कोसली में भाजपा की जीत ओर कांग्रेस की हार के मायने समझिए

कोसली में जगदीश शानदार लड़े लेकिन जीत अनिल का इंतजार कर रही थी


रणघोष अपडेट. कोसली

 दक्षिण हरियाणा की सबसे राजनीति उपजाऊ वाली कोसली सीट पर भाजपा उम्मीदवार अनिल यादव ने जिस शांत ओर सकारात्मक सोच के साथ  जिस तौर तरीकों से चुनाव लड़ा ओर जीता उससे लग रहा था की जीत पहले से ही उसके आने का इंतजार कर रही थी। कांग्रेस उम्मीदवार पूर्व मंत्री जगदीश यादव ने शानदार तरीके से इस चुनाव को लड़ा। कोई कमी नही छोड़ी लेकिन भाग्य ने अपना रूख पहले ही अनिल की तरफ मोड दिया था। अनिल यादव पहली बार केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के आशीर्वाद से मैदान में उतरे थे। उन्होंने बहुत कम समय में अपने प्रबंधन को मजबूत किया। उसके  पास पहले से ही रामपुरा हाउस के समर्थक ओर भाजपा संगठन मौजूद था। इसलिए प्रत्येक गांवों में पहुंचने में उन्हें कोई दिक्कत नही आईं। उधर जगदीश यादव कोसली की जमीन से अच्छी तरह वाकिफ थे। उन्हें पता था की रामपुरा हाउस के एकजुट हो जाने पर उनके पास सांसद दीपेंद्र हुडडा का साथ ओर कांग्रेस की टिकट के अलावा कुछ नही है। जगदीश के पास भाजपा जैसा  संगठन नही था लेकिन अपने समर्थकों की अच्छी खासी फौज जरूर थी लेकिन वो जमीन पर कम आपसी चर्चा पर ज्यादा मेहनत करती रही। देखा जाए तो यह अनिल की रोमाचंक जीत थी लेकिन जगदीश् यादव के लिए अंतिम समय तक मैदान में डटे रहने वाली हिम्मत से भरी हार थी।