चुनाव में मुंगेरी लाल के हसीन सपने लेना छोड़े भाजपाई, पहले घर संभाले

हर सीट पर भाजपा प्रबंधन कागजों में मजबूत हकीकत में बिखरा हुआ


रणघोष अपडेट. महेंद्रगढ़. रेवाड़ी

हरियाणा विधानसभा चुनाव में तीसरी बार सरकार बनाने का इरादा लेकर भाजपा का अभी तक का रिपोर्ट कार्ड सामने आ चुका है। चुनावी प्रबंधन के नाम पर वह कागजों में जबरदस्त तरीके से मजबूत है धरातल पर पूरी तरह से बिखरी हुई है। सबकुछ राम भरोसे चल रहा है। महेंद्रगढ़ की चार और रेवाड़ी की तीन सीटों की रिपोर्ट से स्पष्ट हो जाएगा की संगठन के नाम पर महज रस्म अदायगी है। शुरूआत महेंद्रगढ़ से करते हैं। यहां भाजपा उम्मीदवार कंवर सिंह यादव के लिए सबकुछ पहली बार हो रहा है। संगठन के तोर पर उनका अच्छा खासा अनुभव रहा है लेकिन वे खुद कार्यक्रमों में पूरी तरह से दिन रात उलझे हुए हैं इसलिए उन्हें मौजूदा टीम के हिसाब से चलना पड़ रहा है। यहां से प्रो. रामबिलास शर्मा की टिकट कटने के बाद से संगठन पूरी तरह से बिखर चुका है। आपसी गुटबाजी ओर खिंचतान के बीच कंवर सिंह यादव को जीतने के लिए अब अपने ही मिलने वालों की टीम तैयार करनी पड़ रही है। यही स्थिति नारनौल में बनी हुई है। नांगल चौधरी में यहां से दो बार विधायक रहे डॉ. अभय सिंह यादव ने समय रहते सबकुछ संभाल लिया है लेकिन भाजपा कार्यकर्ताओं में अभी वो करंट नही है जो मौजूदा हालात में चाहिए। अटेली में भी केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव के चुनाव को उनके समर्थकों ने संभाल रखा है। भाजपा संगठन एक कोने में खड़ा होकर महज नजारा देख रहा है। रेवाड़ी में भी संगठन के तौर पर सक्रियता कम हाजिरी ज्यादा लग रही है। जनसंपर्क अभियान को लेकर पदाधिकारियों एवं कार्यकर्ताओं में कोई करंट नही है। सबसे बुरी स्थिति बावल की बनी हुई है। यहां से डॉ. कृष्ण कुमार के लिए राजनीति ओर चुनाव एकदम नया प्रयोग है। इस वजह से  वहां राव इंद्रजीत सिंह की जनसभा कराने के लिए एक एक व्यक्ति से बार बार अनुरोध किया जा रहा है। पुराने वर्कर अपने घरों पर आराम फरमा रहे हैं। यहां से दो बार विधायक रहे डॉ. बनवारीलाल ने टिकट कटने पर पूरी तरह से दूरिया बनाई हुई है। यही हाल अन्य दावेदारों और पदाधिकारियों का है। कोसली में भाजपा उम्मीदवार अनिल डहीना ने अपने दम पर टीम का गठन कर काफी हद तक स्थिति को कंट्रोल में कर लिया है लेकिन उन्हें संगठन का जो सहयोग मिलना चाहिए वह महज औपचारिकता में दिख रहा है। इस आधार यही हाल हरियाणा की अन्य विधानसभाओं का बन चुका है। यहा गौर करने लायक बात यह है हरियाणा चुनाव जीतने के लिए संगठन ने इस बार अच्छा खासा बजट जारी किया हुआ है इसमें भी जगह जगह से बंदरबांट करने की खबरें ओर सूचनाएं आ रही है कुछ पदाधिकारियो की तो ऑडियो तक है जिसका विपक्ष मतदान से कुछ दिन पहले वायरल करने की योजना बना रहा है। चंडीगढ़ और दिल्ली में चुनावी प्रबंधन संभालने वालों के पास कोई जमीनी हकीकत रिपोर्ट नहीं पहुंच रही है। सबकुछ कागजों में बेहतर दिखाकर बजट को इधर उधर ज्यादा किया जा रहा है। भाजपा के अनेक पदाधिकारी सार्वजनिक तौर पर भी इसे स्वीकार करने लगे हैं।