगत समीकरण के चलते आरती किसी तरह जीत की दहलीज पर पहुंच गईं। राव इंद्रजीत सिंह ने सपने में भी नही सोचा था की उनके लिए सबसे सुरक्षित कहलाए जाने वाली अटेली इतना संघर्ष में आ जाएगी। देखा जाए तो यह जीत रामपुरा हाउस के लिए बहुत बड़ा सबक है। राव इंद्रजीत को समझना ही होगा उनके पास समर्थकों की जो टीम नजर आ रही है उसमें मूल्याकंन करने का समय आ चुका है। साथ ही अपने प्रबंधन को भी समय के साथ बदलना होगा। समर्थकों में बहुत से ऐसे भी है जो राव इंद्रजीत के नाम का एटीएम की तरह इस्तेमाल करते हैं जिसके कारण राव की जमीनी ताकत पहले से ज्यादा कमजोर हुई है। यह जीत खुशी मनाने से ज्यादा सबक देने वाली रही। उधर बसपा से अतरलाल ने साबित कर दिया की अपने व्यवहार ओर सामाजिक संबंधों से भी अपना अलग मुकाम हासिल किया जा सकता है। अतरलाल बेशक जीत नही पाए लेकिन अपने दम पर 45 हजार से ज्यादा वोट लेकर साबित कर दिया की वे यहां के लोगों का दिल जीतने में जरूर सफल हुए। तीसरे नंबर पर कांग्रेस उम्मीदवार अनिता यादव ने भी अपने दम पर मुकाबले में अपनी दावेदारी को किसी सूरत में कम नही होने दिया। अनिता ने भी कांग्रेस से ज्यादा खुद की ताकत से यह चुनाव लड़ा।